झारखंड MLA कैशकांड: स्टेट में कांग्रेस के लिए नई टेंशन, पार्टी में टूट की आशंका

झारखंड कांग्रेस में आजकल कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में 49 लाख लाख कैश के साथ पकड़े गये एमएलए इरफान अंसारी, राजेश कच्छप व नमन निक्स कोंगारी कोर्ट के आदे पर सीआइडी की रिमांड में हैं। पार्टी के प्रभारी अविनाश पांडेय ने कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्स के फेरबदल के भी संकेत पहले ही दे दिये हैं। हालांकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सारे गिले-शिकवे दूर कर लिये जाने की बात आ रही है, लेकिन पार्टी में मिनिस्टर के बदलाव के बाद भी फूट पड़ने की संभावना है।

झारखंड MLA कैशकांड: स्टेट में कांग्रेस के लिए नई टेंशन, पार्टी में टूट की आशंका
  • प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष से एक बड़ा तबक नाराज

रांची। झारखंड कांग्रेस में आजकल कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में 49 लाख लाख कैश के साथ पकड़े गये एमएलए इरफान अंसारी, राजेश कच्छप व नमन निक्स कोंगारी कोर्ट के आदे पर सीआइडी की रिमांड में हैं। पार्टी के प्रभारी अविनाश पांडेय ने कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्स के फेरबदल के भी संकेत पहले ही दे दिये हैं। हालांकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सारे गिले-शिकवे दूर कर लिये जाने की बात आ रही है, लेकिन पार्टी में मिनिस्टर के बदलाव के बाद भी फूट पड़ने की संभावना है। 

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पार्टी कांग्रेस कोटे के चार मिनिस्टर्स में से दो या तीन को बदलने का मन बना रही है। ऐसे में इनकी जगह दो या तीन एमएलए को मिनिस्टर बनने का मौका मिल सकेगा। ऐसे में जो एमएलए मिनिस्टर बन सकेंगे या फिर जिन्हें मिनिस्टर पोस्ट से हटना पड़ेगा वे विरोध का झंडा बुलंद कर सकते हैं। प्रसिडेंट इलेक्शन में कांग्रेस के नौ से 10 एमएलए ने क्रॉस वोटिंग की थी। वहीं, कैश कांड में पार्टी के कई अन्य एमएलए के भी शामिल होने की इंटरनल आंतरिक सूचना मिली है। 
पार्टी रिपोर्ट के अनुसार जो MLA न क्रॉस वोटिंग में शामिल थे और न ही कैश कांड में संलिप्त हैं, उन्हें पार्टी के साथ खड़े रहने के लिए मिनिस्ट पोस्ट मिल सकता है। पार्टी उन्हें शॉर्ट लिस्ट कर रही है। जो MLA दोनों में शामिल थे, उन्हें मिनिस्ट पोस्ट मिलने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि ऐसे MLA क्रॉस वोटिंग और कैश कांड में शामिल होने से इनकार भी कर रहे हैं। कैश कांड में पकड़े गये तीन MLA का बयान अन्य MLA का भविष्य तय करेगा। अगर इसमें किसी रूप में शामिल MLA को मिनिस्टर बनाया जाता है तो अन्य MLA में रोष पनपेगा। पार्टी में फूट की संभावना बढ़ेगी। ऐसे में पार्टी कैबिनेट में फेरबदल की प्रक्रिया आगे भी बढ़ा सकती है।
CBI का विरोध करने वालों को भी इसी एजेंसी पर भरोसा
कांग्रेस सीबीआई के दुरुपयोग का सेंट्रल गवर्नमेंट पर लगातार आरोप लगाती रही है। कैश कांड में फंसे पार्टी के तीनों MLA ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की कलकत्ता हाईकोर्ट से अपील भी की। ऐसे में सवाल है कि क्या कांग्रेस MLA को बंगाल पुलिस और वहां की सीआईडी की जांच पर भरोसा नहीं है। क्या CBI जो खुलासा करेगी वह सीआईडी नहीं कर सकेगी या फिर जांच में दबाव बनाया जा रहा है। सीआईडी को जांच में झारखंड सरकार का भी सहयोग मिल रहा है। ऐसे में कांग्रेस के MLA की ओर से सीबीआई जांच की मांग करना कई सवाल पैदा करता है।
झारखंड में  कांग्रेस के 18 एमएलए
झरखंड में कांग्रेस के पास प्रदीप यादव समेत 18 एमएलए हैं। प्रदीप यादव को झारखंड विधानसभा से अभी कांग्रेस विधायक की मान्यता नहीं मिली है। इस आधार पर कांग्रेस के अपने 17 एमएलए हैं। इनमें चार आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता व बादल राज्य सरकार में मिनिस्टर हैं। तीन एमएलए डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी व राजेश कच्छप कैश कांड में अभी बंगाल पुलिस की सीआइडी की रिमांड पर हैं। ऐसे में जेल में बंद एमएलए को छोड़ अन्य 10-11 एमएलए में से ही दो या तीन एमएलए को मिनिस्टर पोस्ट मिल सकता है।
प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष से नाराजगी
पार्टी सोर्सेज का कहना है कि एमएलए कैश कांड में कई एमएलए बेरमो एमएलए अनूप की भूमिका से नाराज है। आरोपी तीनों एमएलए समेत कईयों का कहना है कि जब अनूप सिंह को मिनिस्टरी, पैसे का ऑफर व असम के सीएम से  मिलान को कहा गया था उस समय वह चुप क्यों रहे। तीनों एमएलए के पकड़े जाने के बाद सामने क्यों आये। असम के सीएम  से कोयला मंत्री की मौजूदगी के दौरान यूपी के बीजेपी एमएलए सुशील सिंह को मौजूदगी को लेकर सवाल उछल रहे हैं। अनूप कह रहे हैं  कि इंटक के मामले को लेकर कोल मिनिस्टर से असम सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने मिलवाया। इस मुलाकाता की फोटो वायरल होने पर अनूप नेकहा कि सरम से 20 साल पुराना संबंध है। वह सीएम व प्रभारी को इस मुलाकात की जानकारी दिये जाने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रभारीव प्रदेश अध्यक्ष भी इस मामले पर अनूप की हां में हां मिला रहे हैं। 
अनूप इंटक में कोई बड़ा पदधारी नहीं है। इंटक के किसी  गुट ने  उन्हें किसी से वार्ता के लिए अधिकृत नहीं किया है। इंटक का मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में कोल मिनिस्टर इस मामले में क्या कर सकते हैं। एमएलए कैश कांड के बाद प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष जिस तरह अनूप को तरजीह दे रहे हैं,उससे एक बड़ा तबका नाराज है। इनमें कई एमएलए भी शामिल हैं।ऐसे में अगर अनूप सिंह को हेमंत कैबिनेट में कांग्रेस की ओर से मिनिस्टर बनाया जाता है तो पार्टी एमएलए में फूट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।