झारखंड: JPSC Mains 2022 का रिजल्ट घोषित, 802 कैंडिडेट सफल, इंटरव्यू नौ मई से

झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं सिविल सेवा मेन एग्जाम का रिजल्टशनिवार को जारी कर दिया। इसमें कुल 802 कैंडिडेट सफल घोषित हुए हैं। ये कैंडिडेट इंटरव्यू में शामिल होंगे। JPSC ऑफिस में इंटरव्यू में नौ मई से 16 मई तक आयोजित होगा। 

झारखंड: JPSC Mains 2022 का रिजल्ट घोषित, 802 कैंडिडेट सफल, इंटरव्यू नौ मई से

रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं सिविल सेवा मेन एग्जाम का रिजल्टशनिवार को जारी कर दिया। इसमें कुल 802 कैंडिडेट सफल घोषित हुए हैं। ये कैंडिडेट इंटरव्यू में शामिल होंगे। JPSC ऑफिस में इंटरव्यू में नौ मई से 16 मई तक आयोजित होगा। 

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सातवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 11 से 13 मार्च तक रांची के 11 सेंटरों पर हुई थी। आयोग ने एक माह 17 दिनों में ही इसका रिजल्ट जारी कर दिया। कैंडिडेट्स के इंटरव्यू से एक दिन पूर्व आयोग ऑफिस में ही उनके प्रमाणपत्रों की जांच होगी। इसके लिए आठ मई से 15 मई तक रौल के अनुसार डेट तय की गई हैं। इंटरव्यू के अगले दिन कैंडिडेट की रांची सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच होगी। इंटरव्यू में शामिल होने के लिए कैंडिडेट दो मई से आयोग की वेबसाइट से काल लेटर डाउनलोड कर सकेंगे। यह डाक से नहीं भेजा जायेगा। आयोग ने इंटरव्यू में शामिल होनेवाले कैंडिडेट्स को सभी आवश्यक प्रमाणपत्रों की मूल प्रति, दो स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति, दो पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ के अलावा एक फोटोयुक्त पहचान पत्र (मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में से कोई एक) लाने को कहा है। 
उल्लेखनीय कि कुल 252 पदों पर नियुक्ति के लिए सातवीं सिविल सेवा एग्जाम चार वर्षों वर्ष 2017, 2018, 2019 तथा 2020 के लिए के लिए एक साथ हुई है। प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम में उत्तीर्ण घोषित अभ्यर्थियों में आवेदन भरनेवाले 4,749 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किये थे। हालांकि इनमें लगभग चार हजार अभ्यर्थी ही सभी पत्रों की परीक्षा में शामिल हो सके थे।
पीटी एग्जाम हुआ था विवादित, जारी हुआ था संशोधित रिजल्ट

प्रारंभिक परीक्षा में विवाद होने के कारण जेपीएससी को झारखंड हाई कोर्ट की अनुमति से इस एग्जाम का संशोधित रिजल्ट जारी करना पड़ा था। इसमें कुल 4,885 कैंडिडेट मेन एग्जाम के लिए उत्तीर्ण घोषित किये गये थे। दरअसल, आयोग ने पूर्व में प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण लागू कर परिणाम जारी कर दिया था। मामला कोर्ट में जाने पर आयोग ने कुमार संयम एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में स्वीकार किया कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण लागू करना गलत था। साथ ही कोर्ट से संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश मांगा। इससे पहले साहिबगंज तथा लातेहार के एक-एक सेंटरों पर हुई प्रारंभिक परीक्षा में सीरियल नंबर से कैंडिडेट के सफल होने पर सवाल उठे थे। इसपर विवाद होने पर आयोग ने 49 सफल कैंडिडेट को बाद में असफल घोषित कर दिया था।