झारखंड: गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे फर्जी डिग्री मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, स्टेट गवर्नमेंट ने जांच को बताया सही

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में मंगलवार को  डिग्री विवाद मामले में आरोपित गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में सरकार और सूचक की ओर से बहस पूरी कर ली गई। अब प्रार्थी की ओर से अगली सुनवाई 30 मार्च को जबाव दी जायेगी। 

झारखंड: गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे फर्जी डिग्री मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, स्टेट गवर्नमेंट ने जांच को बताया सही
  • निशिकांत दूबे आज देंगे जवाब

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में मंगलवार को  डिग्री विवाद मामले में आरोपित गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में सरकार और सूचक की ओर से बहस पूरी कर ली गई। अब प्रार्थी की ओर से अगली सुनवाई 30 मार्च को जबाव दी जायेगी। 
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निशिकांत दुबे की ओर से आज दिया जायेगा जवाब
एमपी निशिकांत दुबे के खिलाफ एमबीए की डिग्री फर्जी होने का हवाला देकर एफआइआर दर्ज कराई गई है। निशिकांत दूबे ने एफआइआर को निरस्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान स्टेट गवर्नमेंट की ओर से कहा गया कि निशिकांत दुबे ने वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में एमबीए की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त करने की जानकारी दी है। झूठी डिग्री का हवाला देकर उन्होंने लोगों में भ्रम फैलाया है। इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करते हुए इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस पर लोअर कोर्ट की ओर से संज्ञान भी सही धाराओं में लिया गया है। वहीं, मामले में भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत की गई थी। उन्होंने बिना जांच किये ही शिकायत को खारिज कर दिया, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। यहां सुनवाई लंबित है। मामले में पुलिस की कार्रवाई नियमानुसार बिल्कुल सही है। पुलिस को ऐसा करने का अधिकार भी है।

चुनाव आयोग ने कहा, शिकायत कार्रवाई योग्य नहीं थी

इस दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि इसकी शिकायत आयोग को मिली थी। आयोग ने इस मामले में कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई से आयोग को कोई लेना नहीं है। इस पर प्रार्थी की ओर से बुधवार को जवाब दिया जायेगा। इस दौरान सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद और चुनाव आयोग की ओर से डा. अशोक कुमार सिंह ने पक्ष रखा।