झारखंड: रांची हिंसा पर गवर्नर नाराज, कहा-उपद्रवियों का नाम और पता सार्वजनिक करें,आरोपियों की फोटो होर्डिंग में लगवाएं

झारखंड के गवर्नर रमेश बैस ने 10 जून को रांची के मेन रोड में उग्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई पत्थरबाजी और तोड़-फोड़ की हिंसक घटना पर नाराजगी जाहिर किया है।उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में एक भी उपद्रवी बख्शे नहीं जाने चाहिए। इस घटना के लिए जो भी दोषी हों, उनके विरुद्ध शीघ्र कानूनी कार्रवाई हो। गवर्नर ने सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा, एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर के अलावा रांची के डीसी छवि रंजन तथा एसएसपी सुरेंद्र झा को राजभवन बुलाकर उक्त घटना को रोकने के लिए की गई आवश्यक कार्रवाई की जानकारी ली। घटना के बाद अबतक की गई कार्रवाई के बारे में भी पूछताछ की। 

झारखंड: रांची हिंसा पर गवर्नर नाराज, कहा-उपद्रवियों का नाम और पता सार्वजनिक करें,आरोपियों की फोटो होर्डिंग में लगवाएं
  • प्रशासन से पूछा क्यों नहीं उठाये गये घटना को रोकने के लिए एहतियाती कदम
  • डीजीपी ने किया स्वीकार- आइबी ने 150 लोगों द्वारा अराजकता फैलाने की आशंका का दिया था इनपुट

रांची। झारखंड के गवर्नर रमेश बैस ने 10 जून को रांची के मेन रोड में उग्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई पत्थरबाजी और तोड़-फोड़ की हिंसक घटना पर नाराजगी जाहिर किया है।उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में एक भी उपद्रवी बख्शे नहीं जाने चाहिए। इस घटना के लिए जो भी दोषी हों, उनके विरुद्ध शीघ्र कानूनी कार्रवाई हो। गवर्नर ने सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा, एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर के अलावा रांची के डीसी छवि रंजन तथा एसएसपी सुरेंद्र झा को राजभवन बुलाकर उक्त घटना को रोकने के लिए की गई आवश्यक कार्रवाई की जानकारी ली। घटना के बाद अबतक की गई कार्रवाई के बारे में भी पूछताछ की। 

यह भी पढ़ें:सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अगर स्त्री पुरुष पति पत्नी की तरह साथ रहते हैं तो माना जाता है कि उनकी शादी हुई है
गवर्नर ने अफशरों से कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों और पकड़े गये लोगों की पूरी जानकारी लें। उनका नाम और पता सार्वजनिक करें। शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरें होर्डिंग में लगवायें ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके। उन्होंने कहा कि जो लोग इन घटनाओं के बारे में या इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैला रहे हैं, उनकी भी पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उन्हें सजा देने की जरूरत है। डीजीपी ने स्वीकार किया कि इंटेलिजेंस ने 150 लोगों द्वारा अराजकता फैलाने की आशंका का इनपुट दिया था। महामहिम ने अफसरों से उक्त घटना के बाद रांची में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर की जा रही कार्रवाई की भी जानकारी ली। उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा कि विधि व्यवस्था कायम करने में किसी प्रकार की कोताही न हो। किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत हरगिज नहीं दी जा सकती।उल्लेखनीय है कि गवर्नर ने इससे पहले भी डीजीपी व एडीजी ऑपरेशन को फोन कर घटना में शामिल लोगों को शीघ्र अरेस्टकरने के निर्देश दिये थे। सीएम हेमंत सोरेन को भी फोन कर घटना की जानकारी ली थी। बताया जाता है कि राजभवन सेंट्रल होम मिनिस्टरी को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। होम मिनिस्टरी इस घटना की पूरी रिपोर्ट राजभवन को देने को कहा है।

घटना को रोकने के लिए आइबी, सीआइडी ने क्या दिए थे इनपुट

गवर्नर ने अफसरों पूछा कि प्रस्तावित जुलूस को लेकर इस तरह की घटना को रोकने के लिए क्या इंतजाम किए गए थे। वह अफसरों के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। पूछा कि प्रस्तावित घटना, धरना, प्रदर्शन, जुलूस के बारे में प्रशासन के पास क्या जानकारी थी। जिला डीजीपी महानिदेशक से पूछा कि आइबी, सीआइडी तथा स्पेशल ब्रांच ने क्या-क्या इनपुट दिए थे? जुलूस के दौरान किसी तरह की घटना को रोकने के लिए कितने सुरक्षा कर्मी और दंडाधिकारी वहां तैनात किए गए थे। उन्होंने नाराजगी प्रकट करते हुए यह सवाल भी किये गये कि घटना को रोकने के लिए क्यों नहीं ऐहतियाती कदम उठाये गये।
गवर्नर ने पूछा 
जुलूस के दौरान वाटर केनन, रबर बुलेट्स और आंसू गैस के इस्तेमाल क्यों नहीं किए गए। इसके इंतजाम वहां क्यों नहीं किए गए थे?
पुलिस अधिकारियों व कर्मियों ने हेलमेट और सुरक्षा गीयर क्यों नहीं पहने हुए थे?
अबतक 29 लोग हिरासत में लिये गये हैं, गिरफ्तारी एक भी नहीं

डीजीपी ने गवर्नर को बताया कि मामले में अभी तक 29 लोग कस्टडीमें लिए गये हैं। हालांकि एक भी अरेस्टिंग नहीं हुई है। गवर्नरने इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना में अभी तक कए भी गिरफ्तारी नहीं होना चिंताजनक है। डीजीपी ने बताया कि जो भी वीडियो फुटेज या फोटोग्राफ मिले हैं, उनसे मिलान किया जा रहा है। दर्ज एफआइआर के आधार पर नेम्ड लोगों को खोजा जा रहा है।

गुमला, रांची और जमशेदपुर में की घटनाओं की ली जानकारी

गवर्नर ने पुलिस अफसरों से रांची में ज्वेलरी कारोबारी की हत्या समेत अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं की भी जानकारी और की गई कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने गुमला में दुष्कर्म के आरोपित युवक को भीड़ द्वारा जिंदा जलाकर मार देने की घटना, रांची में ज्वेलरी व्यवसायी राजेश कुमार पाल के साथ लूटपाट व उनकी हत्या का मामला, जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर में तीन युवकों की गोली मारकर की गई हत्या और जमशेदपुर में गवाही देने पर घर में घुसकर युवक मनप्रीत की गोली मारकर की गई हत्या के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में पूछा। उन्होंने निर्देश दिया कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करें। पुलिस लॉ एंड ऑर्डर बेहतर करने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाए।

रांची हिंसा की जांच शुरू, टीम मौके पर पहुंची

 रांची में जुमे की नमाज के बाद बवाल, उपद्रव, पत्थरबाजी व गोलीबारी की जांच के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. अमिताभ कौशल के नेतृत्व में गठित दो सदस्यीय टीम ने मेन रोड व आसपास की घटनास्थल की भौगोलिक स्थिति की जानकारी ली। डा. अमिताभ कौशल के साथ एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर भी थे। दोनों अफसरों ने घटना के दिन मौके पर मौजूद थानेदारों, डीएसपी व सीओ के अलावा रांची नगर निगम के अफशरों को घटनास्थल पर बुलाया और उनके साथ पूरी भौगोलिक स्थिति की जानकारी ली।

घटना स्थल का किया मुआयना

दोनों अफसरों डेलीमार्केट, हिंदपीढ़ी, लोअर बाजार थाना क्षेत्र के उन सभी स्थानों का भ्रमण किए, जहां बवाल के दिन विधि-व्यवस्था का संकट उत्पन्न हुआ था। अब भौगोलिक स्थिति की जानकारी लेने के बाद सभी संबंधित अफशरों का बयान होगा। राज्य सरकार ने जांच टीम को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। जांच टीम को प्रारंभिक जानकारी मिली कि मेन रोड के एकरा मस्जिद में नमाज के बाद भीड़ विरोध मार्च सुजाता चौक तक गई और वहां से वापस डेली मार्केट के पास पहुंची, जहां से पूरे बवाल को संचालित किया गया। सभी थानेदारों, डीएसपी व अंचलाधिकारी ने दोनों ही अधिकारियों को बवाल के संबंध में विस्तार से बताया और घूम-घूमकर घटनास्थल व उपद्रवियों के मार्ग व उनके जुटान स्थल आदि की जानकारी दी।