झारखंड: 22 जिले में खुलेंगे ई-एफआइआर पुलिस स्टेशन,सीएम ने दी स्वीकृति, कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू होगी व्यवस्था

सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड में  में 22 ई-एफआइआर पुलिस स्टेशन ले जाने के प्रोपोजल  स्वीकृति दे दी है। प्रोपोजल  कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब लोगों के लिए अब घर बैठे ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराना आसान हो जायेगा। इससे पुलिसिंग में पारदर्शिता भी आयेगी। वेबसाइट, पोर्टल के साथ मोबाइल एप से भी एफआइआर दर्ज कराई जा सकेगी।

रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड में  में 22 ई-एफआइआर पुलिस स्टेशन ले जाने के प्रोपोजल  स्वीकृति दे दी है। प्रोपोजल  कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब लोगों के लिए अब घर बैठे ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराना आसान हो जायेगा। इससे पुलिसिंग में पारदर्शिता भी आयेगी। वेबसाइट, पोर्टल के साथ मोबाइल एप से भी एफआइआर दर्ज कराई जा सकेगी। स्टेट के 24 जिलों में रामगढ़ व खूंटी जिला को अभी ई-एफआइआर जिले से बाहर रखा गया है।

ई-एफआइआर पुलिस स्टेशन खुलने से आम नागरिकों को वाहन चोरी, विभिन्न प्रकार की संपत्ति चोरी, सेंधमारी, महिला एवं नाबालिगों से संबंधित अपराध, नाबालिगों की गुमशुदगी से संबंधित कांड, जिसमें अभियुक्त अज्ञात हों, ऐसे मामलों में ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराने में अनावश्यक परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ेगा।  ई-एफआइआर की सुविधा से आम नागरिक व पुलिस दोनों के बहुमूल्य समय और संसाधनों की बचत होगी।

ई-एफआइआर दर्ज कराने की प्रोसेस

 किसी मामले में ई-एफआइआर कराने के लिए  संबंधित पर्सन को समाधान पोर्टल पर लॉग इन कर अपना आवेदन ई-साइन या डिजिटल साइन के माध्यम से समर्पित करना होगा। इसके बाद ही अप्लीकेशन स्वीकार होगा। आम नागरिकों के समाधान पोर्टल या मोबाइल एप के माध्यम से वाहन चोरी, अन्य विविध संपत्ति की चोरी, सेंधमारी और नाबालिगों की गुमशुदगी जिसमें अभियुक्त अज्ञात हो से संबंधित प्राप्त कंपलेन के आधार पर थाना प्रभारी ई-एफआइआर संबंधित धाराओं के तहत दर्ज करेंगे। जिस लोकल पुलिस स्टेशन काे कार्य क्षेत्र की घटना होगी, उसके पुलिस अफसर को इन्विस्टिगेशन के लिए नॉमिनेट किया जायेगा। इसके अलावा डीजीपी या आइजी लेवल के अफसर को किसी अन्य केसमें भी लगेगा कि वह मामला ई-एफआइआर के लायक है तो उनके आदेश पर वैसे मामलों में भी ई-एफआइआर हो सकता है।

कंपलेनेंट को दी जायेगी एफआइआर की कांपी

ई-एफआइआर को लेकर पुलिस स्टेशन के ओसी खुद डिजिटली साइन करेंगे । एफआइआर की कॉपी कंपलेनेट के साथ सभी संबंधित अफसर या संस्थानों जैसे जिस पुलिस स्टेशन एरिया में घटना हुई हो, उसके ओसी, सुपरवाइजिंग अफसर, संबंधित कोर्ट, बीमा कंपनी (जरूरत होने पर), सभी पीसीआर, एसपी, एससीआरबी एवं एनसीआरबी को इलेक्ट्रॉनिकली ट्राांसफर किया जायेगा।

इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल से इन्विस्टीगेशन, केस डायरी होगी डिजिटल

आइओ केस का इन्विस्टीगेशन कार्य पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल में करेंगे। इन्विस्टीगेशन के क्रम में की गई कार्रवाई एवं केस डायरी भी डिजिटल फार्मेट में होगी। साथ ही जिन केस में एफआइआर दर्ज होने से 30 दिनों के अंदर खुलासा नहीं हो पाये तो संबंधित आईओ ई-एफआइआर ओसी के माध्यम से अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में समर्पित करेंगे।

जिन परिस्थितियों में ई-एफआइआर की नहीं होगी सुविधा

ई-एफआइआर के तहत उल्लेखित क्राइम की घटना संबंधित जिले या झारखंड स्टेट की सीमा के बाहर घटित होने, एक्युज्ड का संदिग्ध ज्ञात होने और यदि क्राइम की घटना में कोई जख्मी हुआ हो तो इन परिस्थितियों में ई-एफआइआर की सुविधा नहीं होगी। इस व्यवस्था से वर्तमान में ई-एफआइआर पुलिस स्टेशन के अतिरिक्त अन्य पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करने तथा कांडों के अनुसंधान की प्रक्रिया किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होगी।

लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा व गिरिडीह में एक-एक एएचटीयू  पुलिस स्टेशन खुलेंगे

सीएम हेमंत सोरेन ने मानव तस्करी रोकने  को राज्य के चार अन्य जिलों लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा व गिरिडीह जिले में भी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट (एएचटीयू) पुलिस स्टेशन खोलने से संबंधित प्रोपोजल को को ने स्वीकृति दे दी है। इन जिलों में  शामिल हैं। प्रत्येक जिले में एक-एक एएचटीयू पुलिस स्टेशन होगा, जिसका कार्यक्षेत्र संबंधित जिले का संपूर्ण क्षेत्र होगा। यहां अवैध मानव व्यापार से संबंधित मामले रजिस्टर्ड करने के साथ इन्विस्टीेगेशन भी किए जायेंगे। साथ ही अवैध मानव व्यापार की रोकथाम, रक्षा एवं अभियोजन के संधारण तथा अपराध एवं अपराधियों/ गिरोहों से संबंधित ब्यौरे रखे जायेंगे।

वर्तमान में राज्य के आठ जिलों  रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा तथा दुमका में में एएचटीयू पुलिस स्टेशन कार्यरत हैं।केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट का गठन किया जाना है। इस सिलसिले में रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा तथा दुमका जिले में एएचटीयू में एएचटीयू पुलिस स्टेशन कार्यरत हैं। इन जिलों में कार्यरत हैं। चार अन्य जिलों के लिए स्वीकृति मिल गई है, अन्य जिलों में एएचटीयू खोलने की प्रक्रिया चल रही है।