झारखंड: कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा- सरकार पार्टी की भूमिका तय हो, जेएमएम के साथ लाचारी में समन्वय नहीं  

जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ के मधुबन में रविवार से कांग्रेस का प्रदेश स्तरीय तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया। प्रारंभिक सत्र में झारखंड की गठबंधन सरकार में पार्टी की भूमिका व सांगठिन विस्तार पर विस्तार से चर्चा हुई। सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ किसी लाचारी में समन्वय या समझौता नहीं होगा।

झारखंड: कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा- सरकार पार्टी की भूमिका तय हो, जेएमएम के साथ लाचारी में समन्वय नहीं  
  • मधुबन में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुरू
  • सांगठनिक विस्तार समेत कई मुद्दों पर चर्चा
  • गठबंधन सरकार में पार्टी की भूमिका का हो रहा मूल्यांकन 

गिरिडीह। जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ के मधुबन में रविवार से कांग्रेस का प्रदेश स्तरीय तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया। प्रारंभिक सत्र में झारखंड की गठबंधन सरकार में पार्टी की भूमिका व सांगठिन विस्तार पर विस्तार से चर्चा हुई। सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ किसी लाचारी में समन्वय या समझौता नहीं होगा। झारखंड में जेएमएम के साथ गठबंधन की सरकार है। परिस्थिति बनी तो भविष्य में भी झामुमो संग समन्वय होगा, लेकिन लाचारी में नहीं। इसके लिए प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करना होगा। 

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झारखंड के लोगों के डीएनए में कांग्रेस की विचारधारा 
उन्होंने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार से कांग्रेस संगठन को मजबूती मिली है या नहीं इसका आकलन करना होगा। सरकार में रहना तो हमारी भूमिका भी तय होनी चाहिए। किन विषयों में समझौता करेंगे और किन विषयों में नहीं इस पर निर्णय लेना होगा। इसके लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय होंगे। उसे पूरा करने के लिए सरकार स्तर पर  समन्वय समिति बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। पांडेय ने कहा कि हमें तय करना होगा कि क्या गठबंधन की सरकार से हमारे संगठन को मजबूती मिलेगी ? इस सरकार में अगर रहना है तो हमारी भूमिका भी तो होनी चाहिए। किन विषयों पर हम कंप्रोमाइज करेंगे और किन विषयों पर नहीं, यह भी तय करना होगा। 

संगठन को मजबूत करना है ताकि किसी के साथ सहयोग व समन्वय जरूर करें, लेकिन लाचारी से नहीं 
प्रभारी ने कहा कि संगठन को मजबूत करना है ताकि किसी के साथ सहयोग व समन्वय जरूर करें, लेकिन लाचारी से नहीं।सरकार के स्तर पर भी समन्वय समिति के गठन की कोशिश की जा सकती है। संगठन का वह कार्यकर्ता जो सालों से लगातार मेहनत कर रहा है उसके लिए हमें अब विचार करना है। उसकी आकांक्षा के अनुरूप उसका सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस जैसी अलगाववादी शक्तियों से निबटने के लिए पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को तैयार रहने की जरूरत है। यह शिविर महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पार्टी की नीति की रूपरेखा प्रस्तुत करेगा। श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड के लोगों के डीएनए में कांग्रेस की विचारधारा है। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि झारखंड का इतिहास संघर्षमय रहा है। राज्य को लक्ष्य के साथ आगे ले जाने की जरूरत पर मंथन करना है। उन्होंनेओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण समेत अन्य मुद्दों पर भीअपने विचार व्यक्त किये। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि सदस्यता अभियान के जरिये बूथ स्तर पर संगठन को धारदार बनाना है, जिससे वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में मजबूती के साथ कांग्रेस अपना परचम लहरा सके। शिविर में आगामी 100 दिन का कार्यक्रम तय करेगा। पार्टी की विचारधारा व सिद्धांत को जनता तक पहुंचाने के लिए राज्यस्तरीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित होगा। उन्होंने पार्टी के मिनिस्टर्स व एमएलए से जनता के बीच में जाकर काम करने पर बल दिया।

मिशन 2024 का आगाज

अविनाश पांडेय ने कहा कि चिंतन शिविर से मिशन 2024 का आगाज हो गया। 2024 में लोकसभा के साथ-साथ झारखंड विधानसभा चुनाव भी होना है। सेंट्रल में राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार बनानी है, वहीं झारखंड में भी फिर से सरकार का गठन करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व ऐसे युवा नेता राहुल गांधी कर रहे हैं, जो किसी से नहीं डरते। वे ईमानदार हैं और उनका इरादा पक्का है। राहुल गांधी का 22 फरवरी को चितंन शिविर के समापन समारोह में वर्चुवल संबोधन होगा। इसमें उन्हें चिंतन शिविर में निकल कर आयी बातों को बताया जायेगा और उनका मार्गदर्शन व सुझाव लिया जायेगा।

100 दिनों का तैयार होगा कार्यक्रम
पार्टी प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस के 100 दिनों का कार्यक्रम तैयार होगा। इसे लागू कराने की दिशा में कार्रवाई होगी। पार्टी-संगठन की मजबूती के लिए आगे का रास्ता कैसे बने इस पर भी निर्णय होगा। इसके अलावा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जिसमें कांग्रेस द्वारा चुनाव के समय किये गये वादे जो पूरे नहीं हो सके हैं उन्हें शामिल किया जायेगा। अगले 15-20 दिनों में सभी प्रमंडलों में कांग्रेस के पंचायत स्तर से लेकर प्रमंडल स्तर के पदाधिकारियों की बैठक होगी। चिंतन शिविर में संगठन व सरकार  की कार्यशैली, विधायकों, फ्रंटलाइन की भूमिका, जिलाध्यक्षों की भूमिका भी तय करनी है। शिविर में सभी से सहयोग, योगदान और मार्गदर्शन लेना है। 

जनता से किये वायदों को पूरा करने की गंभीर चुनौती : राजेश ठाकुर
इससे पहले शिविर को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हमारे सामने प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं जनता से किये वायदों को पूरा करने की गंभीर चुनौती है। प्रदेश में कांग्रेस के समर्थन से गठबंधन की सरकार चल रही है। इस नाते हमारी दोहरी जिम्मेदारी बनती है।विडंबना है कि समावेशी विकास और डबल इंजन सरकार की बात करनेवालों ने जनता को लगातार छला है। स्टेट में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाले लोगों की गलत नीतियों के कारण बुनियादी सुविधाओं के लिए जनता को परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे समय में जनता ने हमारे गठबंधन पर भरोसा जताया है। इस जिम्मेदारी का हमें निर्वाह करना है।

झारखंड में वन अधिकार अधिनियम का सही मायने में लागू नहीं हो सका : जयराम रमेश

कांग्रेस लीडर जयराम रमेश ने कहा किमुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि झारखंड में वन अधिकार अधिनियम का सही मायने में लागू नहीं हो सका और यहां की स्थिति बहुत खराब है। मैं कांग्रेस के साथियों से अपील करूंगा कि वन अधिकार अधिनियम को मजबूती से पालन कराएं। ओडिशा, तेलंगाना और अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड बहुत पीछे है। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का भी सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। इस कानून के तहत ग्राम सभा को भी कई मजबूत अधिकार दिए गए हैं। पूर्व में केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन किया था जिसे बाद में मोदी सरकार ने केंद्र में तो बरकरार रखा लिया लेकिन राज्यों में संशोधन करने का जिम्मा राज्यों पर ही छोड़ दिया। इस कानून को भी मजबूती से झारखंड में अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। मनरेगा कानून का लंबे समय तक अनदेखी करने के बाद अंत में मोदी सरकार ने अपनाया लेकिन इसके लिए भी कांग्रेस जनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यूपीए-1 एवं यूपीए-2 की योजनाओं को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। अपना दर्द साझा करते हुए रमेश ने कहा कि मैं झारखंड में बहुत सक्रिय था लेकिन पांच वर्षों तक लगातार आरपीएन सिंह ने मुझे झारखंड आने नहीं दिया।

चिंतन करना जरूरी था : सुबोधकांत

एक्स सेंट्रल मिनिस्टर सुबोध कांत सहाय ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के बाद कांग्रेस पार्टी एक साथ बैठी ही नहीं थी। पार्टी का प्रयास है कि एक जगह बैठकर सभी मामलों में चिंतन किया जाए। हेमंत सोरेन सरकार के मसले पर कहा कि कांग्रेस और झमुमो के अलग-अलग घोषणापत्र थे। उसके आधार पर दोनों के काम में अंतर को पाटने की जरूरत है। 

सरकार लोगों के लिए क्या करना चाहती है, चर्चा जरूरी : मधु कोड़ा

एक्स सीएम मधु कोड़ा ने कहा कि सरकार ने जनता से जो भी वादा किया है, उस पर शतप्रतिशक अमल हो। सरकार आगे लोगों के लिए क्या कार्यक्रम बना रही है इस पर भी खुली चर्चा करने की उन्होंने मांग की। मधु कोड़ा ने कहा कि समावेशी सोच के साथ पार्टी आगे बढ़ेगी। आम लोगों के पास सरकार की पहुंच कैसे हो, इस पर ध्यान देना होगा। झारखंड प्रदेश कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने झंडोत्तोलन किया है। इसमें झारखंड के 24 जिलों से पार्टी के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।  प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ,सह प्रभारी उमंग सिंघार, सीनीयर लीडर डीपी राय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, झारखंड के मिनिस्टर आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव,बन्ना गुप्ता,बदल पत्रलेख, एक्स सीएम मधु कोड़ा, सुबोधकांत सहाय आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। शिविर में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा,बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत राज,महिल कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह, सुखदेव भगत, प्रदीप बलमुचु, सभी जिला अध्यक्ष व जोन कोआर्डिनेटर, सभी एमएलए आदि सीनीयर लीडर उपस्थित थे।