झारखंड: रघुवर दास के कार्यकाल में CS राजबाला वर्मा ने दी थी पूजा सिंघल को क्लीनचिट... JMM ने खोला मोर्चा

आइएएस अफसर माइंस सेकरटेरी पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी की रेड के बाद झारखंड के सियासी गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू ने शनिवार को झामुमो मुख्यालय ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में वर्ष 2017 में तत्कालीन सीएम रघुवर दास और तत्कालीन चीफ सेकरटेरी राजबाला वर्मा ने क्लीनचिट दी थी। प्रेस कांफ्रेंस में आदेश की प्रति भी सार्वजनिक की गई। 

झारखंड: रघुवर दास के कार्यकाल में CS राजबाला वर्मा ने दी थी पूजा सिंघल को क्लीनचिट... JMM ने खोला मोर्चा

रांची। आइएएस अफसर माइंस सेकरटेरी पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी की रेड के बाद झारखंड के सियासी गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू ने शनिवार को झामुमो मुख्यालय ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में वर्ष 2017 में तत्कालीन सीएम रघुवर दास और तत्कालीन चीफ सेकरटेरी राजबाला वर्मा ने क्लीनचिट दी थी। प्रेस कांफ्रेंस में आदेश की प्रति भी सार्वजनिक की गई। 

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मनरेगा घोटाला मामले में रघुवर, बाबूलाल और राजबाला वर्मा को भी अभियुक्त बनाये CBI

जेएमएम नेताओं ने कहा कि मनरेगा घोटाले में माइंस सेकरेटरी पूजा सिंघल पर हुई ईडी की कार्रवाई को हेमंत सरकार के कार्यकाल से जोड़कर बीजेपी नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है। पूजा सिंघल पर कार्रवाई 2008-09 में दर्ज मनरेगा घोटाला मामले में हुई है। ईडी की कार्रवाई हेमंत सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में हुई किसी मामले में नहीं हुई है। लेकिन बीजेपी राज्य में यह माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही है कि हेमंत सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए किसी भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने मांग की है कि मनरेगा घोटाला मामले में तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, तात्कालीन जेवीएम चीफ बाबूलाल मरांडी और उस वक्त की चीफ सेक्रेटरी राजबाला वर्मा को भी सीबीआई मनरेगा घोटाला मामले में अभियुक्त बनाये। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पूजा सिंघल के खिलाफ मनरेगा गड़बड़ी की शिकायत जेवीएम ने की थी। तब के जेवीएम और अब के बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी सीएम हेमंत सोरेन को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। यह बेईमानी और मक्कारी की हद है।

उन्होंने कहा कि पूजा सिंघल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हुई तब रघुवर दास और राजबाला वर्मा ने कह दिया था कि इसपर कोई मामला बनता ही नहीं है। केस को ड्रॉप कर दिया गया। इस वजह से पूजा सिंघल अफसर बनी रहीं। रघुवर के बाद हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में आई। हेमंत सरकार में आईएएस और आईपीएस अफसरों की कमी थी, क्योंकि हमारे आईएएस और आईपीएस को दिल्ली उठाकर ले जाया जाता है। हमारे पास सेक्रेटरी लेवल के 14 अफसर और 32 विभाग हैं। ऐसे में सरकार की मजबूरी थी पूजा सिंघल को सचिव बनाये रखने की।

पूजा सिंघल को क्लीनचिट देने वाले कर रहे हैं गलतबयानी
सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी की जिन मामलों पर कार्रवाई हुई है वो खूंटी और चतरा में हुई घोटालों से संबंधित थे। इन घोटालों के आरोप में क्लीन चिट देने वाली बीजेपी की सरकार थी। लेकिन बीजेपी पूजा सिंघल पर कार्रवाई के बाद चोर मचाए शोर वाली कहावत को पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तात्कालीन सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह खूंटी मनरेगा घोटाले की जांच रिपोर्ट में पूजा सिंघल पर लगे आरोपों को प्रमाणित नहीं माना था। इसके बाद मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और सीएम रघुवर दास ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी। इसी मामले में अब जब ईडी की कार्रवाई हुई है तो बीजेपी इस कार्रवाई बीजेपी के लोग इसे इस तरह से प्रचारित कर रहे हैं मानो हेमंत सरकार के कार्यकाल में माइंस डिपार्टमेंट के कोई बड़े घोटाले में कार्रवाई हुई है।

बाबूलाल पहले एमएलए बेचते थे, फिर खुद को बेचा और अब जांच बेच रहे
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस मामले में सीबीआई को राजबाला वर्मा और रघुवर दास को भी अभियुक्त बनाना चाहिए, क्योंकि इनके ही द्वारा अर्जुन मुंडा सरकार के समय दी गई जांच के आदेश को पलटने का काम किया गया था। मनरेगा की लूट में रघुवर दास का भी सपोर्ट है। बाबूलाल मरांडी भी उसमें से अपना हिस्सा ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि बाबूलाल ने पहले एमएलए बेचा, फिर खुद को बेचा और अब जांच बेच रहे हैं। बाबूलाल राजनेता नहीं रहे, पॉलिटिकल ट्रेडर बन चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि जांच के दायरे में ये त्रिमूर्ति भी आने चाहिए। उन्होंने इस मामले पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश से भी बयान देने की मांग की है।

क्लीनचिट नहीं दी गई होती तो पद पर नहीं रहती पूजा सिंघल
झामुमो नेताओं ने कहा कि मीडिया में बीजेपी ऐसा प्रस्तुत कर रही है, जैसे यह वर्तमान सरकार का भ्रष्टाचार है। जेएमएम एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पूजा सिंघल को क्लीनचिट नहीं दी गई होती तो वह पद पर नहीं रहती। मनरेगा से लेकर मोमेटम झारखंड में हुई गड़बड़ियों में पूजा सिंघल का नाम आया। तत्कालीन सीएम रघुवर दास और चीफ सेकरटेरी राजबाला वर्मा ने 27 फरवरी 2017 को पूजा को क्लीनचिट दे दी। विभागीय कार्रवाई का संचालन पदाधिकारी आइएएस एपी सिंह थे। बीजेपी सरकार ने क्लीनचिट दिया, तभी झामुमो की सरकार में पूजा सिंघल को जिम्मेदारी दी गई। पूजा सिंघल माइंस डिपार्टमेंट की सेकरेटरी हैं। इस कारण मनरेगा के मामले को खनन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जांच की आड़ में भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे को स्थापित करेगी तो झामुमो सच्चाई सामने लायेगा।
हॉस्पिटल बनाने में सीएनटी उल्लंघन मामले की चल रही जांच
जेएमएम केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पल्स हॉस्पिटल की जमीन की जांच का आदेश सीएम ने रांची के डीसीको दिया था। अब तक जांच नहीं होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट के उल्लंघन से जुड़े सभी मामलों की जांच की होगी। सीएम हेमंत सोरेन सदन में भी यह बोल चुके हैं। कोरोना के कारण दो साल तक कुछ नहीं हो पाया। सरकार अब काम कर रही है तो केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में सरकार को उलझाने की साजिश रची जा रही है। ईडी सीधे किसी मामले में रेड के लिए नहीं उतरता। सीबीआई, एनआईए, आयकर जैसी एजेंसियों से केस स्थानांतरित होने पर ही ईडी कार्रवाई करती है। झाविमो से निर्वाचित होने के बाद बीजेपीमें शामिल हुए बाबूलाल मरांडी रघुवर सरकार में हुए भ्रष्टाचार का इल्जाम 14 साल बाद हेमंत सरकार पर लगाकर भ्रम फैला रहे हैं। बाबूलाल राजनीतिक व्यवसायी बन गये हैं।