झारखंड: एडवोकेट राजीव कुमार पर CID ने कसा शिकंजा, SC-ST पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR को किया टेकओवर

झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार पर सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। राजीव कुमार के विरुद्ध रांची के एससी-एसटी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर को सीआइडी ने टेकओवर कर लिया है। 

झारखंड: एडवोकेट राजीव कुमार पर CID ने कसा शिकंजा, SC-ST पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR को किया टेकओवर

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार पर सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। राजीव कुमार के विरुद्ध रांची के एससी-एसटी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर को सीआइडी ने टेकओवर कर लिया है। 

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कांके रोड के भीठा निवासी दीपक कच्छप ने एडवोकेट के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। दीपक ने 16 अगस्त 2022 को दर्ज एफआइआर आरोप लगाया था कि उनकी पुश्तैनी 2.20 एकड़ जमीन से संबंधित गलत तरीके से कुर्सीनामा बनाकर राजीव कुमार व अन्य ने बेच दिया। जब वे अपनी जमीन पर कब्जा करने गए तो आरोपितों ने उसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की। जान से मारने की धमकी दी। रांची के एसएसपी ने सीआइडी से उक्त केस का इनन्विस्टीगेशन कराने का अनुरोध किया था। अब सीआइडी पूरे मामले का इन्विस्टीगेशन करेगी।
बिरसा मिंडा सेंट्रल जेल होटवार शिफ्ट हुए राजीव कुमार
ईडी की स्पेशल कोर्ट में मनी लांड्रिंग के आरोपित हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार की ओर से दाखिल बेल पिटीशन पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से जवाब देने के लिए समय की मांग की गई। कोर्ट ने ईडी की अरजी स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 24 सितंबर की तिथि निर्धारित की है। राजीव कुमार ने 15 सितंबर को याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई है। मनी लांड्रिंग के आरोपित एडवोकेट राजीव कुमार ईडी के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट  ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार भेजने का निर्देश दिया। इससे पहले वह कोलकाता के प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद थे। कैश कांड में बेल मिलने मिलने के बाद राजीव कुमार को ईडी कोर्ट में सशरीर पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 30 सितंबर तक के लिए जेल भेज दिया है। अब उक्त मामले में अगली पेशी 30 सितंबर को होगी। 
पश्चिम बंगाल में कोलकाता पुलिस ने 50 लाख रुपये के साथ किया था अरेस्ट
एडवोकेट राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने विगत 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ अरेस्ट करने का दावा किया था। इस मामले में राजीव कुमार पर कोलकाता के हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में बिजनसमैन अमित अग्रवाल ने एफआइआर दर्ज कराई थी। अमित अग्रवाल ने दावा किया था कि उनके विरुद्ध झारखंड हाइ कोर्ट में दायर जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर एडवोकेट ने 10 करोड़ रुपये की मांग की थी। एक करोड़ रुपये पर बात पक्की हुई थी, जिसकी पहली किश्त के रूप में 50 लाख रुपये लेने के लिए वे कोलकाता आये थे। वहां अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस की मदद से उन्हें अरेस्ट करवाया था।  इसके बाद ईडी ने राजीव कुमार के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था