जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में हिंदू टीचर की मर्डर, आतंकियों ने की खोज में सुरक्षा बलों ने चलाया सर्च ऑपरेशन

साउथ कश्मीर के कुलगाम जिला के गोपालपोरा गांव के सरकारी हाईस्कूल के पास आतंकियों ने हिंदु टीचर रजनी बाला (36) की गोली मारकर मर्डर कर दी गयी है। सांबा की रहने वाली रजनी को सिर में गोलियां लगी थी। टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। 20 दिन में दूसरी मर्डर को लेकर कश्मीरी पंडित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में हिंदू टीचर की  मर्डर, आतंकियों ने की खोज में सुरक्षा बलों ने चलाया सर्च ऑपरेशन
श्रीनगर। साउथ कश्मीर के कुलगाम जिला के गोपालपोरा गांव के सरकारी हाईस्कूल के पास आतंकियों ने हिंदु टीचर रजनी बाला (36) की गोली मारकर मर्डर कर दी गयी है। सांबा की रहने वाली रजनी को सिर में गोलियां लगी थी। टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। 20 दिन में दूसरी मर्डर को लेकर कश्मीरी पंडित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
गोपालपोरा ग्राम प्रधान ने पुलिस को बताया मैंने देखा कि एक टीचर के सिर में गोली लगी है। एक दूसरे टीचर की मदद से उसे उठाया, इसके बाद मैंने ही पुलिस को सूचना दी। इसके पहले 12 मई को एक कश्मीरी पंडित राहुल भट की भी आतंकियों ने उसके ऑफिस में घुसकर गोली मारकर मर्डर कर दी थी। जिस वक्त आतंकियों ने हमला किया, स्कूल के अंदर लगभग 70 स्टूडेंट थे। सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों तरफ से घेरकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन तब तक आतंकी भाग चुके थे। स्कूल के अंदर छात्र डरे-सहमे हुए थे। सुरक्षाबलों ने छात्रों को बाहर निकालना शुरू किया। जैसे ही छात्रों को पता चला कि उनकी टीचर रजनी की आतंकियों ने मर्डर कर दी है, दर्जनों छात्रों के आंसू छलक पड़े और ऐसे छलके कि फिर रुके ही नहीं। जिस वक्त आतंकियों ने रजनी पर हमला किया तब उनके हाथ में यही लाल रंग का बैग था। उन्होंने जामुनी रंग की जूतियां पहनी हुई थीं।
सांतवीं क्लास में पढ़ने वाली उजमा जान ने बताया, ‘हम टॉपिक पढ़ रहे थे, तभी बाहर से अचानक जोरदार आवाज आई। मुझे लगा कि माइक फट गया और किसी बच्चे को चोट लग गई है। मैं इम्तियाज सर के साथ क्लास से बाहर निकली। जब हम दोनों बाहर निकले तो देखा कि सारे बच्चे भाग रहे थे, तब हमने रजनी मैम को गिरते हुए देखा। मैंने पूछा कि रजनी मैम को क्या हुआ? कोई जवाब नहीं दे रहा था।
आर्टिकल 370 हटने के बाद चार कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदुओं की मर्डर
कश्मीर में टारगेट किलिंग अक्टूबर में शुरू हुई  है। यहां पांच दिनों में सात नागरिक मारे जा चुके हैं। इनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और प्रवासी हिंदू शामिल हैं, जो नौकरी की तलाश में आये थे। आतंकियों 14 अप्रैल को सतीश कुमार की गोली मारकर मर्डर कर दी थी। इससे पहले शनिवार को आतंकियों ने अली जान रोड स्थित ऐवा ब्रिज पर पुलिसकर्मी की गोली मारकर मर्डर कर दी थी। ये मई महीने में दूसरे कश्मीरी हिंदू की मर्डर है। पहले राहुल भट और अब टीचर रजनी की हत्या के बाद कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़ा हो गया है। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद चार कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदू आतंकी हमलों में मारे जा चुके हैं। होम मिनिस्टरी ने संसद में इसकी जानकारी दी थी।
घाटी में 18 दिनों से कश्मीरी पंडितों का आंदोलन
कश्मीरी पंडितों का घाटी में 18 दिनों से आंदोलन चल रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले पंडित काम का बहिष्कार कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये प्रदर्शन घाटी में अब तक का सबसे लंबा चलने वाला आंदोलन बन चुका है। रेवेन्यू विभाग के स्टाफ राहुल भट की मर्डर के बाद प्रदर्शन शुरू हुआ था। काम करने वाले कश्मीरी पंडितों की मांग है कि हमें कश्मीर के बाहर पोस्टिंग दी जाए।कश्मीर में आतंकी हमले में मारे गए राहुल भट की हत्या के 10वें दिन अनंतनाग जिले के कश्मीरी पंडितों ने सिर मुंडवा कर प्रदर्शन किया था। उन्होंने राहुल भट की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। साथ ही मांग की है कि उन्हें घाटी में सुरक्षा दी जाए या फिर उनकी पोस्टिंग जम्मू कर दी जाए।