एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो अब पूरी तरह स्वस्थ, जल्द लौटेंगे झारखंड

कोरोना संक्रमित होने के बाद चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पीटल में अपना इलाज करा रहे झारखंड के एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। वह शीघ्र झारखंड लौटेंगे। 

एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो अब पूरी तरह स्वस्थ, जल्द लौटेंगे झारखंड

रांची। कोरोना संक्रमित होने के बाद चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पीटल में अपना इलाज करा रहे झारखंड के एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। वह शीघ्र झारखंड लौटेंगे। 

लंग ट्रांसप्लांट के बाद गुरुवार को वह पहली बार वर्चुअल माध्यम से मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि सांस लेने में अब कोई दिक्कत नहीं है। जल्द ही अपनी धरती पर वापस लौटकर जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे ठीक हैं और शीघ्र झारखंड लौटकर फिर जनता की सेवा में लगेंगे। उन्होंने अपने बेहतर इलाज के लिए सीएम हेमंत सोरेन, सभी मंत्रियों, एमजीएम व अन्य हॉस्पीटल के डॉक्टरों, पारा मेडिकल कर्मियों एवं अपने तमाम शुभचिंतकों के प्रति आभार प्रकट किया। 

इससे पहले, मीडिया से बात करते हुए हॉस्पीटल के डायरेक्टर (हर्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम) डा. केआर बालकृष्णन ने समय पर मिनिस्टर के लंग ट्रांसप्लांट के निर्णय के लिए सीएम हेमंत सोरेन, कृषि मंत्री बादल तथा परिवार वालों की सराहना की।एमजीएम के डॉक्टरों ने कहा कि समय पर लंग ट्रांसप्लांट पर निर्णय लेने से मिनिस्टर की जान बच पाई।एमजीएम के डॉक्टरों के अनुसार लंग ट्रांसप्लांट के बाद अब वे पूरी तरह ठीक हैं। उन्हें आइसीयू से जनरल वार्ड के केबिन में  शिफ्ट कर दिया गया है। डिस्चार्ज किये जाने के बाद वे शीघ्र झारखंड लौटेंगे। 
डॉक्टरों ने अंगदान के लिए तमिलनाडु गवर्नमेंट की नीतियों और वहां के सिस्टम की भी सराहना की। डॉक्टरों के अनुसार, मंत्री का फेफड़ा 90 फीसद खराब हो चुका था। उन्हें एकमो सपोर्ट पर रखकर उनके इलाज का प्रयास किया गया। बाद में ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया गया। लंग ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्टर डा. अपार जिंदल ने कहा कि इलाज में मंत्री ने भी पूरा सहयोग किया।

उल्लेखनीय है कि जगरनाथ महतो वर्ष 2019 की 28 सितंबर को कोरोना संक्रमित हुए थे। इलाज के लिए वह बीजीएच में एडमिट हुए थे। सांस में परेशानी होने पर उन्हें रिम्स में एडमिट कराया गया था। लेकिन स्थिति बिगडऩे पर उन्हें रांची में ही मेडिका हॉस्पीटल में शिफ्ट किया गया था। यहां उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती गई थी। इसके बाद एमजीएम से चिकित्सकों को बुलाकर उन्हें एकमो सपोर्ट पर चेन्नई भेजा गया। जहां उनका 10 नवंबर को लंग ट्रांसप्लांट हुआ।

अब तक आठ कोरोना संक्रमित का लंग ट्रांसप्लांट

एमजीएम के असिस्टेंट डा. सुरेश केजी राव ने बताया कि कोविड के बाद हॉस्पीटल ने कुल आठ कोरोना मरीजों का लंग ट्रांसप्लांट किया है। इनमें से सात पेसेंट 29 से 70 दिनों तक एकमो सपोर्ट पर थे। हॉस्पीटल के फेफड़ा विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. केआर बालकृष्णन ने समय पर मंत्री के लंग ट्रांसप्लांट के निर्णय के लिए सीएम हेमंत सोरेन, कृषि मंत्री बादल तथा परिवार वालों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मिनिस्टरके इतने दिनों तक आइसीयू में रहने का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। वे अब सामान्य जीवन जी सकेंगे।