भूमिहार व अति पिछड़ा वोट बैंक खिसकने से  BJP में 'भूकंप', बिहार NDAको लेकर सुशील मोदी ने किये ट्वीट 

बिहार में बीजेपी को ये समझ में ही नहीं आ रहा कि उन्हें सत्ता तक पहुंचाने वाला भूमिहार व अति पिछड़ा वोट बैंक उनके हाथ से कैसे निकल गया? बोचहां विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की दुर्गति कैसे हो गई? एक्स डिप्टी सीएम और राज्यसभा एमपी सुशील कुमार मोदी। सुशील मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट ने बोचहां उप चुनाव और विधान परिषद चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन के लिए गुरुवार को इशारे में नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। 

भूमिहार व अति पिछड़ा वोट बैंक खिसकने से  BJP में 'भूकंप', बिहार NDAको लेकर सुशील मोदी ने किये ट्वीट 
  • उप चुनाव और एमएलए चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन के लिए संकेत में लीडपशीप को ठहराया जिम्मेदार 
  • कहा - एनडीए नेतृत्व दोनों चुनावी परिणाम की समीक्षा करेगा

पटना। बिहार में बीजेपी को ये समझ में ही नहीं आ रहा कि उन्हें सत्ता तक पहुंचाने वाला भूमिहार व अति पिछड़ा वोट बैंक उनके हाथ से कैसे निकल गया? बोचहां विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की दुर्गति कैसे हो गई? एक्स डिप्टी सीएम और राज्यसभा एमपी सुशील कुमार मोदी। सुशील मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट ने बोचहां उप चुनाव और विधान परिषद चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन के लिए गुरुवार को इशारे में नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। 

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हालांकि इस ट्वीट में सुशील मोदी ने जाति का नाम नहीं लिया लेकिन ये साफ था कि बोचहां में भूमिहार वोट ही निर्णायक होते हैं, ऐसे में वो किसका नाम लेना चाह रहे हैं... ये साफ जाहिर है।उन्होंने गुरुवार को इस संबंध में छह मिनट के अंतराल में ट्विटर पर एक के बाद एक चार ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि एनडीए नेतृत्व दोनों चुनावी परिणाम की समीक्षा करेगा, ताकि समय रहते कमियां दूर की जा सकें। 

इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था।

इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा।

— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 21, 2022

सुशील मोदी ने कहा कि स्थानीय प्राधिकार कोटे से बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को 10 सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा की बोचहां सीट पर उप चुनाव में एनडीए कैंडिडेटका 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है।

बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए के विधायकों-मंत्रियों ने जनता से संपर्क किया था। पूरी ताकत लगाई गई थी। सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया। सबका विश्वास जीतने की कोशिश की। इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अति पिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था। इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा। 

स्ट्राइक रेट अधिकतम था, फिर तालमेल गड़बड़ाया

उन्होंने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था। गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आई थीं। राजद की सभी सीटों पर हार हो गई थी। विधान परिषद और विधानसभा उप चुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी। अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें।