Dumka: पुलिस की बड़ी उपलब्धि, ऐप से फर्जी चालान बनाकर ट्रकों को बिहार भेजने वाले गैंग का भंडाफोड़, चार अरेस्ट

झारखंड के दुमका में पुलिस और माइनिंग डिपार्टमेंट की टीम ने ऐप से फर्जी चालान बनाकर ट्रकों को बिहार भेजने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। बिहार के ट्रक ड्राइवर की मदद से जिले में फर्जी चालान से विश्वविद्यालय ओपी एरिया में पत्थर ट्रकों को पास कराने वाले गैंग के तीन सदस्यों को दबोच लिया।

Dumka: पुलिस की बड़ी उपलब्धि, ऐप से फर्जी चालान बनाकर ट्रकों को बिहार भेजने वाले गैंग का भंडाफोड़, चार अरेस्ट
  • पांच सौ बेचते थे पांच हजार का चालान

दुमका। झारखंड के दुमका में पुलिस और माइनिंग डिपार्टमेंट की टीम ने ऐप से फर्जी चालान बनाकर ट्रकों को बिहार भेजने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। बिहार के ट्रक ड्राइवर की मदद से जिले में फर्जी चालान से विश्वविद्यालय ओपी एरिया में पत्थर ट्रकों को पास कराने वाले गैंग के तीन सदस्यों को दबोच लिया।

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गैंग के लोग मोबाइल ऐप से फर्जी चालान तैयार कर बिहार के ड्राइवरों को पांच हजार की जगह केवल पांच सौ रुपये में बेचा करते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो लैपटॉप और छह मोबाइल भी बरामद किये हैं। गैंग के फरार छह सदस्यों की तलाश में पुलिस रेड कर रही है। मोबाइल और लैपटॉप की जांच के बाद जिन लोगों का नाम सामने आयेगा, उन्हें अरेस्ट किया जायेगा।

टेकनीक की मदद से पुलिस को मिली सफलता
विश्वविद्यालय ओपी की पुलिस ने पत्थर भरे दो ट्रकों को जब्त किया था। एक ट्रक के पास सही कागजात थे। दूसरे के पास नहीं थे। पुलिस ने जब जब्त ट्रक को छोड़ने के एवज में 20 हजार की मांग की। गाड़ी मालिक ने पुलिस से बातचीत का ऑडियो बनाकर डीसी के पास भेज दिया। डीसी के निर्देश पर एसडीओ किशोर कुमार, डीएमओ श्रीकृष्ण किस्कू और एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी जांच के लिए पहुंचे। बिना कागजात वाले ट्रक के बिहार के लखीसराय के डुमरी निवासी ड्राइवर आलोक कुमार से चालान मांगा। चालान देखने के बाद डीएमओ ने पोर्टल में जाकर जांच की तो पता चला कि इस नंबर का चालान लाइसेंसधारी की ओर से जारी नहीं किया गया है। ड्राइवर को मुफस्सिल पुलिस स्टेशन लाकर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि एक मोबाइल के माध्यम से उसे चालान भेजा गया था।

एसडीपीओ ने टेकनीक की मदद से जब उस मोबाइल नंबर को ट्रेस किया तो वह काठीकुंड के लखन पाल का निकला। उसे कस्टडी में लेकर पूछताछ की गई तो उसकी निशानदेही पर काठीकुंड के ही परमेश्वर मंडल और दिवाकर कुमार को अरेस्ट किया गया।पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 10 युवकों का गैंग फर्जी चालान तैयार कर ड्राइवर को पांच सौ रुपया में देते हैं। अगर यही चालान किसी वैध क्रेशर से लिया जाता है तो पांच हजार रुपया देना पड़ता है। ड्राइवर भी मालिक को चूना लगाने के लिए सस्ते में चालान खरीदकर शेष पैसा अपने पास रख लेते थे।

गैंग के छह मेंबर की खोज में रेड जारी
एसडीपीओ ने बताया कि अभी तक ट्रक ड्राइवर आलोक कुमार और काठीकुंड के लखन पाल, परमेश्वर मंडल, और दिवाकर कुमार को अरेस्ट किया गया है। गैंग में शिकारीपाड़ा का रवि भगत, लक्ष्मण भगत, दीप सरकार और काठीकुंड का प्रदीप पाल, टीपु खान व आलमगीर खान भी शामिल है। सभी ने मोबाइल बंद कर लिया है। इनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। बरामद सामान की जांच के बाद जिन लोगों का नाम सामने आयेगा, उन सबकी भी गिरफ्तारी होगी।

गैंग के मेंबर ने एक ट्रक पकड़वाया
पुलिस गैंग के मेंबर दिवाकर को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही थी। इस दौरान उसके मोबाइल पर एक ड्राइवर का फोन आया। ड्राइवर ने जब बात करनी चाही तो उसने फोन काट दिया। एसडीपीओ के कहने पर दिवाकर ने ड्राइवर को फिर से फोन लगाया तो उसने बताया कि एक ट्रक पत्थर चिप्स लेकर गोपीकांदर से निकल रहा है।दिवाकर ने कहा कि वह गाड़ी लेकर काठीकुंड पहुंचे, चालान मिल जायेगा। इसके बाद एसडीपीओ ने गोपीकांदर और काठीकुंड पुलिस स्टेशन की पुलिस की मदद से चालान लेने से पहले ट्रक को पकड़ लिया।
ऐसे तैयार किया जाता था फर्जी चालान
गैंग के मेंबर किसी एक असली चालान हासिल करते। इसके बाद चालान को एक्सओडीओ एप में जाकर एडिट का फर्जी चालान तैयार कर ड्राइवर को बेच दिया करता था।ड्राइवर अपने मोबाइल में आए चालान का किसी दुकान में प्रिंट निकलवाकर आसानी से बिहार निकल जाता था। चालान होने की वजह उसे रास्ते रोका नही जाता था, अगर रोक दिया गया तो फर्जी चालान दिखाकर बच जाता था।