Dhanbad : PM नरेंद्र मोदी ने IIT ISM के एक्वामरीन हॉस्टल का किया ऑनलाइन उद्घाटन

पीएम नरेन्द्र मोदी ने आईआईटी-आईएसएम, धनबाद में 192 करोड़ रुपये की लागत से बने एक्वामरीन हॉस्टल का बुधवार को ऑनलाइन उद्घाटन किया। पीएम मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी के उलिहातू में आयोजित समरोह में भाग लेने आये थे। समारोह से ही उन्होंने हॉस्टल का ऑनलाइन उद्घाटन कर इंस्टीच्युट को समर्पित किया। समारोह में झारखंड के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन, सीएम हेमंत सोरेन व केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति रही।

Dhanbad : PM नरेंद्र मोदी ने IIT ISM के एक्वामरीन हॉस्टल का किया ऑनलाइन उद्घाटन
IIT ISM के हॉस्टल का ऑनलाइन उद्घाटन।
  • 192 करोड़ से बने हॉस्टल में हैं अत्याधुनिक सुविधाए

धनबाद। पीएम नरेन्द्र मोदी ने आईआईटी-आईएसएम, धनबाद में 192 करोड़ रुपये की लागत से बने एक्वामरीन हॉस्टल का बुधवार को ऑनलाइन उद्घाटन किया। पीएम मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी के उलिहातू में आयोजित समरोह में भाग लेने आये थे। समारोह से ही उन्होंने हॉस्टल का ऑनलाइन उद्घाटन कर इंस्टीच्युट को समर्पित किया। समारोह में झारखंड के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन, सीएम हेमंत सोरेन व केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति रही।

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पीएम के कार्यक्रम का आईआईटी के गोल्डन जुबली लेक्चर थियेटर में सीधा प्रसारण किया जा रहा था। आईआईटी आईएसएम के डायरेक्टर प्रो जेके पटनायक और प्रो रजनी सिंह के साथ प्रो एमके सिंह, प्रो सुभाशिष चटर्जी, प्रो अंशुमाली के साथ धनबाद के सांसद पीएन सिंह के प्रतिनिधि नीतिन भट्ट ,बीजेपी मीडिया प्रभारी मिल्टन पार्थसारथी मुख्य रूप से मौजूद थे।

2014 में हुआ था हॉस्टल का शिलान्यास
छात्रावास का शिलान्यास वर्ष 2014 में हुआ था. निर्माण कार्य इस साल यानी 2023 में पूरा पूरा हो सका। 192 करोड़ रुपये की लागत से बना यह हॉस्टल 16 लिफ्ट सहित हाई स्पीड इंटरनेट और अन्य आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। 14 मंजिला हॉस्टल 60 हजार वर्गमीटर में फैला है। मछली की आकृति की तरह दिखने वाले इस हॉस्टल में दो हजार स्टूडेंट्स के रहने की क्षमता है।

192 करोड़ की लागत से 60 हजार स्क्वाॅयर मीटर बना है IIT ISM का हॉस्टल

आइएसएम के नवनिर्मित ब्वाॅयज हाॅस्टल एक्वा मरीन दो हजार बेड का है। यह आइएसएम का सबसे बड़ा हास्टल है। आइएसएम के स्टूडेंट्स ने इंस्टाग्राम पर वोटिंग के आधार पर इस छात्रावास का नामकरण किया था। नवनिर्मित हाॅस्टल की संरचना मछली के आकार जैसी है। अब स्टूडेंट के लिए जगह की कमी नहीं होगी। एक्वा मरीन में हैं एक हजार कमरे
आइआइटी आइएसएम के नवनिर्मित ब्वायज हास्टल का निर्माण 192 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह हाॅस्टल जी प्लस 14 फ्लोर का है। इसमें एक हजार कमरे हैं। इसका आकार मछली की पूंछ की तरह है। इसमें दो हजार छात्रों की रहने की क्षमता है। इसका नामकरण भी संस्थान के अन्य हाॅस्टल की तर्ज पर रत्नों के नाम पर किया गया है। छात्रों के बीच हुए ऑनलाइन वोटिंग के बाद इसका नामकरण एक्वा मरीन रखा गया।
आइएसएम में 11 हाॅस्टल
आइआइटी आइएसएम देश के प्रतिष्ठित इंजीनियिरंग इंस्टीच्युट्स में एक है। यहां की माइनिंग की पढ़ाई का कोई सानी नहीं है। आइएसएम सिर्फ शैक्षणिक गतिविधियों के लिए ही नहीं अपनी हाॅस्टल सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है। इंस्टीच्युट के छह हजार से अधिक स्टूडेंट्स को घर जैसा माहौल देने के लिए 11 हाॅस्टल इसकी बुलंदी की कहानी बताते हैं।

रत्न पर रखे गए हैं हॉस्टल के नाम
आइआइटी आइएसएम में बीटेक, एमटेक, जेआरएफ समेत अन्य ब्रांचों के स्टूडेंट्स की संख्या 7034 से अधिक है। इंस्टीच्युट के 364 से अधिक फैकेल्टी इन्हें शिक्षा-दीक्षा दे रहे हैं।छात्रों के लिए 11 हास्टल की सुविधा प्रदान की गई है। इनमें अंबर, डायमंड, एमराल्ड, इंटरनेशनल, जैस्पर, ओपल, रोजलीन, रूबी, सफायर, टोपाज और नवनिर्मित दो हजार क्षमता का ब्वाॅयज हास्टल शामिल हैं। सबसे अहम यह है कि जितने भी हॉस्टल हैं उनके नाम किसी न किसी रत्न पर रखे गये हैं।

एक्वा मरीन हास्टल की खासियत
मछली के आकार का होने के नाते इसका नाम एक्वामरीन रखा गया है।
हास्टल में एक हजार कमरे हैं, इसमें दो हजार बेड है।
एक साथ तीन हजार छात्र बैठकर भोजन कर सकते हैं।
60 हजार स्क्वायर मीटर में हास्टल बना है, इसपर 192 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।
हाॅस्टल में वाईफाई की सुविधा है।