धनबाद: जज उत्तम आनंद मर्डर केस: CBI को मिली गहरी साजिश व मास्टरमाइंड की जानकारी मिली

धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद मर्डर केस में जेल में बंद आरोपित ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा से पूछताछ के दौरान सीबीआइ को गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के बारे में सुराग मिले हैं। इसका सत्यापन के लिए का एक बार फिर सीबीआइ दोनों का नार्को, ब्रेन ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट करायेगी। 

धनबाद: जज उत्तम आनंद मर्डर केस: CBI को मिली गहरी साजिश व मास्टरमाइंड की जानकारी मिली
  • फिर होगा दोनों आरोपितों का नार्को टेस्ट
  • सीबीआइ की आवेदन पर कोर्ट ने ऑटो ड्राइवर व उसके सहयोगी को 23 दिन के लिए गांधी नगर ले जाने की दी मंजूरी

धनबाद। जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद मर्डर केस में जेल में बंद आरोपित ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा से पूछताछ के दौरान सीबीआइ को गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के बारे में सुराग मिले हैं। इसका सत्यापन के लिए का एक बार फिर सीबीआइ दोनों का नार्को, ब्रेन ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट करायेगी। 

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गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई अहम सुराग मिले

केस के आइओ ने गुरुवार को सीबीआई ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सह सीबीआइ के स्पेशल जज रजनीकात पाठक की कोर्ट में आवेदन देकर दोनों का डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (डीएफएस) गांधीनगर गुजरात स्थित लैब में टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने छह से 29 दिसंबर तक कुल 23 दिन तक नार्को व अन्य टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है। सीबीआइ ने कोर्ट को समर्पित आवेदन में कहा है कि पूछताछ के दौरान गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई अहम सुराग मिले हैं। इसका सत्यापन जरूरी है। सुराग मिलने के बाद जेल में दोनों से पूछताछ की गयी. पूछताछ के दौरान दोनों आरोपी लगातार बयान बदल रहे हैं। इसलिए दोनों का दोबारा नार्को और ब्रेन मैपिंग सहित अन्य टेस्ट कराने की आवश्यकता है, ताकि साजिश और मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सके। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि नार्को के लिए दोनों आरोपितों ने अपनी सहमति भी स्वेच्छा से दी है। अदालत ने सीबीआइ को कुल 23 दिन छह दिसंबर से 29 दिसंबर तक नार्को व अन्य टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है।
बचाव पक्ष के एडवोकेट की उपस्थिति में नार्को टेस्ट कराने का निर्देश

धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच कर रही दिल्ली सीबीआई की टीम ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा का फिर नार्को एनालिसिस करायेगी। नार्को के साथ-साथ अन्य टेस्ट भी फिर से कराये जायेंगे। सीबीआई ने कोर्ट से लखन और राहुल का एलवीए, बेयोज, ब्रेन मैपिंग, नार्को एनालिसिस, फॉरेंसिक स्टेटमेंट के अलावा अन्य कई जांच कराने की अनुमति ली है। कोर्ट ने सीबीआई के साथ-साथ जेल प्रबंधन तथा धनबाद एसएसपी को भी आरोपियों की पर्याप्त सुरक्षा तथा एस्कॉर्ट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। साथ ही बचाव पक्ष के एडवोकेट की उपस्थिति में नार्को टेस्ट कराने का भी निर्देश सीबीआई को दिया गया है।

साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए दोबारा दोनों की साइंटिफिक जांच

सीबीआई की ओर से कोर्ट में दिये गये आवेदन में दावा किया गया है कि इस मर्डर केस में साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए दोबारा दोनों की साइंटिफिक जांच जरूरी है। कोर्ट को दिये आवेदन के साथ सीबीआई ने दोनों आरोपियों का जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा अभिप्रमाणित स्वीकृति पत्र भी कोर्ट को सौंपा। कोर्ट में यह मामला आरोप गठन के लिए आठ दिसंबर को निर्धारित किया गया था। इससे पहले सीबीआई ने दोनों आरोपियों से 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक जेल परिसर में पूछताछ की अनुमति ली थी। सीबीआई जेल के अंदर दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ की अवधि शुक्रवार को पूरी हो रही है।
गांधीनगर में 17 दिनों तक विभिन्न टेस्ट करा चुकी है सीबीआई
इससे पहले कोर्ट के आदेश पर 16 अगस्त को सीबीआई दोनों को लेकर टेस्ट के लिए गांधीनगर गई थी। 17 दिनों तक गुजरात के गांधीनगर एफएसएल में उनका पॉलीग्राफ, लाई डिटेक्टर, ब्रेन मैपिंग और नार्को एनालिसिस के अलावा अन्य साइंटिफिक टेस्ट कराने के बाद तीन सितंबर की रात उन्हें वापस धनबाद लाया गया था। विभिन्न साइंटिफिक टेस्ट और स्पेशलिस्ट की राय के हवाले से सीबीआई ने दोनों पर जानबूझ कर होशों हवास में ऑटो से टक्कर मार कर जज की मर्डर करने का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल किया है।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद घर से सुबह लगभग पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी।  पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया। 
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी। सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी है।
जज को जानबूझकर धक्का मारा 
सीबीआइ अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है। लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों से टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की कर चुकी है। हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मोनेटरिंग कर रही है। प्रत्येक सप्ताह सीबीआइ जांच की प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करती है। सीबीआइ की अब तक की जांच से हाई कोर्ट असंतुष्ट है।