धनबाद: कोल मिनिस्टरी की कमेटी ने कहा-झरिया की स्थिति खतरनाक, लोगों का जल्द पुनर्वास जरूरी

पीएमओ की पहल पर झरिया पुनर्वास को लेकर गठित कोल मिनिस्टरी की कमेटी ने कहा है कि झरिया की स्थिति खतरनाक है। यहां के लोगों को जल्द से जल्द पुनर्वासित करना आवश्यक है। इसलिए झरिया मास्टर प्लान के क्रियान्वयन के लिए दीर्घकालिक के बजाय अल्पकालीन योजना तैयार करनी होगी। छह मेंबर की कमेटी के सदस्यों ने सोमवार को बीसीसीएल हेडक्वार्टर कोयला भवन में बैठक कर झरिया मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। इससे पहले कमेटी के सदस्यों ने के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर जमीनी हकीकत से रु ब रु हुए। 

धनबाद:  कोल मिनिस्टरी की कमेटी  ने कहा-झरिया की स्थिति खतरनाक, लोगों का जल्द पुनर्वास जरूरी

धनबाद। पीएमओ की पहल पर झरिया पुनर्वास को लेकर गठित कोल मिनिस्टरी की कमेटी ने कहा है कि झरिया की स्थिति खतरनाक है। यहां के लोगों को जल्द से जल्द पुनर्वासित करना आवश्यक है। इसलिए झरिया मास्टर प्लान के क्रियान्वयन के लिए दीर्घकालिक के बजाय अल्पकालीन योजना तैयार करनी होगी। छह मेंबर की कमेटी के सदस्यों ने सोमवार को बीसीसीएल हेडक्वार्टर कोयला भवन में बैठक कर झरिया मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। इससे पहले कमेटी के सदस्यों ने के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर जमीनी हकीकत से रु ब रु हुए। 

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कोयला भवन में बैठक में सदस्यों ने बीसीसीएल, सीएमपीडीआइ, जेआरडीए, सिंफर तथा डीजीएमएस के अफसरों के साथ प्लान के क्रियान्वयन पर मंथन किया। कमेटी ने आधुनिक तकनीक व उच्च क्षमता के कैमरों से अग्नि और भू-धंसान प्रभावित 595 स्थानों की वर्तमान स्थिति बताने का निर्देश सीएमपीडीआइ को दिया है। सीएमपीडीआइ को स्टडी रिपोर्ट चार अक्तूबर से पहले देने को कहा गया है। आग से संबंधित विभिन्न स्टडी में जो आंकड़े मिले हैं, उसको डिजिटलाइज्ड करने को कहा गया।

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कमेटी के सदस्यों ने कहा कि सभी साइट पर घर व आबादी के साथ-साथ धरातल पर मौजूद आग की वर्तमान स्थिति के ताजा आंकड़ों से लोगों को पुनर्वासित करने में सुविधा होगी। कमेटी ने लीगल टाइटल होल्डरों को सम्मान पूर्वक व बेहतर पैकेज देकर पुनर्वासित करने व  नन लीगल टाइटल होल्डरों को सिर्फ मुआवजा देकर हटाने को कहा गया। बैठक में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट (एनडीएमए) के सदस्य कृष्ण एस वत्स, अपर सचिव (डीओएलआर) हुकुम सिंह मीणा, सीएमपीडीआइ के रिटायर्ड सीएमडी शेखर शरण, बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद, कोयला मंत्रालय के प्रोजेक्ट एडवाइजर आनंदजी प्रसाद, उपायुक्त संदीप सिंह और आइआइटी आइएसएम (धनबाद) के प्रो आरएम भट्टाचार्जी के अलावे अन्य अफसर उपस्थित थे।
53291 परिवारों को करना है पुनर्वासित
झरिया मास्टर प्लान के तहत वर्ष 2004 के सर्वे के अनुसार कुल 53291 परिवारों को पुनर्वासित करना है। इनमें लीगल टाइटल होल्डर की संख्या 29444 व 23847 नन लीगल टाइटल होल्डर हैं। वहीं वर्ष 2019 के सर्वेक्षण के सांकेतिक आंकड़ों के अनुसार अब 104946 परिवारों को पुनर्वासित करना है। इनमें 32064 लीगल टाइटल होल्डर (एलटीएच) व 72882 नन लीगल टाइटल होल्डर शामिल हैं। यानी नन लीगल टाइटल होल्डर के साथ-साथ लीगल लाइटल होल्डर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
3,757.34 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान
मास्टर प्लान के अनुसार 3,757.34 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। अबतक 1,082 करोड़ रुपये के बजट पर सहमति बन चुकी है। एक सितंबर 2021 को सहमति के लिए 2,675.34 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध है। 31 अगस्त 2021 की स्थिति के अनुसार, कुल 902 करोड़ रुपये झरिया पुनर्वास के कार्य पर खर्च हुए हैं।अभी 247.63 करोड़ रुपये जेआरडीए के फंड में शेष बचा है। मूल्य-वृद्धि के कारण आवास निर्माण कार्य पर 250 करोड़ रुपये का पुनर्विनियोजन किया गया है। आवश्यकता के अनुसार आगे पुनर्विनियोजन की आवश्यकता होगी।
.बेलगड़िया पहुंची केंद्रीय टीम, प्रभावितों ने सुनाया अपना दुखड़ा
बेलगड़िया टाइनशिप का निरीक्षण करती केंद्रीय टीम ( फोटो जागरण)।Publish Date:Mon, 20 Sep 2021 01:05 PM (IST)Author: Mritunjay
पीएमओ के निर्देश पर झरिया के आग एवं भू-धंसान प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए केंद्रीय कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी झरिया विहार बेलगड़िया पहुंची। प्रभावित परिवारों ने टीम से साथ अपनी समस्याओं को साझा किया।

झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट हुए लोगों ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्र से उठाकर दूसरे जगह सिर्फ बसा देना अपनी जिम्मेवारी समझने से नहीं होगा झरिया पुनर्वास। जीने के लिए बहुत कुछ चाहिए। झरिया से अग्नि प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट करने के समय काफी आश्वासन मिला था, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। लोगों ने यह बातें  केंद्रीय कमेटी को बताई है। झरिया पुनर्वास को लेकर पीएओ के निर्देश पर बनी कमेटी सोमवार को अग्नि प्रभावित क्षेत्र के पुनर्वासित लोगों से मिलने के लिए करमाटाड़, बेलगड़िया टाउनशिप पहुंची थी।

दो साल में ही आवास हुआ बदहाल

पालनी के उप मुखिया सीमा देवी, अजय पासवान, शांति देवी ने कहा कि पहले तो जो आवास रहने के लिए दिया गया उसकी जांंच जरूरी है। दो साल में भी भवन जर्जर हो गया है। पानी, बिजली, स्कूल, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था केवल आश्वासन पर ही चल रहा है। बेलगड़िया की मौजूदा स्थिति काफी खराब है। नए बन रहे आवास की स्थिति पर भी हाइ लेवल जांच की जरूरत है। लोगों ने कहा कि गुणवत्ता को लेकर जांच हुई तो सारे मामले अपने आप स्पष्ट हो जायें। मौके पर कमेटी के सदस्य व राष्ट्रीय भू संपदा विभाग के अवर सचिव हुकूम सिंह मीणा ने कहा कि जो भी दिक्कतें हैं उसे दूर की जायेगी। जमीनी हकीकत देखने व लोगों की समस्याओं को लेकर ही टीम आयी है।

जमीनी हकीकत से हुए रु ब रु
कमिटी सोमवार को कोयलांचल धनबाद के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे एवं अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित जगहों पर विस्थापित किये गए लोगों की जमीनी हकीकत जानने पहुंची। यह पहली बार हुआ जब केंद्र सरकार की कोई टीम धनबाद के अलकुसा माइंस, बंसजोड़ा, गोधर, बेलगड़िया, करमाटांड़, गोल्डन पहाड़ी, घनुडीह एवं झरिया जैसे क्षेत्रों का दौरा कर यहाँ के लोगों का दर्द जाना। नौ सदस्यीय कमिटी यहाँ के लोगों के एक-एक बातों को बड़े ही गौर से सुना और उसका जल्द समाधान कर देने का आश्वासन भी दिया। लोगों ने कमिटी के सदस्यों को कहा कि अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से उठाकर दूसरे जगह सिर्फ बसा देने को ही अपनी जिम्मेवारी समझने से ही झरिया पुनर्वास नहीं होगा। जीने के लिए इंसान को बहुत कुछ चीजों की आश्यकता होती है। उन्होंने कहा झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से शिफ्ट करने के समय कई आश्वासन मिला था, लेकिन आज तक एक भी पूरा नहीं हुआ।टीम, बस्ताकोला एरिया का घनुडीह, पांडेबेरा, लिलोरीपथरा, कतरास व कुसुंडा क्षेत्र का दौरा

टीम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य कृष्णा एस वास्ता, सीएमपीडीआइएल के पूर्व सीएमडी शेखर शरण, IIT ISM  के प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्जी, कोल मिनिस्टरी के प्रोजेक्ट एडवाइजर आनंंदजी प्रसाद, बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद के अलावा अन्य सदस्य शामिल है। पीएमओ के निर्देश पर 25 अगस्त को कोयला मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। कमेटी को दो माह में झरिया पुनर्वास पर ठोस रिपोर्ट देने है।