Chhangur Baba Case : छांगुर बाबा की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का पर्दाफाश, लव जिहाद, धर्मांतरण और ISI कनेक्शन...  

उत्तर प्रदेश एटीएस और ईडी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की असलियत परत-दर-परत खुल रही है। छांगुर बाबा की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है। छांगुर बाबा धर्मांतरण व लव जिहाद की खेल के साथ-साथ हिंदुस्तान की सामाजिक एकता को तोड़ने की फिराक में था। 

Chhangur Baba Case : छांगुर बाबा की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का पर्दाफाश, लव जिहाद, धर्मांतरण और ISI कनेक्शन...  
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (फाइल फोटो)।
  • काठमांडू कनेक्शन के सबूत भी मिले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस और ईडी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की असलियत परत-दर-परत खुल रही है। छांगुर बाबा की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है। छांगुर बाबा धर्मांतरण व लव जिहाद की खेल के साथ-साथ हिंदुस्तान की सामाजिक एकता को तोड़ने की फिराक में था। 
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नेपाल के जरिए वह ISI से संपर्क साधने की कोशिश में था। काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास में हुई एक गोपनीय बैठक में छांगुर बाबा के नेटवर्क की भागीदारी के सबूत मिले हैं। धर्मांतरण की आड़ में वह ISI से संपर्क साधकर देश की सामाजिक एकता को तोड़ने की साजिश रच रहा था। जांच में करोड़ों की विदेशी फंडिंग और महिलाओं को जासूसी नेटवर्क में इस्तेमाल करने की योजना का खुलासा हुआ है।
पाकिस्तान की आईएसआई से कनेक्शन
सोर्सेज के अनुसार जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं को निशाना बनाता था। पहले उन्हें प्रेमजाल में फंसाया जाता, फिर धर्मांतरण कर निकाह करवा दिया जाता। इसके बाद उन्हें नेपाल ले जाकर ISI एजेंटों और स्लीपर सेल से जोड़ा जाता। महिलाओं का इस्तेमाल जासूसी नेटवर्क में करने की साजिश रची जा रही थी।
एक हजार मुस्लिम युवकों की बनाई फौज
छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं था। इसका जाल महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। सात नेपाल सीमा से सटे जिलों को विशेष रूप से टारगेट किया गया था। तीन वर्षों में 1,000 से अधिक मुस्लिम युवकों को लव जिहाद जैसे कामों के लिए कैश पेमेंट दी गई। ईडी और एटीएस को जांच में अब तक 18 बैंक अकाउंट्स की जानकारी मिली है, जिनमें कुल 68 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। सिर्फ तीन महीनों में ही तीन करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर हुई।
छांगुर बाबा की सबसे बड़ी राजदार है नीतू वोहरा उर्फ नसरीन
छांगुर बाबा की सबसे बड़ी सहयोगी और राजदार रही नीतू वोहरा उर्फ नसरीन, जो खुद भी धर्म परिवर्तन कर इस नेटवर्क का हिस्सा बनी। नीतू वोहरा उर्फ नसरीन के अकाउंट में चार महीनों के भीतर 14 करोड़ रुपये आये और तुरंत निकाल भी लिए गये। वहीं, उसके हसबैंड नवीन वोहरा के अकाउंट्स में 18 करोड़ रुपए की ट्रांजैक्शन का पता चला है।
चार संस्थाओं के जरिए कर रहा था साजिश
छांगुर बाबा अपनी साजिश को वैध रूप देने के लिए चार अलग-अलग संस्थाएं बना रखी थीं। इन्हीं के जरिए विदेशी फंडिंग ली जाती थी और गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था। एटीएस और ईडी की ज्वाइंट जांच अब इस बात की जांच कर रही है कि इन संस्थाओं के जरिए कौन-कौन से विदेशी स्रोतों से पैसा आया और उसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं।
हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण, ISI एजेंटों से निकाह की साजिश 
छांगुर बाबा की योजना थी कि आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं को फंसाकर उनका धर्मांतरण कराया जाए. फिर इनका निकाह नेपाल में आईएसआई के एजेंटों और स्लीपर सेल से करवा दिया जाए. ये महिलाएं बाद में जासूसी के नेटवर्क का हिस्सा बन सकें, इसके लिए बाकायदा कोडवर्ड सिस्टम भी विकसित किया गया था। छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था।
लव जिहाद के 1000 मुस्लिम युवकों की फौज 
बाबा का नेटवर्क लड़कियों को फंसाता, ब्रेनवॉश करता और फिर उनका धर्मांतरण कर निकाह करवा देता था। इसके लिए विदेशों से भारी मात्रा में फंड आता था। एटीएस की जांच में छांगुर बाबा द्वारा इस्तेमाल किए गये कोडवर्ड भी सामने आये हैं। जैसे कि लड़कियों को 'प्रोजेक्ट' कहा जाता था। ब्रेनवॉश की प्रक्रिया को 'काजल करना' कहा जाता था। किसी लड़की को बाबा से मिलाने को 'दीदार कराना' कहा जाता था। 
धर्मांतरण के लिए कोडवर्ड में बातें किया करता लव जिहाद गैंग
धर्मांतरण को 'मिट्टी पलटना' कहा जाता था। इन कोड्स के जरिए बाबा और उसका गैंग आपस में बात करता था ताकि किसी को भनक न लगे। ईडी और एटीएस की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि बाबा के पास विदेशों.विदेशों से करोड़ों की फंडिंग आयी। जांच में अब तक 18 बैंक अकाउंट्स की जानकारी मिली है। इनमें कुल 68 करोड़ रुपये जमा हुए। केवल तीन महीनों में ही तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये।रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिन पहले ही नेपाल में पाकिस्तान के दूतावास में आईएसआई के साथ एक गुप्त बैठक हुई थी। इस कार्य में पाकिस्तानी रक्षा विश्वविद्यालय का डेलीगेशन भी शामिल हआ था। बैठक में आईएसआई के अफसर मौजूद थे। पाकिस्तानी डेलीगेशन भारत-नेपाल सीमा पर भी पहुंचा था। छांगुर नेपाल के किसी धर्मगुरु के सहारे पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क साधना चाहता था। हालांकि सुरक्षा कारणों से उसे प्रवेश ही नहीं मिल पाया। 
वह उत्तर प्रदेश में एक बेस बनाकर रोहिंया को भी लाना चाहता था। उसका प्लान बड़ा खतरनाक था। छांगुर बाबा का प्लान था कि वह पहले रोहिंया को हिंदू बताकर अपने बेस में बुलाये। इसके बाद उनके धर्मांतरण का दिखावा करे।बताया जाता है कि छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट महाराष्ट्, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल में भी फैला था। नेपाल सीमा से पास होने की वजह से छांगुर बाबा ने अपना बेस बलरामपुर जिले के उतरौला में बना रखा था। छांगुर बाबा का कनेक्शन अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक संगठनों जैसे कि इस्लामिक डिवेलपमेंट बैंक, मुस्लिम वर्ल्ड लीग, दावत-ए-इस्लामी और इस्लामिक यूनियन ऑफ नेपाल से भी था।
छांगुर बाबा की पोलपट्टी करीबी सहयोगी अहमद खान ने खोली
छांगुर बाबा की सारी पोलपट्टी उसके ही एक करीबी सहयोगी मोहम्मद अहमद खान ने खोल दी थी। अहमद खान पैसे के लेनदेन से जुड़ा काम देखता था। अहमद खान ने दावा किया था कि छांगुर बाबा ने उसकी करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया। उसने दावा किया था कि वह सैकड़ों करोड़ की संपत्ति के लेन-देन में सहयोगी था। इसके बाद उसे ही रबानी गैंग के बारे में बताया था। खान ने बताया कि रबानी गैंग छांगुर बाबा के इशारे पर ही काम करता है। यह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को धमकाकर उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लेता है।खान ने यह भी दावा किया था कि छांगुर बाबा की गिरफ्तारी से पहले ही रबानी गैंग का ही एक सदस्य उत्तर प्रदेश रक्षा परिषद में शामिल हो गया था। खान ने कहा कि उनकी मुलाकात छांगुर बाबा से 2023 में ही हुई थी। इससे पहले उन दोनों की कोई जान पहचान नहीं थी। यूपी एटीएस ने दावा किया कि छांगुर बाबा ने लगभग 1500 हिंदु महिला को धर्मांतरण करवाया है।
2047 में इस्लामिक देश बनाने का सपना ! 
धर्म परिवर्तन कराने का बड़ा नेटवर्क चलाने वाले बलरामपुर के छांगुर बाबा ने औरैया की भी युवती को धर्मांतरण कराया है। उसके शागिर्द मेराज अंसारी ने शर्मा बनकर युवती को प्रेम जाल मेंफांस लिया था। 2024 में फतेहपुर की मस्जिद में ले जाकर निकाह कर लिया। आरोप है कि यहीं पर वीडियो कॉल करके छांगुरगु बाबा से बात करायी थी। तब बाबा ने उसे जैनम नाम दिया था। बाबा 2047 तक देश को इस्लामिक कंट्री बनाने की भी बात कहता था। अजीतमल की रहनेवाली युवती ने मीडिया को बताया कि उसके पिता शराब पीते थे। एक बार मम्मी का उनसे झगड़ा हो गया। इसके चलते वह मम्मी के साथ मामा के यहां फतेहपुर जा रही थी। ट्रेन में उसे एक लड़का मिला, जिसने मां से बातचीत करनी शुरू कर दी। उसने अपना नाम शर्मा बताया। उसके आधार कार्ड में भी  नाम लिखा था।
मस्जिद में उसके साथ जबरदस्ती निकाह किया
उसने कहा कि वह एक ऐसे बाबा को जानता है, जो आपके हसबैंड की शराब छुड़वा देंगे। इसी सिलसिलेमें 2019 में युवक ने लखनऊ की एक मस्जिद में पहली बार छांगुर बाबा से मुलाकात कराई। यहां बाबा ने उसे एक ताबीज दिया और दुआ भी पढ़ी। इसके बाद वह मम्मी के साथ घर लौट आई। फिर कथित रूद्र शर्मा एवं उसकी बहनें उसके घर नाम बदलकर आने लगीं। वर्ष 2024 में उसके घर पर आया और छांगुर बाबा के कानपुर आने की बात कहकर फतेहपुर की मस्जिद में ले गया। मस्जिद में उसके साथ जबरदस्ती निकाह किया। शबा नाम की महिला को अपनी मां बताया। यहीं पर उसे पता चला कि उसका असली नाम मेराज अंसारी है। मेराज ने उसे तीन माह तक अपने घर में कैद कर रखा। मेराज की मां उसे नमाज पढ़ना सिखाती थी। विरोध करती तो परिजनों को मर्डर व फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती थी। मेराज के बड़े पापा पाकिस्तान में रहते हैं।
मेराज की मर्डर में जेल में हैं मम्मी-पापा
युवती ने बताया कि लगभग तीन महीने बाद वह किसी तरह बचकर अपने घर आ गयी। मेराज भी उसके पीछे आ गया। मेराज ने उसके पापा को उसके अश्लील वीडियो दिखाये और वायरल करने की धमकी दी। पापा ने वीडियो डिलीट करनेको कहा तो उसने कहा कि छोटी बेटी की शादी उससे करा दो। इस पर पापा ने गुस्से में मेराज के सिर पर लोहे की रॉड मार दी और उसकी मौत हो गयी थी। इसके बाद से उसके मम्मी-पापा जेल में बंद हैं।
ईडी को छांगुर व नीतू के 32 बैंक अकाटउंट्स का पता चला
ईडी को अब तक की जांच में छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन के 32 बैंक अकाउंट्स का पता चला है। इसमें आठ अकाउंट्स का ही अब तक पूरी तरह से डिटेल मिल पाया है। अन्य अकाउंट्स में किये गये लेन-देन का पता किया जा रहा है। माना जा रहा है कि अकाउंट्स की संख्या 50 से अधिक हो सकती है। 100 करोड़ के लेन-देन के बारे में पहले ही दावा किया जा चुका है।ईडी की लखनऊ जोन की टीम छांगुर, नीतू उर्फ नसरीन व गैंग के मुख्य सदस्यों के बैंक अकाउंट्स का डिटेल जुटा रही है।  एटीएस यह कह चुकी है कि छांगुर व नीतू की देखरेख में चल रही 40 संस्था में 100 करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ है। ईडी सूत्रों के मुताबिककुछ खातों में विदेशों से भी रकम भेजी गयी है। इस बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं ईडी के अफसरों ने एसटीएफ व एटीएस से अब तक की प्रगति की पूरी रिपोर्ट मांगी है। ईडी यह भी पता कर रही है कि छांगुर के सहयोग से किन लोगों ने अकूत संपत्ति बनायी है। इसके लिए उसकी टीम आजमगढ़, श्रावती, बहराइच के भी अफसरों के सपर्क में है। 
रेप का वीडियो भी बना लेते थे धर्मांतरण के धंधेबाज
जांच में यह भी पता चला है कि जो महिलाएं धर्मांतरण के लिए राजी नहीं होती थी, उनका रेप कर वीडियो बनाया जाता था। वीडियो वायरल करने का दबाव बनाकर उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था। छांगुर बाबा ने महिला के जबरन धर्मांतरण का गंदा काम गिरोह की महिला को ही सौंप रखा था। नाम बदलकर मुस्लिम युवक हिंदु घर की महिला और युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण कराते थे।
700 महिला का धर्मांतरण अकेले नीतू उर्फ नसरीन ने करायी
1500 में से 700 महिला का धर्मांतरण अकेले नीतू उर्फ नसरीन द्वारा कराये जाने की बात कही जा रही है। धर्मांतरण के बाद महिला और युवतियों को छांगुर से मिलवाने बलरामपुर जिले के मधपुर गांव लाया जाता था। बलरामपुर के उतरौला कोतवाली का मधपुर गांव धर्मांतरण का केंद्र बिंदु बन गया था। यहां बैठकर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर धर्मांतरण का नेटवर्क पूरे देश में चला रहा था। धर्मांतरण के लिए तीन श्रेणियां बनायी गयी थी। पहली श्रेणी में महिला को शामिल किया गया था जो गरीब व अनुसूचित जाति की महिला को अपने जाल में फंसाकर धर्मांतरण करवाती थीं। दूसरी श्रेणी में युवतियां काम करती थीं, जो देह व्यापार में लिप्त गरीब युवतियों को फंसाकर धर्मांतरण करवाती थीं। तीसरी श्रेणी में मुस्लिम युवकों को रखा गया था जो नाम बदलकर हिंदु युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराते थे।
छांगुर व नसरीन ने पुलिस अफसरों को उलझाया
सुरक्षा एजेंसियों ने छांगुर बाबा के साथ उसकी सहयोगी नीतू और नवीन को भी अरेस्ट किया है। धर्मांतरण प्रकरण में रिमांड के तीसरे दिन शनिवार को छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन से एटीएस ने पूछताछ की। धर्मांतरण प्रकरण में रिमांड के तीसरे दिन शनिवार को छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन ने एटीएस अफसरों को खूब छकाया। मुंबई से बलरामपुर और फिर अब तक के सफर को लेकर एटीएस ने दोनों से अलग-अलग पूछताछ की। छांगुर यही कहता रहा कि उसने विदेशों से आयी रकम का उपयोग नहीं किया बल्कि समाज के कामों में उसका इस्तेमाल किया। नीतू ने अपने खातों की रकम पर कहा कि उसके खातों का संचालन बाबा ही करता था। उसे ज्यादा कुछ नहीं मालूम रहता था। कई सवालों पर दोनों ने चुप्पी भी साधे रखी।अफसर दोनों के कई जवाबों पर संतुष्ट नहीं हुए। एक घंटे तक दोनों से अलग-अलग पूछताछ के बाद उन्हें एक साथ बैठाया गया। कई सवाल फिर हुए।