रांची की बिरसा मुंडा जेल में रिश्वतखोरी कांड! मुलाकातियों से पैसे वसूलने पर दो बर्खास्त, चार सस्पेंड

रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में मुलाकातियों से पैसे वसूलने के आरोप में सरकार की बड़ी कार्रवाई — दो बर्खास्त, चार निलंबित, दो को कारण बताओ नोटिस। हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद बनी जांच समिति की रिपोर्ट पर हुआ एक्शन।

रांची की बिरसा मुंडा जेल में रिश्वतखोरी कांड! मुलाकातियों से पैसे वसूलने पर दो बर्खास्त, चार सस्पेंड
बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल (फाइल फोटो)।
  • हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान के बाद बनी जांच समिति की रिपोर्ट पर सरकार ने की सख्त कार्रवाई 
  • दो पूर्व सैनिकों को बर्खास्त, चार कर्मचारियों को निलंबित
  • दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

रांची।  झारखंड की राजधानी रांची स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल एक बार फिर विवादों में है। मुलाकातियों से पैसे वसूलने के आरोप में राज्य सरकार ने जेल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने इस मामले में कुल आठ कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इनमें दो लोगों की बर्खास्तगी, चार के खिलाफ निलंबन व विभागीय कार्यवाही और दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
यह भी पढ़े: Jharkhand: हाजत में युवक की पिटाई का मामला: रांची के अरगोड़ा थाना प्रभारी सस्पेंड, तीन थानेदारों का ट्रांसफर
 हाईकोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
बिरसा मुंडा जेल में मुलाकातियों से पैसे लेने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जेल कर्मियों को रिश्वत लेते देखा गया था। यह मामला मीडिया में आने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की। अदालत के निर्देश पर सरकार ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था।समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इसके बाद सरकार ने रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों के आधार पर कार्रवाई का आदेश जारी किया।
 समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
रिपोर्ट में पाया गया कि जिस दिन रिश्वत का वीडियो सामने आया, उस दिन निरल टोप्पो कैदियों से मुलाकात कराने के प्रभारी थे। उसी दिन मिटकू उरांव और विश्वनाथ उरांव (दोनों पूर्व सैनिक संविदाकर्मी) पर मुलाकातियों से पैसे वसूलने के आरोप साबित हुए। इन दोनों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, निरल टोप्पो को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही का आदेश जारी किया गया है। चीफ हेड वार्डन अवधेश कुमार और रिजर्व हेड वार्डन विनोद कुमार पर मॉनिटरिंग में लापरवाही के आरोप में विभागीय कार्यवाही चलेगी। जेल क्लर्क प्रमिला कुमारी को कैदियों की चिट्ठियाँ रोकने और काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
फिलहाल जेल में नियमित अधीक्षक नहीं
वर्तमान में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में कोई नियमित जेल अधीक्षक पदस्थापित नहीं है। सरकार ने सुदर्शन मुर्मू, प्रशासनिक अधिकारी को अस्थायी रूप से जेल अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। अब सरकार पर यह दबाव बढ़ गया है कि जल्द से जल्द एक नियमित अधिकारी की नियुक्ति की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
जेल के अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण
नाम / पदनाम कार्रवाई
जेल अधीक्षक कारण बताओ नोटिस
सहायक जेलर कारण बताओ नोटिस
निरल टोप्पो निलंबित, विभागीय कार्यवाही
मिटकू उरांव (पूर्व सैनिक) बर्खास्त
विश्वनाथ उरांव (पूर्व सैनिक) बर्खास्त
अवधेश कुमार (चीफ हेड वार्डन) विभागीय कार्यवाही
विनोद कुमार (रिजर्व हेड वार्डन) विभागीय कार्यवाही
प्रमिला कुमारी (जेल क्लर्क) निलंबित, विभागीय कार्यवाही
क्या है अगला कदम?
सरकार ने इस मामले को “गंभीर प्रशासनिक लापरवाही” बताया है और आगे की जांच के आदेश दिए हैं। जेल विभाग से रिपोर्ट तलब की गई है और अगली सुनवाई में हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार आने वाले दिनों में जेल प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन मुलाकात व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है।