बिहार - झारखंड तक में आतंक का पर्याय रहे बिंदू सिंह की मौत, बेउर जेल में काट रहा था सजा

बिहार-झारखंड का आतंक रहे सजायाफ्ता कुख्यात बिंदू सिंह(65) की पीएमसीएच में शनिवार शाम छह बजे मौत हो गई। वह लंबे समय से कैंसर से ग्रसित था। बेउर जेल में शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उसे पीएमसीएच में एडमिट कराया था। 

बिहार - झारखंड तक में आतंक का पर्याय रहे बिंदू सिंह की मौत, बेउर जेल में काट रहा था सजा
पटना। बिहार-झारखंड का आतंक रहे सजायाफ्ता कुख्यात बिंदू सिंह(65) की पीएमसीएच में शनिवार शाम छह बजे मौत हो गई। वह लंबे समय से कैंसर से ग्रसित था। बेउर जेल में शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उसे पीएमसीएच में एडमिट कराया था। 
बिंदु के खिलाफ मर्डर, किडनैपिंग व रंगदारी जैसे तीन दर्जन से अधिक क्रिमिनल दर्ज हैं। पुलिस ने 1987 में बिंदु को अरेस्ट किया था। तब से वह जेल में ही कैद था। उसका बेटा रोशन भी दो बार रंगदारी के मामले में जेल जा चुका है। वह हाल में बेल पर छूटा है। इधर, बिंदू सिंह की मौत की सूचना मिलने के बाद पीएमसीएच में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। 
बिहार-झारखंड में दर्ज हैं कई मामले
बिंदु सिंह 90 के दशक में आधुनिक हथियारों से लैस रहता था। उसके पास स्टेनगन और एके 47 जैसे हथियार भी थे। उसकी कई फोटो भी वायरल हुई थी। जेल में रेड के दौरान बिंदु पुलिस अफसरों से भी उलझ चुका है।बिंदू सिंह मूलरूप से जहानाबाद के दौलतपुर गांव का रहने वाला है। हालांकि, उसका परिवार कंकड़बाग की पीसी कालोनी में रहता है। बिंदु सिंह कैंसर, हृदय संबंधी सहित कई बीमारियों से वह जूझ रहा था। 28 जून को इलाज के लिये उसे जहानाबाद से बेऊर जेल भेजा गया था। कई बार वह एम्स दिल्ली में भी भर्ती हो चुका था। बिंदु बीते शुक्रवार को एक्स एमएलए अनंत सिंह के साथ पीएमसीएच में एडमिट किया गया था। तबीयत बिगड़ने पर शुक्रवार को एक्स एमएलए अनंत सिंह और बिंदु सिंह को एक साथ पीएमसीएच भेजा गया था। इलाज के बाद एक्स एमएलए वापस जाने लगे तो उन्होंने बिंदु से बातचीत की। इसपर बिंदु ने कहा- ‘हम नहीं जा पायेंगे..तबीयत खराब लग रहा है। आप निकल जाइये..’। तबीयत बिगड़ने पर बिंदु को हॉस्पिटल के ही आईसीयू में भेजा गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। 
 देर रात हुआ पोस्टमार्टम
बिंदु की मौत की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में लोग पीएमसीएच में जुटने लगे। हालात को देखते हुये पुलिस ने रात में बिंदु की बॉडी पोसटमार्टम करवा दिया। पोस्टमार्टम हाउस के सामने भी उसके समर्थक मौजूद थे। बड़ी संख्या लोग जहानाबाद से पटना पहुंचे थे। बिंदू सिंह 1980-90 के दशक में बिहार और झारखंड में आतंक का पर्याय बन चुका था। उस समय दोनों ही राज्य एक था। 1987 में गिरफ्तारी के बाद भी उसके नाम पर कोचिंग संस्थानों, चिकित्सकों व बड़े प्रतिष्ठानों से रंगदारी वसूली जाती थी। रकम नहीं देने पर लोगों की हत्या कर दी जाती थी। उसे जहानाबाद, भागलपुर, बोकारो, रांची, पलामू, जमशेदपुर, दिल्ली और मसौढ़ी के जेलों में भी रखा गया था। वर्ष 2000 से 2005 के बीच उसके चार गुर्गे मारे गये थे, जिसके बाद बिंदू सिंह की ताकत कम होती चली गई। वह सोना पहनने और गांजा पीने का शौकीन था। 
आर्मी की नौकरी छोड़ लड़ा था चुनाव
 बताया जाता है कि बिंदू सिंह फौज की नौकरी में था। उसके छोटे भाई की मरर्डर कर दी गई थी। इलाके में वर्चस्व कायम करने के लिए उसने फौज की नौकरी क्राइम वर्ल्ड में कदम रख दिया। उसने गया जिले के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमाई थी, लेकिन चुनाव हार गया। जब हार्डिंग रोड में निजी बस स्टैंड था, तब उसके ही एजेंट वाहन मालिकों से रकम वसूलते थे। इसको लेकर स्टैंड पर कई बार फायरिंग हुई थी। जेल में कैद रहने के दौरान कई आपराधिक मामलों में उसकी संलिप्तता उजागर होने पर 12 वर्षों से जेल प्रशासन ने उसे गोलघर में बंद रखा था। 
 बेउर जेल के जेलर की करायी थी मर्डर
बिंदू सिंह के गुर्गों ने वर्ष 2004 में दिवाली की रात रंगदारी नहीं देने पर राजेंद्र नगर में रहने वाले डाक्टर एनके अग्रवाल की गोली मारकर मर्डर  कर दी थी। इस मामले में तत्कालीन टाउन डीएसपी राकेश कुमार दुबे ने बिंदू सिंह के गुर्गे नवलेश दुबे व एक अन्य को राजेंद्र नगर टेलीफोन एक्सचेंज के पास मार गिराया था। आर्म्स रखने के आरोप में उसकी बेटी को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया था। पुलिस की सिफारिश पर बेउर जेल प्रशासन ने बिंदू सिंह पर निगरानी बढ़ा दी थी। तब 2005 में उसने बेउर जेल के तत्कालीन जेलर की नाला रोड स्थित घर के बाहर मर्डर करवा दी। उसे कंकड़बाग के एक कोचिंग संचालक व चर्चित शिक्षक बीके लाल की भी रंगदारी नहीं देने पर हत्या कराई थी। इस कांड के बाद तत्कालीन डीएसपी शशिभूषण शर्मा ने भी उसके दो गुर्गों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।धनबाद में भी कई डॉक्टर व बिजनसमैन से भी बिंदु ने रंगदारी मांगी थी। वह धनबाद जेल में भी बंद रहा था।