बिहार: पुलिस का दावा-वीर कुंवर सिंह की असली रिश्तेदार नहीं हैं पुष्पा सिंह! नजरबंद किये जाने की बात खारिज 

बिहार के भोजपुर पुलिस ने वीर कुवंर सिंह की पौत्र वधु होने का दावा करने वाली पुष्पा सिंह के नजरबंद करने के आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है किसी को नजरबंद नहीं किया गया और वो कुंवर सिंह की असली रिश्तेदार नहीं हैं।

बिहार: पुलिस का दावा-वीर कुंवर सिंह की असली रिश्तेदार नहीं हैं पुष्पा सिंह! नजरबंद किये जाने की बात खारिज 

पटना। बिहार के भोजपुर पुलिस ने वीर कुवंर सिंह की पौत्र वधु होने का दावा करने वाली पुष्पा सिंह के नजरबंद करने के आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है किसी को नजरबंद नहीं किया गया और वो कुंवर सिंह की असली रिश्तेदार नहीं हैं।

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बीजेपी शनिवार को ने भोजपुर के दुलौर में वीर कुवंर सिंह का विजयोत्सव मनाया था। इसमें सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह बतौर चीफ गेस्ट शामिल थे। इस कार्यक्रम के बाद वृद्ध महिला पुष्पा सिंह मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि वो वीर कुवंर सिंह की पौत्र वधु हैं। माल्यार्पण करने के लिए मुझे जाने से रोका गया। समारोह स्थल पर जानें नहीं दिया गया। जिला प्रशासन और पुलिस ने किला को सिल कर दिया। मुझे नजरबंद कर दिया गया।'

पुष्पा सिंह का दावा पूरी तरह से गलत

भोजपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने पुष्पा सिंह के आरोपों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया। एसपी विनय तिवारी के अनुसार होम मिनिस्टर की सिक्युरिटी के कारण से किला की गेट को बंद किया गया था। कहीं किसी को भी नजरबंद नहीं किया गया था। वीर कुंवर सिंह के परिवार होने का पुष्पा सिंह का दावा पूरी तरह से गलत है। उनके पास इस दावे का कोई ठोस आधार नहीं है। जब किसी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया ही नहीं गया था तो उन्हें कैसे जाने दिया जाता? जहां तक वीर कुंवर सिंह के परिवार की बात है तो बुजुर्ग ब्रह्मानंद सिंह स्टेज पर होम मिनिस्टर के साथ थे।वहीं वीर कुंवर सिंह के असली रिश्तेदार हैं। कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित भी किया गया था।
28 मार्च को हुई थी पुष्पा सिंह के बेटे की मर्डर
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पिछले महीने 28 मार्च को जगदीशपुर किला में ही पुष्पा सिंह के बेटे की मर्डर हुई थी। उस समय भी वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र की हत्या का मामला बता उसे राजनीतिक रंग दिया गया था। हालांकि, मर्डर के उस केस की पुलिस ने काफी तेजी से जांच की थी। मर्डर में शामिल दोषियों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया। पर पूरे मामले को राजनीतिक रंग देना कहीं से भी सही नहीं था।