बिहार: पटना AIIMS के डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, महिला डाक्टर के पेट में छोड़ दिया 12 इंच का गाज

AIIMS पटना के डाक्टरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है।डा. पूजा कुमारी की सर्जरी रविवार को राजधानी के प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई। डाक्टरों की टीम ने तीन घंटे सर्जरी कर पेट से 12 इंच लंबा गाज का टुकड़ा निकाला।

बिहार: पटना AIIMS के डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, महिला डाक्टर के पेट में छोड़ दिया 12 इंच का गाज

पटना। AIIMS पटना के डाक्टरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है।डा. पूजा कुमारी की सर्जरी रविवार को राजधानी के प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई। डाक्टरों की टीम ने तीन घंटे सर्जरी कर पेट से 12 इंच लंबा गाज का टुकड़ा निकाला।

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सर्जरी के दौरान डाक्टर गाज के टुकड़े से ही खून पोछते हैं। देर शाम तक पीड़िता बेहोश थी और उसका नौ माह का मासूम बच्चा हास्पिटल के कमरे में बिलख रहा था। पीड़िता की बहन ने बेहोश मां और बच्चे के बिलखने का वीडियो इंटरनेट मीडिया से साझा किया। नौ माह से पेट में पड़े इस गाज के टुकड़े से हुए संक्रमण के कारण यूरीनरी ट्रैक्ट में संक्रमण के साथ बच्चेदानी में सुराख हो गया है। इससे पीड़िता दूसरी बार मातृत्व सुख से वंचित हो सकती है। एम्स मैनेजमेंट में रविवार को कोई सीनीयर अफसर नहीं थे।अब सोमवार को इस बाबत जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जा सकती है।
डॉक्टर पूजा की बहन अंकिता सिंह ने बताया कि एम्स को देश में सेंटर आफ एक्सीलेंस माना जाता है। हम तो सामान्य प्रसव कराने तमाम बड़े प्राइेवट हॉस्पिटल को छोड़कर वहां गये थे। वहां के डाक्टरों ने एक बार ही नहीं, दो-दो बार लापरवाही की। पहली बार यदि मानवीय भूल के कारण गाज छूट भी गया तो जब संक्रमण के कारण बार-बार टांके पक रहे थे तब तो डाक्टरों को इसका कारण जानने का प्रयास करना चाहिए था। इसके बजाय वे पीड़िता को ही डाक्टर होने के बावजूद लापरवाही करने का हवाला देकर फटकार लगाती थीं। सुधार नहीं होने पर उन्होंने पहले प्राइवेट डायगनोस्टिक सेंटर में जांच कराई। वहां गाज होने की बात सामने आने पर एम्स में ऐसा हो सकता है, विश्वास नहीं हुआ इसलिए दोबार एम्स में जांच कराई लेकिन वहां भी इसकी पुष्टि हुई। इतनी लापरवाही करने वाली डाक्टर अपनी गलती मानने के बजाय जब वे शिकायत करने गये थे मां और मेरे अलावा पीडि़ता के साथ भी पुरुष गार्डों ने धक्का-मुक्की की। सिर दीवार पर पटक दिया। इसके बाद भी हम आपा नहीं खोएं। यह है मामला  

सगुना मोड़ निवासी पूजा कुमारी ने 2021 की 14 सितंबर को एम्स पटना में सिजेरियन कराया था। कुछ दिन टांके खुलने पर वे पुन: वहां एडमिट हुईं और टांके लगाकर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। पिछलेत नौ माह से बार-बार उनके पेट में संक्रमण हो रहा था। इस पर उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड कराया। डाक्टर ने बताया कि बच्चेदानी और पेशाब की थैली के बीच काटन गाज फंसा है। उससे हुए संक्रमण की वजह से बच्चेदानी में सुराख हो गया। वह शुक्रवार को मां, बहन और 10 माह के पुत्र के साथ एम्स में सर्जरी करने वाली डा. हिमाली एस सिन्हा के पास गईं थीं। जहां बातचीत के क्रम में विवाद के बाद मामला थाने पहुंचा था।

एम्स और पुलिस ने नहीं दी शिकायत की प्राप्ति रसीद  

पूजा कुमारी की बहन ने बताया कि उन्होंने आठ जून को ही पुलिस स्टेशन और एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडट के ऑफिस में लिखित शिकायत की थी। पुलिस ने एम्स प्रोटोकाल के अनुसार FIR दर्ज करने में अक्षमता जाहिर करते हुए कंपलेन एम्स मैनेजमेंट भेजने की बात कही थी। एम्स ने मेडिकल सुपरिटेंडट के नहीं होने की बात कह बाद में आने को कहा था। एम्स मैनेमेंट ने शनिवार को लिखित शिकायत नहीं मिलने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि लिखित शिकायत मिलेगी तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी। कार्रवाई के बजाय एम्स के वरिष्ठ डाक्टरों ने पीडि़ता और परिजन पर ही हंगामा करने का आरोपित बनाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की थी।