Bihar : प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हुए RCP Singh

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने की सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में एक्स सेंट्रल मिनिस्टर आरसीपी सिंह जन सुराज पार्टी (जसुपा) में शामिल हो गये हैं। आरसीपी सिंह की  पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का भी जसुपा में विलय हो गया है।

Bihar : प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हुए RCP Singh
आरसीपी ने थामा के पीके का हाथ।
  • आसा का जनसुराज में विलय

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने की सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में एक्स सेंट्रल मिनिस्टर आरसीपी सिंह जन सुराज पार्टी (जसुपा) में शामिल हो गये हैं। आरसीपी सिंह की  पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का भी जसुपा में विलय हो गया है।

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RCP सिंह राजनीति में आने से पहले आईएएस अफसर रहे चुके हैं। वे 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अफसर थे। आरसीपी सिंह ने 1979 में पटना कॉलेज से इतिहास में कला स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की।  1982 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से मास्टर डिग्री की।
पीके के विचारों से प्रभावित होकर जसुपा में हुए शामिल RCP सिंह जन सुराज पार्टी के विचारों से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ ही उनके कई समर्थक भी जसुपा में शामिल हो गये। RCP सिंह के राजनीतिक अनुभव से पीके की पार्टी को आगामी चुनाव में मजबूती मिलेगी।
हम मिले तो 2015 में हारी थी बीजेपी
इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर ने जदयू के कई कद्दावर नेताओं को निशाने पर लिया और जमकर हमला बोला। आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब 2015 में महागठबंधन में राजद और जदयू एकसाथ आयी तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। दोनों ने यह कहा कि राजद और जदयू के साथ आने से पहले प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह साथ आये थे। 
2015 विधानसभा चुनाव की दिलायी याद
प्रशांत किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी के विजय रथ को इसलिए रोका जा सका था क्योंकि तब लालू यादव और नीतीश कुमार से पहले प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह साथ आये थे।  पीके ने कहा कि 2015 के चुनाव जिताने में जरूर मेरी भूमिका थी। आरसीपी सिंह ने कहा कि 2010 में वो अफसर थे। उसके बाद नीतीश कुमार के साथ जदयू में आये और फिर सेंट्रल मिनिस्टर भी बने। बाद में सवा साल भाजपा में भी रहे। बाद में अपनी पार्टी बनायी। निर्दलीय रहने से किसी का फायदा नहीं होता इसलिए जनसुराज के साथ जुड़े। आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर के साथ वो पहले भी काम कर चुके हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार का साथ इसलिए छोड़ा क्योंकि जदयू ने सीएएस और एनआरसी का समर्थन किया। ‘आरसीपी टैक्स’ तंज को गलत करार देते हुए उन्होंने कहा कि आजतक पटना में एक घर भी आरसीपी सिंह ने नहीं बनाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि एक काबिल व्यक्ति ही जनसुराज का नेतृत्व करेगा। आरसीपी सिंह की भूमिका दल चलाने की नहीं होगी, वो पहले भी चला चुके हैं। बिना किसी शर्त वो साथ आए हैं. एनडीए और महागठबंधन को रोकने दोनों साथ हुए हैं।