देश में अब तक का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड, 28 बैंकों से की गयी 22,842 करोड़ रुपये की ठगी, CBI ने दर्ज किया FIR

देश के अब तक के सबसे बड़े एक बैंक घोटाले में सीबीआइ ने FIR दर्ज किया है। न्यूज एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआइ ने एबीजी शिपयार्ड और उसके डायरेक्टर के खिलाफ कथित तौर पर 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने कार्रवाई की है। 

देश में अब तक का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड, 28 बैंकों से की गयी 22,842 करोड़ रुपये की ठगी, CBI ने दर्ज किया FIR

नई दिल्ली। देश के अब तक के सबसे बड़े एक बैंक घोटाले में सीबीआइ ने FIR दर्ज किया है। न्यूज एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआइ ने एबीजी शिपयार्ड और उसके डायरेक्टर के खिलाफ कथित तौर पर 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने कार्रवाई की है। 

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इंडिया की सबसे की बड़ी निजी शिपिंग कंपनियों में एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर 28 बैंकों से कथित तौर पर 22842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार देश में बैंक धोखाधड़ी का ये अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी है।सीबीआइ ने धोखाधड़ी के इस केस में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और सह-प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी और तीन अन्य निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया को आरोपी बनाया है। सीबीआइ की ओर से दिल्ली में सात फरवरी को दर्ज की गई एफआईआर मेंआपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का सेक्शन लगाया गया है। 

एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है। यह जहाज निर्माण और जहाज-मरम्मत के कारोबार से जुड़ी है। ये कंपनी भारतीय जहाज निर्माण उद्योग में एक बड़ा नाम है। इसके यार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। कंपनी ने पिछले 16 वर्षों में 165 से अधिक जहाजों (निर्यात बाजार के लिए 46 सहित) का निर्माण किया है। एफआइआर में कहा गया है कि 25 अगस्त 2020 को बालाजी सिंह सामंत डीजीएम एसबीआइ एसएएम शाखा मुंबई से एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी। यह शिकायत एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के खिलाफ थी जिसका रजिस्टर्ड ऑफिस सूरत में है। इसमें ऋषि कमलेश अग्रवाल अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और संथानम मुथास्वामी गारंटर एवं एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के अन्य निदेशकों के खिलाफ आरोप लगाये गये हैं। आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, आधिकारिक पद के दुरुपयोग के अपराधों के आरोप है।

सीबीआइ अन्य बड़े बैंक धोखाधड़ी में सीबीआई विजय माल्या मामले की जांच कर रही है जिसमें 9,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी शामिल हैं, जिन पर बैंकों का लगभग 14,000 करोड़ रुपये बकाया है।रिपोर्ट के अनुसार इससे आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व वाले स्टेट बैंक आफ इंडिया, ई-स्टेट बैंक आफ पटियाला (वर्तमान में स्टेट बैंक आफ इंडिया), ई-स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर (वर्तमान में स्टेट बैंक आफ इंडिया) आदि बैंकों के संघ को 22,842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। शिकायत में निहित तथ्य और आरोप एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी समेत आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत दंडनीय अपराध की ओर इशारा करते हैं।

कंपनी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं।यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने मिलीभगत के जरिए बैंक के पैसे का डायवर्जन किया। जिस उद्देश्य के लिए बैंक द्वारा धनराशि जारी की गई थी उसके अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए रकम का डायवर्जन किया गया। उक्त निजी कंपनी द्वारा कथित तौर पर संबंधित पक्षों को भारी रकम हस्तांतरित की गई। यही नहीं बैंकों की रकम का विदेशी सहायक कंपनी में भारी निवेश भी पाया गया। बैंकों की रकम को संबंधित पक्षों के नाम पर बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए डायवर्ट किया गया।