आमाघाटा सरकारी जमीन कब्जा मामले में मेनका देवी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन की कार्रवाई को बताया गलत  

झारखंड हाई कोर्ट से आमाघटा मौजा के सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के मामले में मेनका देवी समेत अन्य को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाई कोर्ट ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की दलील को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता मेनका देवी की दलील को स्वीकार करते उसके पक्ष में फैसला दिया है। 

आमाघाटा सरकारी जमीन कब्जा मामले में मेनका देवी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन की कार्रवाई को बताया गलत  
धनबाद। झारखंड हाई कोर्ट से आमाघटा मौजा के सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के मामले में मेनका देवी समेत अन्य को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाई कोर्ट ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की दलील को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता मेनका देवी की दलील को स्वीकार करते उसके पक्ष में फैसला दिया है। 
हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने धनबाद के तत्कालीन डीसीक्त उमाशंकर सिंह द्वारा की गई कार्रवाई को गलत बताया है । इससे पूर्व में 24 मार्च 2021 को कोर्ट ने राज्य सरकार को किसी भी प्रकार की विध्वंसक एवं दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही इस दौरान मेनका देवी एवं अन्य के निर्माण को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचाते हुए किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक लगा दी थी। 
मेनका देवी ने जिला प्रशासन द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में रिट दाखिल की थी। रिट के माध्यम से मेनका देवी द्वारा जिला प्रशासन के आदेश को असंवैधानिक तथा विधि के विरुद्ध कार्रवाई बताई थी। हाई कोर्ट में में मेनिका देवी की ओर से अधिवक्ता लोकेश कुमार तथा सिद्धार्थ सुधांशु द्वारा बहस की गई। जसवंत लाल शर्मा, अमर सिंह समेत अन्य की ओर से एडवोकेट शैलेश कुमार सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा। 
मेनका देवी के अधिवक्ता सिद्धार्थ सुधांशु ने बताया कि मेनका देवी द्वारा जिला प्रशासन को जवाब दाखिल करते हुए बताया गया था कि आमाघाटा मौजा के प्लॉट संख्या 185 की चार कट्ठा जमीन उसके पति द्वारा भुनेश्वर यादव से बतौर रजिस्ट्री द्वारा खरीदी गई थी। इसका दाखिल खारिज भी हो गया है। वह नियमित राज्य सरकार को लगान भी देती आ रही है। उस जमीन के कागजात के आधार पर बैंक से उसने लोन लेकर घर बनाया है। बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन भी दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा अब उसे नोटिस देकर उस जमीन को प्लॉट संख्या 187 बताया जा रहा है।