धनबाद: जांच में खुलासा, निरसा थानेदार थे गांजा तस्करी केस के सूत्रधार, कसेगा शिकंजा

  • निरसा में कथित गांजा तस्करी के मामले की जांच में जुटी झारखंड व बंगाल पुलिस
  • आरोपी ने वाइफ ने बंगाल के एक एसडीपीओ पर लगाया है संगीन आरोप
  • एसडीपीओ ने निरसा थानेदार के साथ मिलकर फरजी ढंग से रची गांजा तस्करी की कहानी
धनबाद: पुलिस इंस्पेक्टर सह निरसा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज उमेश प्रसाद सिंह द्वारा बंगाल के एसडीपीओ व कोल माफिया से मिलीभगत कर बीरभूम जिला के राजनगर पुलिस स्टेशन एरिया के आबाद नगर निवासी ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को गांजा तस्करी में जेल भेजने का मामला तूल पकड़ लिया है. झारखंड पुलिस हेडक्वार्टर के साथ-साथ बंगाल पुलिस भी मामले के संज्ञान में ली है. झारखंड पुलिस के सीनीयर अफसरों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आइपीएस लेवल के अफसर को जांच कर सुपरविजन रिपोर्ट जारी करने को कहा है. पुलिस हेडक्वार्टर तक मामला पहुंचने के बाद जिला पुलिस रेस हो गयी है. आरंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि बंगाल के एक एसडीपीओ के इशारे परन निरसा थानेदार ने गांजा तस्करी की कहानी रची थी. यह भी पढें-ईसीएल कर्मी को गांजा तस्करी में निरसा पुलिस ने भेजा जेल, पत्नी ने झारखंड-बंगाल के सीएम से की शिकायत, खतरे में इंस्पेक्टर की गर्दन बताया जाता है कि डीएसपी (हेडक्वार्टर)  को मामले की जांच के लिए चीरंजीत के गांव भेजा गया था. डीएसपी ने चिरंजीत के गांव उसके कोलियरी आदि जगहों जाकर छानबीन की है. चिरंजीत की वाइफ व बंगाल जेल पुलिस की कांस्टेबल श्रावनी सेवाती का बयान दर्ज किया गया है. डीएसपी की जांच में चिरंजीत के गांजा तस्करी से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. साथ ही चिरंजीत की वाइफ की बंगाल के एक एसडीपीओ से पहले से चल रहे विवाद का मामला सामने आया है. संबंधित एसडीपीओ के खिलाफ बंगाल में जांच शुरु हो गयी है. चिरंजीत की पत्नी पहले ही बंगाल के एसडीपीओ की कंपलेन सीएम ममता बनर्जी समेत अन्य से लिखित रुप से की थी. एसडीपीओ पर मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का आरोप है. आरोप है कि एसडीपीओ ने गोड्डा में चिरंजीत के खिलाफ गांजा से संबंधित एक केस दर्ज करवा दिया है. एसडीपीओ चिरंजीत की वाइफ को साथ रखना चाहता है. चिरंजीत की पत्नी झारखंड के सीएम , डीजीपी, डीआइजी, एसएसपी समेत अन्य लोगों को भी पहले ही कंपलेन कर चुकी है. एडीजी लेवल के अफसर ने धनबाद व गोड्डा एसपी को मामले की जांच कर बेकसूर को न्याय दिलाने को कहा है. उल्लेखनीय है कि निरसा इंस्पेक्टर उमेश प्रसाद सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर 25 अगस्त की रात गांजा लदी एक बंगाल नंबर की टवेरा जब्त करने व उसमें सवार चिरंजीत समेत अन्य के भाग जाने के आरोप में केस दर्ज करवायी है. मामले में गुप्त सूचना का आलोक में चिरंजीत को न सिर्फ एक्युज्ड बनाया गया बल्कि चार सितंबर को अरेस्ट कर जेल भी भेज दिया गया. निरसा इंस्पेक्टर ने चेकिं ग के दौरान एसडीपीओ विजय कुशवाहा की भी मौजुदगी बतायी है. बताया जाता है कि इंस्पेक्टर ने पूरी तरह से आर्थिक लाभ लेकर इसीएल स्टाफ के खिलाफ गांजा तस्करी की केस की और जेल भेज दिया. मामले में सीनीयर अफसरों को गुमराह किया गया. जांच शुरु होने के बाद निरसा इंस्पेक्टर उमेश सिंह बचने के लिए चिरंजीत के परिजन व एडवोकेट की चिरौरी कर रहे हैं. केस फाइनल करवा देने की बात कह रहे हैं.