महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन, सेंट्रल कैबिनेट की अनुशंसा को प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दी

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशियारी की रिपोर्ट पर सेंट्रल कैबिनेट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी. प्रसिडेंट रामनाथ कोविन्द ने कैबिनेट की अनुसंशास पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी है. विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी. रवर्नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी एक स्थायी सरकार संभव नहीं है. सरकार गठन के लिए सभी प्रयास किये गये हैं, लेकिन उन्हें स्थायी सरकार बनने की कोई संभावना नहीं दिखती.गवर्नर ने उल्लेख किया कि उन्हें लगता है कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है. अब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है तथा वह संविधान के आर्टिकल 356 के प्रावधान पर रिपोर्ट भेजने को विवश हैं. राज्य में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकार नहीं बना सकी है. इससे पहले महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच सेंट्रल कैबिनेट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी.पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी दल सरकार नहीं बना पाया है पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई और प्रदेश में केंद्रीय शासन लगाने का राष्ट्रपति से अनुरोध करने का निर्णय किया गया. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 सीटें हैं. एमनसीपी को 54 व कांग्रेस के पास क्रमश: 44 सीटें हैं. सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते तीन दिन का वक्त नहीं देने के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अरजी देकर तत्काल सुनवाई की मांग की. कोर्ट में आज मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी. सुप्रीम कोर्ट बुधवार सुबह याचिका पर तत्काल सुनवाई कर सकती है. .शिवसेना का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील का कहना है कि न्यायालय रजिस्ट्री ने सूचित किया है कि ''आज बेंच का गठन करना संभव नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने रिट याचिका का उल्लेख कोर्ट के समक्ष बुधवार (13 नवंबर) साढ़े दस बजे करने को कहा है.ए़डवोकेट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने के लिए दूसरी याचिका तैयार की जा रही है. नयी याचिका कब दायर की जाए, इस पर कल (13 नवंबर) निर्णय किया जायेगा.शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट से सदन में बहुमत साबित करने का मौका नहीं देने के राज्यपाल के सोमवार के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.याचिका में पार्टी ने आरोप लगाया कि उसे सरकार बनाने के लिए सोमवार (11 नवंबर) को आमंत्रित किया गया और उसने मंगलवार (12 नवंबर) को भी दावा पेश करने की इच्छा जताई थी. शिवसेना ने इस निर्णय को असंवैधानिक, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया है.