धनबाद:होली के रंग में डूबा कोयलांचल, टाउन से लेकर गांव व कोलियरी तक मना रंगो का त्योहार,झूमते रहे लोग

  • कोयला राजधानी में नहीं दिखा कोरोना का खौफ
  • एक दूसरे को रंग व गुलाल लगा लोगों ने गले मिलकर दी होली की बधाई
धनबाद।कोयला राजधानी धनबाद में मंगलवार को होली के त्योहार की धूम रही। कोयलांचल में होली शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। शहर से लेकर गांव और कोलियरी तक लोग होली की मस्ती में रंगे नजर आये। रंगों का त्योहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी खास है। इस दिन को मुख्य तौर पर बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। होली पर हर घर में खुशियों के रंग बिखरे। गुलाल के साथ ही लाल और हरे रंगों से रंगे चेहरों पर इस पर्व की खुशी खूब चमकी। जिले में होली के दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किये गये थे। संवेदनशील इलाकों में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। टाउन से लेकर कोलियरी व ग्रामीण इलाकों में होली खेली गई। जिलेभर में होली की धूम रही। बच्चों से लेकर बुजर्गों पर इस पर्व की मस्ती छाई रही। कोरोना वायरस के खौफ से दूर एक-दूसरे को रंग और अबीर लगाकर होली मनाया।पुरुष घरों से निकल टोलियां बना होली खेले तो महिलाओं की टोलियां घर-घर जाकर रंग लगायी।चारों ओर होली के गीत भी खूब बजे। धनबाद,झरिया,गोविंदपुर, बाघमारा,टुंडी,निरसा,सिंदरी,चिरकुंडा,कतरास,तोपचांची आदि क्षेत्रों में सुबह से ही लोग घरों से निकल एक-दूसरे को रंग लगाते रहे।लोग नाच-गाकर उत्साह पूर्वक होली मनायी। [caption id="attachment_46345" align="alignnone" width="300"] चासनाला में होली।[/caption] होली में धनबाद में  आम लोगों में कोरोना को लेकर कोई खौफ देखा गया। ऐसा लग रहा था कि जैसे होली खेल कोरोना के खौफ को भगा रहे हैं।लोग बेखौफ होकर होली मनाते रहे। एक-दूसरे को रंग लगाकर गले मिले। चारों ओर रहा होली के गीतों का शोर होली की कल्पना बिना गीत के नहीं की जा सकती है। हेली के गीत भी एक से बढ़कर एक। होली में रंग बरसे भीगे चुनर वाली.... होली खेले रघुवीरा अवध में.... बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी... जैसे हिंदी फिल्मों के गीतों के साथ ही भोजपुरी गीतों की धूम है। युवा, बजुर्ग, बूढ़े और बच्चे सब होली की मस्ती में गीतों पर खूब ठुमके लगाये। [caption id="attachment_46303" align="alignnone" width="225"] पर्ल एक्जोटिका में होली।[/caption] होली के दौरन आम व या खास सभी ने एक दूसरे को गुलाल व रंग लगायी। एक-दूसरे से गले मिले। होली की शुभकामनाएं दी। [caption id="attachment_46311" align="alignnone" width="300"] जावेद पठान ने मुंबई में मंनायी होली।[/caption] धनबाद पुलिस लाइन के सामने होली का रंग कुछ अलग ही था। युवा राष्ट्रभक्ति के रंग में रंगे हुए थे। शरीर पर राष्ट्रध्वज का रंग। सैल्यूट देते युवा खूब फब रहे थे। टुंडी एमएलए मथुरा प्रसाद महतो ने सिजुआ स्थित अपने आवास पर होली खेली। बड़ी संख्या में लोग एमएलए के आवास पहुंच रंग-गुलाल लगाया। सिंदरी एमएलए इंद्रजीत महतो, धनबाद एमएलए राज सिन्हा, एमपी पीएन सिंह समेत अन्य राजनेताओं ने होली खेली। राज सिन्हा ने एमपी पीएन सिंह के आवास पहुंचकर गुलाल लगाया और उनसे आशिर्वाद लिया। धनबाद के IIT-ISM में छात्र-छात्राओं ने होली में खूब मस्ती की। कैंपस के अंदर  दिनभर होलियाना माहौल रहा। सब एक जैसे लाल, पीले, हरे वगैरह-वगैरह रंगों में रंगे में नजर आ रहे थे। क्या है होली  मनाने की पंरपरा देश भर में फाल्गुन पूर्णिमा वाले दिन होलिका दहन के बाद अगले दिन चैत्र कृष्ण की प्रतिपदा पर  होली मनाया जाता है। होली मनाने को लेकर कई पौराणिक, सामाजिक और धार्मिक कथाएं हैं। रंगो और प्यार का प्रतीक होली पर्व फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली को मनाने के पीछे एक प्रमुख प्रसंग प्रह्लाद और होलिका की कथा से जुड़ा है।  होली मनाने की पीछे कई कहानियां भी प्रचलित हैं। कई कथाओं में होली का पूतना वध से भी संबंध जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि कंस के कहने पर पहुंची पूतना का सिर किसने बस कर दिया था। इसकी खुशी में गोकुल के लोगों ने रंग खेलकर उत्सव मनाया था।