Karnataka : सुप्रीम कोर्ट ने दिये यथास्थिति बनाये रखने के आदेश, सीएम ने विधानसभा में विश्वासमत की बात कही

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक संकट के सिलसिले में दाखिल तीन याचिकाओं पर शुक्रवार को एक साथ सुनवाई करते हुए सभी याचिकाओं पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिये. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को बागी विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेने के लिए मंगलवार तक की मोहलत दे दी. सुप्रीम कोर्ट अब मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के के बाद अब विधानसभा स्पीकर न तो बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे और ना ही उन्हें अयोग्य करार दे पायेंगे. सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका 10 बागी विधायकों की ओर से, दूसरी कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जबकि तीसरी यूथ कांग्रेस के नेता और वकील अनिल चाको जोसेफ की ओर से डाली गयी है. क्या चुनौती दे रहे स्पीकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजे रंजन गोगोई ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या स्पीकर के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी चुनौती देने की शक्ति है. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस्तीफों पर फैसले लेने के लिए और ज्यादा वक्त दिए जाने की मांग करते हुए सिंघवी ने कहा कि इस्तीफा देने वाले विधायकों का इरादा कुछ अलग है, यह अयोग्यता से बचने के लिए है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जबतक संतुष्ट नहीं होंगे कि इस्तीफे बिना किसी दबाव के या मर्जी से दिये गये हैं तब तक वह फैसला नहीं ले सकते हैं. इस दलील के पक्ष में उन्होंने आर्टिकल 190 का भी हवाला दिया. जानबूझकर देरी कर रहे स्पीकर बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जानबूझकर इस्तीफों पर फैसला लेने में देरी कर रहे हैं.कुछ खास परिस्थितियों को छोड़ दें तो विधानसभा अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के प्रति जवाबदेह हैं.उन्हें कुछ ही मामलों में छूट हासिल है. जहां तक विधायकों के इस्तीफे का सवाल है कि तो इस मामले में उन्हें किसी तरह छूट नहीं है. बागी विधायकों की ओर से अदालत से यह मांग की गई कि वह विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दे कि उनके इस्तीफे स्वीकार किए जायें. सीएम कुमारस्वामी ने बहुमत साबित करने के लिए समय मांगा कर्नाटक विधानसभा का सत्र भी शुरू हो गया है. सीएम एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में शुक्रवार को स्पीकर से कहा कि हालिया घटनाक्रम को देखते हुए वह इस सत्र में बहुमत साबित करने के लिए अनुमति और समय मांग रहे हैं.बेंगलुरु में विधानसभा के आसपास दो किलोमीटर के दायरे में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी. सुप्रीम के आदेश के बाद कर्नाटक के बागी विधायक गुरुवार को विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार (के समक्ष पेश हुए. स्पीकर ने बताया कि जिन विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में नहीं थे, वे अब सही प्रारूप में प्राप्त हो गये हैं. वह परखेंगे कि इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं और प्रामाणिक हैं या नहीं. बेंगलुरु में स्पीकर से मुलाकात के बाद 14 बागी विधायक गुरुवार शाम को मुंबई लौट गये.  पैसों की ताकत से राज्य सरकारें गिराती है बीजेपी: राहुल
  • राहुल गांधी ने कर्नाटक संकट के पीछे बीजेपी का हाथ होने का आरोप लगाया
  • गोवा और नॉर्थ ईस्ट का उदाहरण देते हुए कहा- कर्नाटक में यही हो रहा है
  • अहमदाबाद में एक मानहानि के केस में राहुल को मिली बेल
अहमदाबाद : राहुल गांधी ने कनार्टक संकट के लिए बीजेपी को जिम्मवार बताया है. राहुल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी पैसों की ताकत का इस्तेमाल करके राज्य सरकारों को गिरा रही है. राहुल ने अहमदाबाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि बीजेपी पैसे देकर सरकार गिराना चाह रही है. बीजेपी ने यह गोवा व नॉर्थ ईस्ट में किया जिस देश के लोगों ने देखा.बीजेपी अब यहीं कर्नाटक में करना चाह रही है.राहुल शुक्रवार को अहमदाबाद अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में पेश होने आये थे. कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में राहुल को बेल दे दी. अहमदाबाद के जिला कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) और उसके चेयरमैन अजय पटेल ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.