झारखंड: सरायकेला एसडीएम ने Mob Lynching में तबरेज अंसारी की मौत पर हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट, पुलिस-डॉक्टर जिम्मेदार

रांची: तबरेज मॉब लिचिंग मामले की बुधवार को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में सरायकेला के एसडीएम ने विस्तृत रिपोर्ट पेश की.एसडीएम ने मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत के मामले में  अपनी जांच रिपोर्ट में तीन चिकित्सकों और पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए कार्रवाई करने की अनुसंशा की है. रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है. इस मामले में दो एफआइआर दर्ज कर जांच की जा रही है. कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. हाई कोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में मॉब लिंचिंग के मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने उक्त जानकारी दी गयी. सरायकेला एसडीएम की रिपोर्ट में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये गये हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने अपने सीनीयर अफसरों को गलत जानकारी दी. तबरेज के जख्मों को गंभीरता से नहीं लिया. चोरी की घटना में केस दर्ज नहीं की. पुलिस तबरेज की मौत के बाद पुलिस ने केस भी दर्ज नहीं की. पुलिस ने तबरेज के पीटे जाने के बयान को सही तरीके से दर्ज नहीं किया.रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. ओपी केसरी, डॉ. शाहीद और डॉ. प्रदीप कुमार ने घटना के बाद तबरेज अंसारी की चिकित्सकीय जांच की थी. जांच में उन्होंने सामान्य चोट बताई थी, लेकिन तबरेज को सांस लेने में दिक्कत और ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी 22 जून की सुबह 8.45 बजे मौत हो गयी. मॉब लिंचिंग मामले में पंकज कुमार यादव की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच की मांग की गयी है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र को पढ़कर सुनाया. इसमें एसडीएम की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने और मामले में दो एफआइआर दर्ज कर जांच करने की बात कही गयी है. अधिवक्ता राजीव कुमार ने डोरंडा के राजेंद्र चौक के पास वर्ष 2000 में डीएसपी यूसी झा की मर्डर का मामला उठाया. कोर्ट ने इस मामले पर कहा कि सभी आरोपित इसलिए बरी हो गए क्योंकि किसी ने भी गवाही दर्ज नहीं करायी. डंडे से पीटने पर तबरेज की मौत तबरेज अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण डंडे से पीटा जाना बताया गया है. हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद भी इसे अंतिम रिपोर्ट मानी जाये. एकरा मस्जिद की घटना की मांगी रिपोर्ट सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में पांच जुलाई 2019 को एकरा मस्जिद के पास हुई घटना का जिक्र नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जतायी.प्रार्थी की ओर से चाकूबाजी में घायल विजय कुमार का मुद्दा उठाया गया। जिस पर अदालत ने पूरी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया. डोरंडा के उपद्रव में केस दर्ज तबरेज अंसारी की मौत के बाद पांच जुलाई को डोरंडा उर्स मैदान में मुस्लिम संगठनों की ओर से बैठक बुलाई गयी. डोरंडा के राजेंद्र चौक पर वाहनों में तोडफ़ोड़ की गई. इस दौरान छात्रों से भरी एक बस में आग लगाने का प्रयास किया गया. पुलिस ने इस मामले में सभा आयोजित करने वाले कांग्र्रेस नेता शमशेर आलम, मौलाना ओबैदुल्ला कासमी, मौलाना असगर मिसवाही, शहर-ए-काजी कारी जान मोहम्मद, इजाज गद्दी, मो. सलाउद्दीन उर्फ संजू, आजम मोहम्मद, मो. शाहिद पर हत्या का प्रयास (307) के तहत नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर एफआइआर दर्ज की है. हाईकोर्ट ने उसी रात हुई चाकूबाजी पर रिपोर्ट न देने पर फटकार लगाई. हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें चाकूबाजी से संबंधित जानकरी क्यों नहीं दी गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.