झारखंड: डीजीपी कमल नयन चौबे ने पदभार संभाला, पुलिस की प्राथमिकता बतायी

सीमा नहीं लांघ पायेंगे बांग्लादेशी घुसपैठिये नक्सलवाद का ट्रेंड जानकर कर निबटने का प्लान बनाकर ठीक करेंगे उपलब्ध संसाधनों पर ही होगी स्मार्ट पुलिसिंग रांची: झारखंड के नये डीजीपी केएन चौबे ने शनिवार को पदभार ग्रहण कर लिया. डीजीपी का चार्ज लेने के बाद श्री डीजीपी ने कहा कि घुसपैठिये राज्य की सीमा नहीं लांघ पायेंगे. वह बीएसएफ में रहते हुए बंगाल की सीमा के प्रभार में रह चुके हैं. 900 किलोमीटर रेंज का अनुभव है, ऐसे में बंगाल की सीमावर्ती इलाकों से घुसपैठियों को किसी हालत में घूसने नहीं दिया जायेगा.जो प्रवेश कर शरण ले चुके हें, उन्हें निश्चित तौर पर पकड़ा जायेगा. डीजीपी ने नक्सलवाद पर कहा कि यह चुनौती जरूर है, लेकिन सफाये पर काम किया जायेगा. पहले नक्सल उका ट्रेंड पहले जानेंगे, इसके बाद उनसे निबटने का प्लान बनाकर ठीक कर देंगे.उन्होंने कहा कि कई इलाकों में भोले-भाले गरीब युवाओं को अपने संगठन में जोड़ रहे हैं. उनकी विचारधारा को तोडऩे पर भी काम किया जायेगा. डीजीपी ने पुलिस के पास मौजूद संसाधनों को पर्याप्त बताते हुए कहा कि हर चुनौती का सामना कर पुलिस रिजल्ट देगी. आने वाले समय में स्मार्ट व मॉडल पुलिसिंग होगी. डीजीपी ने पुलिस स्टेशनों को और सशक्त बनाने की बात कही.उन्होंने कहा कि अपराध से हर आम आदमी प्रभावित होता है. इसे देखते हुए पुलिस आवाम से ज्यादा नजदीक आए और संवेदनशील पुलिसिंग करे. इसके लिए डीजीपी को आदेश करने की जरूरत न पड़े. थाना स्तर पर संवेदनशीलता लाना भी एक प्राथमिकता है. कतई ऐसी नौबत न आये कि कोई लूट का शिकार या पीडि़त व्यक्ति थाना पहुंचने से डरे. राज्य की पुलिसिंग पर डीजीपी के नाते एक मजबूत नेतृत्व देने की कोशिश होगी. जिसमें बातचीत, पारदर्शिता और मर्यादा होगी. गलती करने पर अकेले में काउंसिलिंग होगी. मुफस्सिल जिलों तक भी पुलिसिंग दिखे, इस स्तर की पुलिसिंग की जायेगी.उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम राज्य ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बड़ी चुनौती है. इससे निबटने के लिए पुलिस को एक कदम आगे रहना होगा. राज्य की पुलिस टीम को साइबर के दृष्टिकोण से मजबूत किया जायेगा. जरूरत पडऩे पर आउटसोर्सिंग कर साइबर एक्सपर्ट हायर किए जा सकते हैं. डीजीपी ने आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा और संभावित नक्सल प्रभाव पर कहा चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया है. संविधान के खिलाफ काम करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। चाहे वह नक्सली हों या अपराधी. चुनाव प्रभावित करने की कोशिश पर भी राज्य पुलिस कड़ी करवाई करेगी. गैर संवैधानिक कार्य किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. डीजीपी ने इलिगल कोल कारोबार पर कहा कि पूरा सिस्टम कोयला या बालू की तस्करी का ठिकरा पुलिस पर फोड़ता है. जबकि इसके जिम्मेवार अलग हैं. अब कोल इंडिया को कोयला चोरी पर कार्रवाई करनी होगी. पुलिस का सहयोग लेने पर उनसे पूछा जायेगा कि कितना उपयोग हो पाया है. कोल कंपनी के पास कोयला चोरी रोकने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं.