इंटरनेशनल गुरु शबद यात्रा का धनबाद में भव्य स्वागत, गुरुनानक देव की विरासत देख संगत निहाल

सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी के जन्म स्थल साबो की तलवंडी. धनबाद:सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी के जन्म स्थल साबो की तलवंडी ननकाना साहिब पाकिस्तान से 1800 किमी की दूरी तय कर इंटरनेशनल गुरु शबद यात्रा सोमवार को धनबाद पहुंची. संगतों के हुजूम ने ननकाना साहिब में विराजमान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और श्री गुरुनानक देव जी के खड़ावां (खड़ाऊ) व तेरा-तेरा पत्थर के समक्ष माथा टेका और फूलों की वर्षा की. पंज प्यारे की अगुवाई में संगतों ने गुरु साहिबान श्री गुरु गोबिंद सिंह जी, श्री हरगोविंद सिंह और श्री गुरु तेग बहादुर जी के शस्त्र के भी दर्शन किये. तोपचांची में गुरु शबद यात्रा का स्वागत किया गया,जहां से यात्रा राजगंज, तेतुलमारी, सिजुआ, केंदुआ, करकेंद, मटकुरिया गुरुद्वारा होते हुए बैंक मोड़ स्थित बड़ा गुरुद्वारा पहुंची. बैंक मोड़ में संगतों ने फूलों की वर्षा और आतिशबाजी के साथ यात्रा का इस्तकबाल किया.बैंक मोड़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने यात्रा की देखरेख में लगे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सेवादारों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को गुरुद्वारा साहिब में सुशोभित किया. मटकुरिया गुरुद्वारा से लेकर बैंक मोड़ गुरुद्वारा तक यात्रा पर फूलों की वर्षा होती रही. जगह-जगह फल, मिठाई, जल एवं चाय की सेवा की गई. विभिन्न कमेटिया नगर कीर्तन के आगे शबद गायन कर रही थीं. जीएन कॉलेज के एनसीसी कैडेट ने सलामी दी. मानवता का संदेश और ऊंच-नीच का भेद मिटाने है उद्देश्य गुरु शबद यात्रा की देखरेख कर रहे एसजीपीसी के सचिव हरजीत सिंह लालूघूमणा का कहना है कि श्री गुरु नानक देव जी का संदेश सिर्फ सिख समाज के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए है. सेवा, सच्चाई और सरबत दा भला की चाह रखने वाले श्री गुरु नानक देव के सिद्धांतों से अवगत कराने के लिए यह यात्रा निकाली गई है उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के ननकाना साहिब से श्री गुरु नानक जी की खड़ावां और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप बाघा बार्डर होते हुए पंजाब पहुंचा. यहां से एसजीपीसी के सेवादारों की देखरेख में भारत भ्रमण पर यात्रा निकली है. लोगों को यही संदेश देना है कि मानवता की सेवा करें, सभी धर्म समान हैं. यात्रा 11 नवंबर को सुल्तानपुर लोधी पहुंचेगी  गुरु शबद यात्रा मंगलवार सुबह दस बजे बैंक मोड़ गुरुद्वारा से प्रस्थान करेगी. निरसा होते हुए पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर पहुंचेगी. यहां से विभिन्न जगहों की यात्रा करते हुए 11 नवंबर को पंजाब के कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी पहुंचेगी. यहां गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 14 वर्ष बिताये थे. 12 नवंबर को गुरु पर्व के अवसर पर यहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को विराजमान किया जायेगा.गुरु पर्व का भव्य कार्यक्रम होगा. यात्रा का मुख्य आकर्षण: श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप,श्री गुरु नानक देव जी का खड़ावां (खड़ाऊ),श्री गुरु नानक देव जी के तेरा-तेरा वट्टे (माप-तोल करने का पत्थर), श्री गुरु तेग बहादुर जी, श्री गुरु हरगोविंद सिंह जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के शस्त्र, शस्त्रों में तेगा, तलवार, छोटी किरपान, बरछा, तीर. शबद-कीर्तन से संगत हुई निहाल बैंक मोड़ स्थित गुरुद्वारा साहिब में गुरु शबद यात्रा को लेकर पिछले दो दिन से विशेष गुरमत समागम का आयोजन किया जा रहा है. शबद यात्रा पहुंचने पर शाम से लेकर देररात तक शबद कीर्तन हुआ.दरबार साहब अमृतसर के हजूरी रागी जत्था भाई सुखजिंदर सिंह एवं भाई जोरा सिंह कीर्तन कर संगतों को निहाल किया. कथा वाचक ने गुरु नानक देव जी के उपदेशों को साझा किया पीटीसी पंजाबी की ओर से . इसका लाइव प्रसारण किया गया. गुरुद्वारा में लंगर और रास्ते भर पानी की सेवा शबद यात्रा जहां-जहां से गुजरी हर जगह सड़क किनारे पानी की सेवा दिखी. लोग हाथ में पानी लिए संगतों के आगे-पीछे दौड़ते रहे. बैंक मोड़ गुरुद्वारा में हजारों की संख्या में जुटी संगत के लिए लंगर की विशेष व्यवस्था की गई. गुरुद्वारा साहिब के राजिंदर सिंह चहल, प्रधान तेजपाल सिंह, तीरथ सिंह, जगजीत सिंह, गुरजीत सिंह, सतपाल सिंह ब्रोका, जतिंदर सिंह, बबलू सिंह, दिलजोन सिंह, दरबारा सिंह, इंदरजीत सिंह, गुरचरण सिंह माझा, राजिंदर सिंह, मनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह का इसके सफलसंचाालन में सराहनीय योगदान रहा.