गिरिडीह:तिलकधारी प्रसाद सिंह का 57 साल का राजनीतिक सफर, मुखिया से लेकर एमपी तक

  • सम्मान समारोह के बहाने महागठबंधन को किया एकजुट
  • बाबूलाल,रामेश्वर, राजेंद्र, फुरकान, सरफराज, मन्नान,ओपी समेत कई रहे उपस्थित
गिरिडीह: सीनीयर कांग्रेस लीडर तिलकधारी प्रसाद सिंह ने अपने राजनीतिक सफर का 57 साल पूरा कर लिया है.मुखिया से लेकर एमपी की कुरसी पानेवाले श्री सिंह की बेदाग 57 साल के राजानीतिक सफर के उपलक्ष्य में गिरिडीह जिला कांग्रेस ऑफिस में रविवार को अभिनंदन समारोह का आयोजिन किया गया.कांग्रेस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव समेत उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सभी प्रमुख लीडर मौजूद थे.एक्स सीएम जेविएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी समेत महागठबंधन ने अन्य लीडर भी मौजूद थे.बुजुर्ग लीडर एक्स एमपी तिलकधारी सिंह ने अपने सम्मान में समारोह के बहाने उत्तरी छोटानागपुर के कांग्रेसियों व महागठबंधन को एकजुट और लीडरों को एक मंच पर लाया.कांग्रेस,झामुमो, इसमें झाविमो के दिग्गजों का जुटान हुआ. समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रामेश्वर उरांव ने कहा कि राजनीति एक काजल की कोठरी है.य इसमें जो भी रहता है उस पर किसी न किसी तरह का काला दाग लग ही जाता है. लेकिन इससे अलग हटकर कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन पर कोई दाग नहीं लगता और वे साफ इससे बचकर निकल जाते हैं. इन्हीं में से एक हैं एक्स एमपी तिलकधारी प्रसाद सिंह.श्री सिंह पर 57 साल की राजनीतिक सफर के दौरान किसी प्रकार का कोई दाग नहीं लगा.डा उरांव ने कहा कि जब तिलकधारी बाबू कोडरमा से एमपी थे तो वह हजारीबाग के एसपी थे.इसी कारण उनसे मिलना-जुलना लगा रहता था,जिसमें वे उनके व्यक्तित्व से भली भांति परिचित थे.उन्होंने झारखंड गर्वमेंट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं किया.आनेवाले विधानसभा चुनाव में इस सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है. एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब उन्होंने दुमका बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था,तो तिलकधारी बाबू कोडरमा से कांग्रेस के एमपी थे.उन्होंने एक यात्रा के दौरान उनसे आग्रह किया था कि उनके गांव जाने के लिए चंदौरी नदी पार करनी पड़ती है.अगर वहां एक पुल बना दिया जाए तो उन्हें और अन्य ग्रामीणों को उस पार जाने में सुविधा होगी.तिलकधारी बाबू ने अपने एमपी फंड से वहां पुल बनवाकर ग्रामीणों को सुविधा प्रदान की.वे भाजपा में थे तो श्री सिंह कांग्रेस में,पर उन्होंने ऐसा भेदभाव नहीं किया.उनके इसी व्यक्तित्व से वे प्रभावित हैं.एक्स मिनिस्टर राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि तिलकधारी बाबू एक अलग व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं. जब सिंह धनवार से विधायक का चुनाव जीते थे तो पटना जाने से पहले अपने विजयी साथियों के साथ उनसे मिलने बेरमो आये थे.इसे वे कभी भूल नहीं पाए और उन्हें अपने बड़े भाई की तरह मानते रहे.एक्स मिनिस्टर मो मन्नान मल्लिक ने कहा कि अभी पूरे देश की हालत काफी गंभीर है. ऐसा कभी नहीं हुआ था कि देश में आर्थिक मंदी हो जाए.झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में सभी कांग्रेसी तैयार हो जाएं और सिंह की जीवनी से सीख लेकर इस चुनाव में रघुवर सरकार को धूल चटाने का काम करें.एक्स मिनिस्टर ओपी लाल ने कहा कि तिलकधारी बाबू पूरे राज्य के एक प्रेरणा श्रोत हैं.ऐसे में लोग इनसे सीख लेकर आगे बढ़ें तो उन्हें पराजय का मुंह कभी देखना नहीं पड़ेगा. एक्स एमपी फुरकान अंसारी ने कहा कि तिलकधारी सिंह ने न कभी जात-पात की और न ही किसी धर्म की वकालत की.वे सभी को साथ लेकर चलते थे.अभी जो राज्य और देश में सरकार है वह सिर्फ जात-पात और धर्म की बात कहकर लोगों में वैमनस्यता फैला रही है.एक्स एमपी सरफराज अहमद ने कहा कि वे और तिलकधारी बाबू दोनों एक साथ वर्ष 1980 में विधायक बने थे. तिलकधारी बाबू जनता व पार्टी में सबसके प्रिय रहे हैं.जेविएम लीडर एचएन देव ने धनंजय सिंह को तिलकधारी सिंह का उत्तराधिकारी बताया. कार्यक्रम को झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश,युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुमार गौरव,पूर्व एमएलए चंद्रिका महथा,ज्योतिंद्र प्रसाद,झाविमो के जिला अध्यक्ष महेश राम,चुन्नूकांत, झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुदिव्य कुमार सोनू, जिलाध्यक्ष संजय सिंह आदि ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा ने की.संचालन एनपी सिंह बुल्लू एवं धनंजय सिंह ने संयुक्त रूप से किया.