धनबाद: रंजय मर्डर केस में हर्ष को हाइकोर्ट से मिली बेल

  • मर्डर की प्लानिंग कर शूटर को आर्म्स उपलब्ध कराने का है आरोप
  • झरिया एमएलए संजीव सिंह के करीबी रंजय की बिग बाजार के सामने हुई थी मर्डर
  • हर्ष ने वर्ष 2018 की 30 नवंबर को सरेंडर किया था,सात माह से है जेल में
धनबाद: झारखंड हाईकोर्ट ने झरिया के बीजेपी एमएलए संजीव सिंह के खासमखास राजीव रंजन सिंह उर्फ रंजय सिंह मर्डर केस में सात माह से जेल में बंद डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के मौसेरे भाई हर्ष सिंह को बेल दे दी है.केस के नन एफआइआर एक्युज्ड हर्ष वर्ष 2018 की 30 नवंबर को धनबाद सीजीएम कोर्ट में सरेंडर किया था. कोर्ट ने ज्यूडिशियल कस्टडी में हर्ष को धनबाद जेल भेज दिया था. हाइकोर्ट में हर्ष की बेल पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से सीनीयर एडवोकेट आरएस मजूमदार ने बहस की. फ्लैश बैक बिग बाजार के समीप चाणक्य नगर मोड़ पर वर्ष 2017 की 29 जनवरी की शाम रंजय अपने दोस्त राजा यादव के साथ स्कूटी से सिंह मैंशन जा रहा था. बाइक सवार शूटर ने रंजय को गोलियों से भून दिया था. स्कूटी पर पीछे बैठा राजा यादव बाल-बला बच गया था. राजा ने स्कैच व फोटो से रंजय को गोली मारने वाले की पहचान नंद कुमार सिंह उर्फ रूना सिंह उर्फ बबलू माम के रुप में की थी. बबलू मामा रघुकुल व हर्ष का खासमखास था. रंजय की मर्डर के दिन से ही बबलू मामा फरार था और अपना फोन बंद रखा था. पुलिस बबलू की खोज में रघुकुल व हर्ष के धैया आवास में रेड की थी. मामा की खोज में भोजपुर उसके बेरथ गांव में कई बार रेड की गयी थी. पुलिस रंजय मर्डर केस की फाइल पर कुंडली मारकर बैठ गयी थी. रंजय की पत्नी रूमी देवी ने सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अरजी दी. झरिया एमएलए संजीव सिंह ने विधानसभा में मामला उठाया. इस केस में तत्कालीन एसएसपी मनोज रतन चोथे व सरायढेला पुलिस स्टेशन इंचार्ज रहे निरंजन तिवारी की भूमिका पर सवाल उठाये गये थे. [caption id="attachment_23092" align="alignnone" width="284"] घटनास्थल व रंजय ( फाइल फोटो)[/caption] हाइकोर्ट द्वारा जबाव मांगे जाने व विधानसभा में सवाल उठाये जाने पर पुलिस अपनी एक्शनदिखाने की कोशिश की. नाटकीय तरीके से हर्ष को सोनोटेल होटल से पकड़ कर सरायढेला पुलिस स्टेशन लाकर पूछताछ की गयी. रात भर पुलिस स्टेशन में रही रखा गया. डिप्टी मेयर से भी मामले में पुलिस पूछताछ की.धनबाद पुलिस की टीम मामा को पिछले साल एक मई को भोजपुर में एक शादी समारोह मेंदोबच ली थी. स्थानीय लोगों की मदद से वह पुलिस पर हमला कर भाग निकला था. मामले में मामा समेत अन्य के खिलाफ लोकल पुलिस स्टेशन में केस दर्ज की गयी.भाजपुर पुलिस एक अगस्त को मामा को उसके गांव बेरथ में दबोच ली. भोजपुर पुलिस उसे अपने केस में जेल भेजी. धनबाद पुलिस मामा रंजय मर्डर केस में ट्रांजिट रिमांड पर भोजपुर से लाकर आठ अगस्त को जेल भेजी. रंजय मर्डर केस के आइ विटनेस राजा यादव ने नौ अगस्त को धनबाद जेल में टीआइ परेड मे मामा की पहचान की थी. सरायढेला पुलिस मामा 11 अगस्त को रिमांड पर लेकर पूछताछ की.. मामा ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि हर्ष ने मर्डर की प्लानिंग की थी. हर्ष ने ही मर्डर के लिए आर्म्स दिये थे. मामा ने कहा था कि गाड़ी ओवरटेक विवाद में रंजय ने हर्ष को जलील किया था. इसी कारण उसकी मर्डर की गयी. मामा की स्वीकारोक्ति के बाद हर्ष अंडरग्राउंड हो गया.कोर्ट ने पुलिस की अरजी पर 20 अगस्त को हर्ष सिंह की गिरफ्तारी वारंट जारी कियापुलिस ह,र् की खोज में उसके धैया आवास पर रेड की लेकिन वह नहीं मिला.कोर्ट से हर्ष के खिलाफ 29 अगस्त को कुर्की का इश्तेहार जारी किया गया. हाईकोर्ट ने तकीनीकी आधार ईश्तेहार का आदेश कैंसिल कर दिया. पुलिस फिर हर्ष के खिलाफ ईश्तेहार व कुर्की प्रक्रिया शुरु की. लोअर कोर्टव हाइकोर्ट से हर्ष की अग्रिम जमानत अरजी खारिज हो गयी. अंतत: हर्ष ने नाटकीय तरीके से कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पुलिस हर्ष को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. हर्ष को धनबाद जेल से पलामू जेल भेज दिया गया. अभी वह पलामू जेल में ही था.