धनबाद: मटकुरिया समेत अन्य में अननोन बॉडी दफनाने पर लगी रोक, सौंदर्यीकरण के दौरान खुदाई में मिला नर कंकालों का जखीरा

धनबाद: धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन (डीएमसी) ने मटकुरिया समेत अन्य मुक्तिधाम( श्मशान घाट) में अननोन बॉडी के दफनाने पर रोक लगा दी है. पहले मटकुरिया शमशान में लाशों को सिर्फ डेढ़-दो फट का गड्ढा खोदकर उसमें दफन कर दिया जाता था. ऐसी कई लाशों को कुत्ते भी निकाल लेते थे. डीएमसी अभी शमशान का सौंदर्यीकरण करा रही है. आधुनिक स्वरूप देने का काम लगभग पूरा हो चुका है. शमशान में पार्क भी बनकर तैयार हो चुका है. डीएमसी ने शमशान की सौंदर्यीकरण के लिए कुदाई के दौरान एक हजार से अधिक मानव कंकाल मिलने के बाद लावारिश लाशों को दफन करने पर रोक लगा दी है. जिले भर में मिले लावारिश लाशों को यहां अमानवीय ढंग से दफनाया जाता रहा है.मात्र डेढ़-दो फट का गड्ढा खोदकर उसमें लाशों को दफन कर दिया जाता था.डीएमसी अब लावारिश लाशों को दफनान के लिए अलग से जमीन चिह्नित कर कर रहा है. लावारिश लाशों को दफनाने के लिए जल्द ही जगह मिल जाने की संभावना है. डीएमसी प्लानिंग के तहत जिले के कई श्मशान घाट और कब्रिस्तान को पार्क के तौर पर विकसित कर रहा है. मोहलबनी, लिलोरी स्थान कतरास, बस्ताकोला गंगा गोशाला झरिया, तेलीपाड़ा व मटकुरिया मुक्तिधाम श्मशान घाटों में पार्क की तरह आर्टिफिशियल घास, बैठने के लिए छायादार शेड, स्वच्छ पानी, शौचालय, नहाने और हाथ-पैर धोने की अलग व्यवस्था आदि होगी. प्रत्येक श्मशान घाट के कायाकल्प पर एक से डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. सात कब्रिस्तानों का भी कायाकल्प किया जा रहा है.श्मशान घाटों को आधुनिक स्वरूप देने के लिए मजदूरों द्वारा मटकुरिया मुक्तिधाम में नींव और बाउंड्रीवाल बनाने के साथ-साथ अन्य चीजों के निर्माण के लिए जब खुदाई शुरू की गई तो कंकाल ही कंकाल निकलने लगा. बड़ी मात्रा में मानव कंकाल निकलने के बाद कंट्रेक्टर ने डीएमसी को भी सूचना दी।. डीएमसी की ओर से स्थल निरीक्षण किया गया जिसके बाद यसे हां लावारिश शव दफनाने पर रोक लगा दी गयी है. डीएमसी लावारिश लाशों को दफनाने के लिए अलग श्मशान घाट बनायेगा. मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल का कहना है कि श्मशान घाटों को आधुनिक स्वरूप देने का काम चल रहा है.मटकुरिया मुक्तिधाम में कार्य के दौरान एक हजार से अधिक मानव कंकाल मिला.।श्मशान घाट अब पार्क की शक्ल में नजर आएंगे, ऐसे में यहां शव दफन करना उचित नहीं होगा. अब किसी भी श्मशान घाट में लावारिश लाशें नहीं दफनायी जायेंगी. डीसी से बातचीत हुई है, लावारिश लाशों को दफनाने के लिए अलग से व्यवस्था की जायेगी.