धनबाद: हाईकोर्ट से सीएचसी जोड़ापोखर के करोड़पति अनुबंधित क्लर्क को 20 लाख जमा करने की शर्त पर मिली अग्रिम जमानत

धनबाद: झारखंड हाईकोर्ट से चासनाला सीएचसी के अनुबंधित क्लर्क रहे करोड़पति प्रमोद कुमार को 20 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत मिल गयी है. जस्टिस एके चौधरी की कोर्ट ने प्रमोद को ने 20 चार माह में उक्त राशि सिविल सर्जन के यहां जमा कराने का निर्देश दिया है. प्रमोद को इसके बाद लोअर कोर्ट में रेंडर करना होगा. लोअर कोर्ट से प्रमोद को 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर बेल मिलेगी. मूलत: भूली निवासी करोड़पति प्रमोद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोड़ापोखर चासनाला में ब्लॉक एकाउंट क्लर्क के पद पर अनुबंध पर कार्यरत था. प्रमोद परआरोप है कि वर्ष 2008 से 2016 तक उसने अपनी वास्तविक आय से 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है. प्रमोद का मासिक वेतन 17,350 रुपये था. एसीबी ने इस मामले की जांच में पाया कि प्रमोद ने आय से 400 फीसद अधिक संपत्ति अर्जित की है. एसीबी ने प्रमोद के घर रेड कर कई कार, बैंक एकाउंट, दो भवन, लॉकर में पत्नी की ज्वैलरी जब्त की थी. प्रमोद का आलीशान बंगाल देख एसीबी अफसर हैरत में पड़ गये थे. प्रमोद के खिलाफ एसीबी आ? से अदिक संपत्ति दर्ज कर चार्जशीट की है. प्रमोद इस मामले में हाई कोर्ट में अग्र्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी. प्रमोद के एडवोकेट ने सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट को बताया कि उन्होंने कोयला व्यवसाय से संपत्ति अर्जित की है. प्रमोद ने कोयला व्यवसाय करने की अनुमति के लिए उन्होंने विभाग में आवेदन भी दिया था. प्रमोद की पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती हैं इस संपत्ति में उनका भी सहयोग है. एसीबी के एडवोकेट टीएन वर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि विभाग की ओर से व्यवसाय के लिए इन्हें अनुमति नहीं दी गई थी.सरकारी कर्मचारी होने के नाते इन्होंने सेवा शर्त नियमावली का उल्लंघन किया है. हाइकोर्ट ने प्रमोद को एसीबी जांच में सहयोग करने व पासपोर्ट जमा करने सहित 20 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अग्र्रिम जमानत दे दी.