बिहार: कोर्ट ने चमकी बुखार मामले में शिकायतवाद पर हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ दिये जांच के आदेश

  • जांच के बाद तय होगा कि हर्षवर्धन और मंगल पांडेय पर एफआईआर होगी या नहीं
  • सामाजिक कार्यकर्ता ने बच्चों की मौत मामले में दोनों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में की है कंपलेन
मुजफ्फपुर: मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन और बिहार के हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने एसीजेएम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. सीजेएम की जांच के बाद यह तय होगा कि हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी या नहीं. मामले की अलगी सुनवाई 28 जून को होगी.सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत मामले में हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में 17 जून को कंपलेन केस दायर की थी. तमन्नाा की कंपलेन पर सीजेएम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. तमन्ना ने कंपेलन में कहा था कि जागरुकता अभियान नहीं चलाने की वजह से बच्चों की मौत हुई है. इस बीमारी से पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों बच्चों की जान जा चुकी है. सरकार की लापरवाही की वजह से बच्चों की जान जा रही है. सारे दावे हवा-हवाई हैं . कंपलेन में कहा गया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन 2014 में भी मुजफ्फरपुर आए थे और कई वादे किए थे. इसके बाद भी हर साल बच्चों की मौत का सिलसिला जारी रहा. 2014 के बाद अब तक सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि चमकी बुखार के चलते अब तक 174 बच्चों की मौत हो चुकी है. चमकी के चपेट में 593 बच्चे आये अभी भी 90 बच्चों का का इलाज चल रहा है. बरसात शुरु होने के बाद बीमारी से राहत मिली है. बीमार बच्चों के आने की संख्या कम हुई.