पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- आतंकवाद और युद्ध ने छीन लीं लाखों जिंदगियां, UNGA मंच से पाक और चीन पर साधा निशाना

पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को संबोधित किया। वर्चुअल तरीके से सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के स्वरूप में बदलाव की मांग जोरदार ढंग से उठाई। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान और विकास के नाम पर साथी देशों को मजबूर करने वाले चीन पर भी नाम लिए बिना निशाना साधा। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- आतंकवाद और युद्ध ने छीन लीं लाखों जिंदगियां, UNGA मंच से पाक और चीन पर साधा निशाना
UNGA को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी।
  • विकास साझेदारी के नाम पर साथी देशों को मजबूर नहीं करता भारत

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को संबोधित किया। वर्चुअल तरीके से सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के स्वरूप में बदलाव की मांग जोरदार ढंग से उठाई। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान और विकास के नाम पर साथी देशों को मजबूर करने वाले चीन पर भी नाम लिए बिना निशाना साधा। 

संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों और नाकामियों का जिक्र

पीएम  मोदी ने कहा कि भारत दुनिया को अपना परिवार मानता है और मानवता के लिए काम कर रहा है। पीएम ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में भारत के योगदान का भी जिक्र किया। यूएनजीए के 75वें सत्र की थीम 'भविष्य जो हम चाहते हैं, संयुक्त राष्ट्र जिसकी हमें जरूरत है, कोविड-19 से  प्रभावी बहुआयामी कदम के माध्यम से संघर्ष में हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता' है। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों और नाकामियों का जिक्र करते हुए कहा कि कहने को तो ठीक है कि तीसरा विश्वयुद्ध नहीं हुआ। लेकिन इस बात को नहीं नकार सकते कि अनेक युद्ध हुए, गृहयुद्ध हुए। कितने ही आतंकी हमलों ने विश्व को थर्रा दिया। खून की नदियां बहती रहीं। इन हमलों में जो मारे गये वे भी हमारी और आपकी तरह इंसान ही थे। वे लाखों बच्चे जिन्हें दुनिया में छा जाना था वे दुनिया छोड़कर चले गए। कितने ही लोगों को अपने जीवनभर की पूंजी गंवानी पड़ी। उस समय और आज भी संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या प्रर्याप्त थे? पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस महामारी से निपटने में संयुक्त राष्ट्र कहां है? संयुक्त राष्ट्र के स्वरूप में बदलाव आज समय की मांग है। मोदी ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो किसी तीसरे के खिलाफ नहीं होती। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती है। हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव को साझा करने में कभी पीछे नहीं रहे। पीएम का इशारा चीन की कर्जजाल नीति की ओर था, जिसके तहत उसने कई छोटे देशों पर पहले कर्ज लाद दिया और फिर उन्हें अपनी शर्तें मानने के लिए मजबूर कर रहा है।

भारत ने 150 देशों को जरूरी दवाएं भेजी 
पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के इस मुश्किल समय में भारत ने 150 देशों को जरूरी दवाएं भेजी हैं। विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर मैं वैश्विक समुदाय को आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत की वैक्सीन उत्पादन क्षमता मानवता को इस संकट से बाहर निकालने में काम आयेगी। हम भारत और अपने पड़ोस में फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल की ओर बढ़ रहे हैं। वैक्सीन डिलिवरी के लिए कोल्ड चेन बनाने में भारत सभी की मदद करेगा।'
कब तक इंतजार करेगा भारत

उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दोहराते हुए कहा कि अगले साल जनवरी से भारत सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपना दायित्व निभायेगा। दुनिया के अनेक देशों ने भारत पर जो अपना विश्वास जताया है उसके लिए आभार जताता हूं। विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी। भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ उठेगी।उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है,जहां विश्व की 18 परसेंट से ज्यादा जनसंख्या रहती है, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं। जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है, जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा? पीएम ने कहा कि  संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के reforms को लेकर जो Process चल रहा है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये Process कभी logical end तक पहुंच पायेगा। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के decision making structures से अलग रखा जायेगा।

डिजिटल लेनदेन के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है भारत
मोदी ने कहा कि आज भारत डिजिटल लेनदेन के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है। आज भारत अपने करोड़ों नागरिकों को डिजिटल एक्सेीस देकर इंपॉवरमेंट और पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहा है। आज भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान, ग्लो बल इकॉनमी के लिए भी एक फोर्स मल्टिप्लातयर होगा। भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारत में बड़े स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। आज दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रो फाइनेंसिंग स्कीचम का सबसे ज्यादा लाभ भारत की महिलाएं ही उठा रही हैं। भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 हफ्ते का पेड मातृत्व अवकाश दिया जा रहा है। 
हमेशा विकासशील देशों को ताकत देंगे
पीएम कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर, संस्कार, हजारों वर्षों के अनुभव, हमेशा विकासशील देशों को ताकत देंगे। बीते कुछ वर्षों में, रिफॉर्म परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है। ये अनुभव, विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए। सिर्फ 4-5 साल में 400 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना आसान नहीं था। लेकिन भारत ने ये करके दिखाया। सिर्फ 4-5 साल में 600 मिलियन लोगों को खुले में शौच से मुक्त करना आसान नहीं था। लेकिन भारत ने ये करके दिखाया।