Mumbai: गूगल मैप से हुई बड़ी गड़बड़ी! कार लेकर खाई में गिर गयी महिला, ऐसे बची जान

मुंबई में गूगल मैप की गलती से एक महिला की कार खाई में गिर गई। जानिए कैसे हुआ हादसा और किस तरह महिला की जान बचायी गयी। पूरी खबर पढ़ें।

Mumbai: गूगल मैप से हुई बड़ी गड़बड़ी! कार लेकर खाई में गिर गयी महिला, ऐसे बची जान
गूगल मैप (फाइल फोटो)।

मुंबई। महाराष्ट्र के नवी मुंबई में  एक चौंकाने वाली घटना सामने आयी है। जहां एक महिला, गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए, अपनी कार समेत खाई में गिर गयी। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
यह भी पढ़ें:अब सऊदी अरब में विदेशी भी खरीद सकेंगे प्रॉपर्टी, मक्का-मदीना में पाबंदी बरकरार

यह है मामला
यह हादसा न केवल डिजिटल तकनीक पर बढ़ती निर्भरता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तकनीक की विश्वसनीयता अंधविश्वास का विषय नहीं हो सकती। श्रद्धा नाइक (38) नामक महिला रविवार देर रात मुंबई के ठाणे इलाके से लोनावला की ओर अकेले ड्राइव कर रही थीं। उन्होंने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया।
मैप ने उन्हें एक शॉर्टकट मार्ग सुझाया जो कि एक सुनसान पहाड़ी रास्ता था। श्रद्धा ने रास्ते में किसी से पूछने के बजाय पूरी तरह से डिजिटल निर्देशों पर भरोसा किया।जैसे ही वह रास्ते में आगे बढ़ीं, मैप ने एक मोड़ पर उन्हें बाईं ओर मुड़ने का निर्देश दिया। श्रद्धा ने बिना कोई आशंका किए कार घुमा दी, लेकिन कुछ ही मीटर बाद कार असंतुलित होकर खाई में जा गिरी।
ऐसे बची जान
हादसा बेहद गंभीर था लेकिन सौभाग्यवश, खाई गहरी नहीं थी और कार झाड़ियों में अटक गयी, जिससे जानलेवा चोटें नहीं आईं। श्रद्धा को मामूली चोटें आयी। कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मोबाइल नेटवर्क की समस्या के कारण वह तुरंत मदद नहीं मांग सकीं, लेकिन लगभग आधे घंटे बाद एक स्थानीय चरवाहे ने उन्हें देखा और पुलिस को सूचना दी। मुंबई पुलिस और रेस्क्यू टीम ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए महिला को सुरक्षित बाहर निकाला और हॉस्पिटल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार महिला अब खतरे से बाहर है।
लोकल प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। गूगल से इस मामले में जवाब मांगा गया है कि आखिर कैसे इस तरह का खतरनाक मार्ग सुझाव में आया। गूगल ने अब तक कोई ऑफिसियल बयान नहीं दिया है।
तकनीकी प्लेटफॉर्म की भूमिका पर सवाल
यह घटना एक बार फिर तकनीकी निर्भरता की सीमाओं को उजागर करती है। गूगल मैप्स जैसे नेविगेशन ऐप्स का उपयोग आज के समय में आम बात हो गयी है। लेकिन यह घटना दर्शाती है कि बिना स्थानीय समझ और सतर्कता के तकनीक भी खतरे में डाल सकती है। घटना के बाद श्रद्धा ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि गूगल मैप इस तरह से मुझे धोखा देगा। अब मैं किसी भी ऐप पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करूंगी।
क्या कहना है विशेषज्ञों का?
ट्रैफिक और नेविगेशन विशेषज्ञों का मानना है कि गूगल मैप्स जैसे ऐप्स का डेटा एल्गोरिदम पर आधारित होता है। उसमें  लोकल रोड की स्थिति, मौसम, या खतरनाक इलाकों की जानकारी हमेशा अद्यतन नहीं होती। ट्रैफिक सलाहकार राजेश पाटिल कहते हैं। शॉर्टकट का सुझाव एल्गोरिदम दे सकता है, लेकिन निर्णय मानव को लेना चाहिए। हर 'शॉर्टकट' सुरक्षित नहीं होता।
निष्कर्ष
यह घटना हमें तकनीक के साथ विवेकपूर्ण व्यवहार की सीख देती है। गूगल मैप्स जैसे टूल्स हमारी सहायता के लिए हैं, लेकिन उन पर पूरी तरह निर्भर होना कभी-कभी भारी पड़ सकता है। खासकर दूरदराज या पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते समय स्थानीय जानकारी और सतर्कता बेहद आवश्यक है।
नोट: इस लेख का उद्देश्य जागरूकता फैलाना है। कृपया यात्रा करते समय तकनीक के साथ-साथ मानवीय समझ का भी प्रयोग करें।
© threesocieties.com