Jharkhand liquor Scam Case : ACB की पूछताछ में IAS विनय चौबे ने घोटाला से किया इनकार
झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह जेएसबीसीएल के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे से पूछताछ कर रही है। एसीबी ने चौबे को शुक्रवार की सुबह दो दिनों की रिमांड पर लिया।

- अगर विभाग को लगता है मैंने घोटाला किया तो, केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करवा ले
- मामले में जबरन इस मामले में फंसाया जा रहा
- विनय चौबे रिमांड पर, एसीबी कर रही पूछताछ
रांची। झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह जेएसबीसीएल के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे से पूछताछ कर रही है। एसीबी ने चौबे को शुक्रवार की सुबह दो दिनों की रिमांड पर लिया।
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एसीबी अफसरों ने चौबे से नियम विरुद्ध जाकर दो प्लेसमेंट एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के मामले में सवाल किया। यह भी बताया कि इसके चलते सरकार को 38 करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचा है। एसीबी के सोर्सेज का कहना है कि विनय कुमार चौबे ने पूरी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अगर विभाग को लगता है कि उन्होंने घोटाला किया है तो विभाग इसकी केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करवा ले।
विनय कुमार चौबे ने एसीबी से कहा कि उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है। उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया जा रहा है। हालांकि, चौबे के जवाब से एसीबी अफसर संतुष्ट नहीं हुए।आईएएस अफसर विनय कुमार चौबे से एसीबी ने मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स विजन हॉस्पिटालिटी सर्विस एंड कंस्ल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के फर्जी बैंक गारंटी को लेकर भी सवाल किया।
एसीबी अफसरों ने पूछा कि अगर बैंक गारंटी फर्जी थे तो उसका सत्यापन क्यों नहीं कराया गया। कैसे दोनों मैनपावर आपूर्ति करने वाली आरोपित प्लेसमेंट एजेंसियों को काम दे दिया। मामला उजागर होने के बाद तुरंत एक्शन क्यों नहीं लिया। कागजात जांचने वाले विभाग के अधिकारियों-कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई क्यों नहीं की। इसपर विनय कुमार चौबे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। आईएएस विनय कुमार चौबे से शनिवार को भी एसीबी पूछताछ कर रही है।
गजेंद्र सिंह के बयान को भी आधार बना विनय चौबे से पूछताछ
एसीबी मुख्यालय में संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह दूसरे दिन भी रिमांड पर रहे। एसीबी ने एक दिन पहले गजेंद्र सिंह से भी विभाग में फर्जीवाड़ा के मामले में सवाल पूछा था। इस पर गजेंद्र सिंह ने कहा था कि उन्होंने वही किया, जो वरीय पदाधिकारी ने आदेश दिया। एसीबी ने विनय कुमार चौबे के सामने गजेंद्र सिंह के इस जवाब को दुहराया और कहा कि उन्होंने कहा है कि उन्होंने वही किया जो उन्हें ऊपर से आदेश दिया गया। उस वक्त ऊपर के अधिकारी वे स्वयं थे तो उन्होंने किसी लोभ में गजेंद्र सिंह को गलत करने का आदेश दिया था। इसको विनय कुमार चौबे ने नकारा और कहा कि उन्होंने विभाग में कभी भी गलत को प्रश्रय नहीं दिया। किसी को गलत करने के लिए आदेश नहीं दिया है। उनके कार्यकाल में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में जो भी कार्य हुए, कानून के दायरे में रहकर हुए हैं। उन्होंने राजस्व का ख्याल रखा। गलत करने वालों पर उनके माध्यम से कार्रवाई भी की गई थी।
बिजनसमैन विनय कुमार सिंह भी रहे मौजूद
शराब घोटाला मामले में एसीबी के समन पर कारोबारी विनय कुमार सिंह शुक्रवार को एसीबी मुख्यालय में मौजूद रहे। एसीबी ने उनसे शराब के धंधे में सक्रियता से लेकर अवैध वसूली के रुपयों को कागजी कंपनियों में खपाने के बिंदु पर पूछताछ की है।एक दिन पहले आईएएस विनय कुमार चौबे के रिश्तेदार शिपिज त्रिवेदी से एसीबी ने पूछताछ की थी। अब शनिवार को शराब कारोबारी श्रीलैब बाटलर्स कंपनी के संचालक उमाशंकर सिंह से एसीबी पूछताछ कर रही है। इन सभी संदिग्धों से एसीबी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में अधिकारी-एजेंसी साठगांठ, अवैध वसूली के तंत्र की जानकारी ले रहा है, ताकि वह इसे अपनी जांच रिपोर्ट में उजागर कर सके।