Jharkhand : रांची में ‘नीरज साहू गैंग’ एक्टिव! ठेकेदार से मांगी पांच लाख की रंगदारी, छह अपराधी गिरफ्तार

रांची पुलिस ने नया उभरता गिरोह ‘नीरज साहू गैंग’ का भंडाफोड़ किया। ठेकेदारों से लेवी मांगने वाले छह अपराधी गिरफ्तार, जेजेएमपी संगठन के बचे सदस्य बना रहे थे नया नेटवर्क।

Jharkhand : रांची में ‘नीरज साहू गैंग’ एक्टिव! ठेकेदार से मांगी पांच लाख की रंगदारी, छह अपराधी गिरफ्तार
रांची पुलिस की सफलता।

रांची। झारखंड की राजधानी रांची की पुलिस ने लेवी (रंगदारी) मांगने वाले एक नए उभरते आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसएसपी राकेश रंजन को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) और एक नये बने ‘नीरज साहू गैंग’ के नाम पर रंगदारी मांगने वाले छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में उमेश मुंडा, नितेश मुंडा, राम विजय, पवन लोहरा समेत दो अन्य अपराधी शामिल हैं। ये गिरफ्तारियां ओरमांझी और खलारी थाना क्षेत्र में दर्ज दो अलग-अलग मामलों के संबंध में की गयी हैं।

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 ठेकेदार से मांगी 40 हजार की रंगदारी

पुलिस जांच में सामने आया कि अपराधियों ने ओरमांझी के धुमकुड़िया भवन का निर्माण करा रहे ठेकेदार को फोन कर खुद को टीपीसी संगठन का सदस्य बताया। आरोपियों ने ठेकेदार से कहा कि “भवन निर्माण कर रहे हो, मैनेज करके चलना पड़ेगा।” अपराधियों ने दो दिन के भीतर 40 हजार रुपये देने का दबाव बनाया और चेतावनी दी कि अगर रकम नहीं दी गई तो अंजाम बुरा होगा।ठेकेदार की शिकायत पर पुलिस ने छानबीन की और फोन ट्रेसिंग से आरोपियों को पकड़ लिया।

‘नीरज साहू गैंग’ बना लेवी वसूलने के लिए

खलारी थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति से 5 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गयी थी। यह रकम नीरज साहू गैंग के नाम पर मांगी गयी थी। पुलिस पूछताछ में पकड़े गये अपराधियों राम विजय और पवन लोहरा ने खुलासा किया कि कुछ महीने पहले जेजेएमपी संगठन के कई बड़े उग्रवादियों की गिरफ्तारी के बाद, बच निकले कुछ सदस्यों ने मिलकर नया गिरोह बनाया। इस नए गिरोह का नाम ‘नीरज साहू गैंग’ रखा गया, जो रंगदारी वसूलने का काम कर रहा था।

 पुलिस की कार्रवाई जारी

ग्रामीण एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नीरज साहू गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है। गिरफ्तार अपराधियों से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस इन अपराधियों के बैंक खातों और कॉल डिटेल्स की भी जांच कर रही है।