झारखंड: CM हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खतरे में, चुनाव आयोग ने गवर्नर को सौंपी रिपोर्ट
चुनाव आयोग ने झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा की है। चुनाव आयोग ने सोरेन को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर दी है। अब यह गवर्नर पर निर्भर है कि वह चुनाव आयोग की सिफारिश पर कब आदेश जारी करते हैं।
- BJP के ट्वीट ने लग रहे कयास
रांची। चुनाव आयोग ने झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा की है। चुनाव आयोग ने सोरेन को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर दी है। अब यह गवर्नर पर निर्भर है कि वह चुनाव आयोग की सिफारिश पर कब आदेश जारी करते हैं।
यह भी पढ़ें: झारखंड: नितिन मदन कुलकर्णी बने गवर्नर के प्रिंसिपल सेकरटेरी, मुथुकुमार को दक्षिणी छोटानागपुर के कमिश्नर होंगे
भारत के निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल के पास अपनी अनुशंसा भेज दिया है कि @HemantSorenJMM भ्रष्ट आचरण के दोषी पाये गये हैं. फलतः ये विधायक नहीं रह सकते. इन्हें अगले तीन वर्षों तक विधायक का चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जा सकता है.
— Saryu Roy (@roysaryu) August 25, 2022
बताया जाता है कि है कि भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आफिस आफ प्राफिट मामले में अपनी अनुशंसा भेज दी है। गवर्नर रमेश बैस अभी दिल्ली में हैं। वह आज गुरुवार दोपहर बाद रांची लौट गये हैं। राझभवन में अफसरों का पहुंचना शुरु हो गया है। राजभवन की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। जहां तक मेरा अनुमान है अयोग्य ठहराने की अधिसूचना राजभवन से निकलते ही हेमंत सोरेन इसके विरूद्ध हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट जायेंगे। उन्हें जाना भी चाहिए.यदि मुख्यमंत्री रहते न्यायालय से तुरंत स्थगन आदेश नहीं मिला तो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी वे न्यायिक लड़ाई लड़ सकते हैं।
जहां तक मेरा अनुमान है अयोग्य ठहराने की अधिसूचना राजभवन से निकलते ही @HemantSorenJMM इसके विरूद्ध हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट जाएँगे. उन्हें जाना भी चाहिए.यदि मुख्यमंत्री रहते न्यायालय से तुरंत स्थगन आदेश नहीं मिला तो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी वे न्यायिक लड़ाई लड़ सकते हैं.
— Saryu Roy (@roysaryu) August 25, 2022
भारत के निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल के पास अपनी अनुशंसा भेज दिया है कि हेमंत सोरेन भ्रष्ट आचरण के दोषी पाये गये हैं। फलतः ये विधायक नहीं रह सकते. इन्हें अगले तीन वर्षों तक विधायक का चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जा सकता है।
RSS के संस्कारों ने मुझे बड़ा किया,मेरा परिवार इमरजेंसी में जेल गया,भाजपा जैसी पार्टी ने मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को सांसद बनाया जिसके नेतृत्व कर्ता माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी पर हमें गर्व है।घोषणा थी कि अगस्त पार नहीं होगा,वहीं हुआ चुनाव आयोग का पत्र राज्यपाल जी को पहुँचा
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 25, 2022
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और एमपी निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट गवर्नर को पास पहुंचने के संकेत दिए हैं। दोनों ने अलग-अलग ट्टीट कर कहा है कि अगस्त पार नहीं होगा। झारखंड के लिए नया सवेरा।बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने ट्वीट कर कहा है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नही। सत्य की जीत हुई, चुनाव आयोग का निर्णय आ गया है। झारखंड के लिए एक नया सवेरा।निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर लिखा है - RSS के संस्कारों ने मुझे बड़ा किया। मेरा परिवार इमरजेंसी में जेल गया। बीजेपी जैसी पार्टी ने मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को एमपी बनाया, जिसके नेतृत्वकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमें गर्व है। मैंने पहले ही घोषणा थी कि अगस्त पार नहीं होगा, वहीं हुआ, भारत निर्वाचन आयोग का पत्र राज्यपाल रमेश बैस को पहुंच गया है।
बोले हेमंत सोरेन- बीजेपी एमपी ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया! रिपोर्ट अभी सिलबंद लिफाफे में
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी के एमपी व बीजेपी समर्थित पत्रकारों सहित अन्य बीजेपी नेताओं ने स्वयं चुनाव आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है. जो वास्तव में एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है। बीजेपी द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का यह घोर दुरुपयोग और एक शर्मनाक तरीके से उनका पूर्ण अधिग्रहण देश के लोकतंत्र की नींव पर गहरा कुठाराघात है।
सीएम पर अपने नाम से स्टोन माइनिंग लीज लेने का आरोप
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय मंत्री रहते हुए अपने नाम से स्टोन माइंस लीज आवंटित करा लिया है। एक्स सीएम व बीजेपी लीडर रघुवर दास ने यह खुलासा किया था। इसके बाद बीजेपी ने इस संबंध में गवर्नररमेश बैस से शिकायत की थी। राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग से इस बारे में मंतव्य मांगा था। भारत निर्वाचन आयोग में इस मामले को लेकर लंबी सुनवाई चली। पिछले दिनों सुनवाई पूरी हो गई थी। तभी से यह कयास लगाया जा रहा कि चुनाव आयोग किसी भी क्षण अपना फैसला सुना सकता है। अब बीजेपी निशिकांत दुबे की ओर से बताया जा रहा कि चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी है। अगर उनकी बात सही है तो इसका खुलासा कभी भी हो सकता है।