नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा की मांग, प्रभारी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश की

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार व खराब प्रदर्शन कोल को लेकर दिल्ली तक आवाज उठ रही है। इधर कई पार्टी नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।  

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा की मांग, प्रभारी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश की

नई दिल्ली।बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार व खराब प्रदर्शन कोल को लेकर दिल्ली तक आवाज उठ रही है। पार्टी में समीक्षा की मांग तेज हो रही है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चुनाव में खराब प्रदर्शन की समीक्षा करने के ऐलान किया है। इधर कई पार्टी नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।

बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित कई दूसरे प्रदेश कांग्रेस के नेताओ में भी अपने पद से त्यागपत्र देने की पेशकश की है। सेंट्रल के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस के नेता भी चुनाव में खराब प्रदर्शन की समीक्षा की मांग कर रहे है। राहुल के करीबी व पार्टी महासचिव तारिक अनवर भी हार के कारणों पर विचार की वकालत कर चुके है।

टिकट बंटवारे पर विवाद, कई लीडर संदेह के घेरे में

बिहार कांग्रेस के कई लीडर पहले ही चुनाव में टिकट बटवारे पर सवाल उठा चुके है। इन नेताओं की मांग है कि टिकट बंटवारे की जांच करनी चाहिए। बिहार में पार्टी 70 सीट पर चुनाव लड़ी लेकिन पार्टी को सिर्फ 19 सीट हासिल हुई। कई नेता मानते है कि कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की वजह से महागठबंधन सरकार बनाने से चूक गया। पार्टी को 30 से अधिक वैसी सीटें मिली जहां कई दशक से गठबंधन के कैंडिडेट जीते ही नहीं है।

आरोप है कि टिकट वितरण में जमीन हकीकत को अनदेखी की गयी। पैसे का लेन-देन हुआ। कोसी के लीडर केलीडर को पटना, मगध के लीडर को तिरहुत से लड़ाया गया। बाहीर लोगों को विधानसभी टिकट देकर पार्टी का बेरा गर्क किया गया। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष  अनिल शर्मा, चंदन बागची, श्याम सुंदर सिंह धीरज समेत कई लीडर टिकट वितरण पर सवाल उठा चुके हैं। सीनीयर नेताओं ने टिकट वितरण में अपने परिजनों को तरजीह दी।