छत्तीसगढ़: मिनिस्टर TS सिंहदेव ने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग से दिया इस्तीफा, राजनीति में सियासी भूचाल 

छत्तीसगढ़ के मिनिस्टर TS सिंहदेव (बाबा) ने पंचायत मिनिस्टरी ने इस्तीफा दे दिया है। सिंहदेव अपने प्रभार वाले अन्य विभागों में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे। सिंहदेव के इस्तीफे की खबर से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। TS फैसले ने भूपेश बघेल कैबिनेट में समेत छत्तीसगढ़ की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है। सिंहदेव सरकार का फैसले से नाराज हैं।

छत्तीसगढ़: मिनिस्टर TS सिंहदेव ने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग से दिया इस्तीफा, राजनीति में सियासी भूचाल 
  • भूपेश बघेल कैबिनेट में मचा हड़कंप
  • टीएस ने लगाये कई आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मिनिस्टर TS सिंहदेव (बाबा) ने पंचायत मिनिस्टरी ने इस्तीफा दे दिया है। सिंहदेव अपने प्रभार वाले अन्य विभागों में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे। सिंहदेव के इस्तीफे की खबर से प्रदेश में हड़कंप मच गया है।TS फैसले ने भूपेश बघेल कैबिनेट में समेत छत्तीसगढ़ की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है। सिंहदेव सरकार का फैसले से नाराज हैं।

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बताया जा रहा है कि पंचायत विभाग में मंत्री टीएस सिंहदेव को बगैर विश्वास में लिए उनके विभाग से संबंधित फैसले लिए जा रहे थे, जिससे नाराज होकर टीएस सिंहदेव ने इस्तीफा दिया है। त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव के पास पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यक्रम, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) का प्रभार है। बताया जाता है बीते दिनों बड़ी संख्या में सहायक परियोजना अधिकारियों (APO) पर कार्रवाई की गई थी, इसके बाद से पंचायत मंत्री सिंहदेव नाराज थे। 

पंचायत विभाग में दखल से नाराजगी
सोर्सेज का कहना है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के 10 हजार मनरेगा कर्मी राजधानी में अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर 60 से ज्यादा दिनों तक हड़ताल पर थे। राज्य सरकार ने दबाव बनाने सहायक परियोजना अधिकारियों पर कार्रवाई कर दी थी। 21 सहायक परियोजना अधिकारियों को निलंबित करने से पहले मंत्री सिंहदेव से पूछा तक नहीं गया था। अभी कुछ दिन पहले सभी अधिकारियों को बहाल कर दिया। उसमें भी उनसे नहीं पूछा गया। छत्तीसगढ़ में सीएम पद के दावेदार रहे टीएस सिंहदेव का प्रदेश में कांग्रेस का 15 वर्षों का वनवास समाप्त कराने महत्वपूर्ण भूमि रही है। सिंहदेव के इस कदम ने स्पष्ट कर दिया है कि भूपेश बघेल सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पंचायत विभाग छोड़ने के लिए उन्हों ने सीएम भूपेश बघेल को चार पेजा लेटर लिखा है। इसमें उनकी उपेक्षा और अपमान का दर्द छलका है।
विभागीय मंत्री होने के बावजूद बिना सहमति और अनुमोदन के निर्णय लेने की परिपाटी से मर्माहत सिंहदेव के सब्र का बांध तब टूट गया, जब पेसा कानून के प्रावधानों को भी उनसे पूछे बिना बदल दिया गया। सिंहदेव के पंचायत विभाग से त्यागपत्र से प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई है। अंबिकापुर स्थित उनके निवास 'तपस्या ' में बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई।सिंहदेव ने कहा कि कल रात ही मैंने निर्णय ले लिया था, सुबह होने का इंतजार कर रहा था। बहुत सोच विचार किया। मेरे लिए यह निर्णय छोटा नहीं था। कई बातों पर विचार कर मैंने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के दायित्व से त्यागपत्र देना ही उचित समझा है। मैं अपना इस्तीफा लिखि त में भेज रहा हूं। उन्होंने कहा कि सचिवालय से सीधे कार्य स्वीकृत हो रहे हैं, निर्णय लिये जा रहे हैं, ऐसे में मेरा इस विभाग से अलग हो जाना ही उचित है। 
ये विभाग हैं सिंहदेव के पास
पंचायत व ग्रामीण विकास
लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण -चिकित्सा शिक्षा
20 सूत्रीय कार्यान्वयन
वाणिज्यिक कर (जीएसटी)