बिहार: कौन हैं तेजस्वी यादव के 'प्रवासी सलाहकार' संजय यादव, क्यों हैं तेज प्रताप नाराज?

तेज प्रताप के निशाने पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बाद तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव भी आ गये हैं। तेज प्रताप ने संजय यादव को प्रवासी सलाहकार बताते हुए लगातार दूसरे दिन हमला बोला है। तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि प्रवासी सलाहकार हरियाणा में एक सरपंच तक नहीं बनवा सकता, खाक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवायेगा। 

बिहार: कौन हैं तेजस्वी यादव के 'प्रवासी सलाहकार' संजय यादव, क्यों हैं तेज प्रताप नाराज?

पटना। तेज प्रताप के निशाने पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बाद तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव भी आ गये हैं। तेज प्रताप ने संजय यादव को प्रवासी सलाहकार बताते हुए लगातार दूसरे दिन हमला बोला है। तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि प्रवासी सलाहकार हरियाणा में एक सरपंच तक नहीं बनवा सकता, खाक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवायेगा। 
तेज प्रताप ने अपने ट्वीट में कहा कि जिस प्रवासी सलाहकार के इशारों पर पार्टी चल रही है, वह हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता। वो ख़ाक मेरे अर्जुन (तेजस्वी) को मुख्यमंत्री बनायेगा। तेज प्रताप ने यहां तक कहा कि प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है। जिस प्रवासी सलाहकार के इशारो पे पार्टी चल रही वो हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता वो ख़ाक मेरे अर्जुन को मुख्यमंत्री बनायेगा। वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है। प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गये कि पार्टी संविधान से चलता है। राजद का संविधान कहता है कि बिना नोटिस पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते। आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ।

हरियाणा के हैं संजय यादव

हरियाणा के नांगल सिरोही गांव के रहने वाले संजय यादव (37) बतौर राजनीतिक सलाहकार तेजस्वी यादव के साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं।संजय यादव तेजस्वी यादव के रिश्तेदार भी हैं। संजय यादव की तेजस्वी यादव से पहली बार दिल्ली में वर्ष 2010 में मुलाकात हुई थी। इसके बाद तेजस्वी यादव और संजय यादव की दोस्ती मजबूत हुई। संजय यादव के काम से प्रभावित होकर तेजस्वी ने उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बना लिया।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान पहली बार लालू यादव मैदान में कहीं नहीं थे। कहा जाता है कि इस दौरान संजय यादव ने अपनी रणनीति से लालू यादव की कमी खलने नहीं दी। आरजेडी के पोस्टर से लालू का गायब होना, सिर्फ तेजस्वी की तस्वीर लगाना, लालू-राबड़ी के शासनकाल को लेकर माफी मांगना, सभी फैसले के पीछे संजय यादव का ही दिमाग था। इन रणनीति का ही असर था कि जदयू-भाजपा गठबंधन के बाद भी राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभरा।