बिहार: अब अंगूठा बतायेगा आपने कितनी बार पी है शराब, पुलिस के पास होगा यह खास सॉफ्टवेयर

बिहार में कोई शख्स पहली बार पकड़े जाने के बाद अगर फाइन भर कर छूटा है तो दूसरी बार उसका अंगूठा ही उसके खिलाफ गवाही देगा। अंगूठा ही पुलिस को बता देगा कि यह दूसरी बार पकड़ा गया है। डिपार्टमेंट ने इसके लिए एक खास प्रकार का साफ्टवेयर तैयार किया है।

बिहार: अब अंगूठा बतायेगा आपने कितनी बार पी है शराब, पुलिस के पास होगा यह खास सॉफ्टवेयर

पटना। बिहार में कोई शख्स पहली बार पकड़े जाने के बाद अगर फाइन भर कर छूटा है तो दूसरी बार उसका अंगूठा ही उसके खिलाफ गवाही देगा। अंगूठा ही पुलिस को बता देगा कि यह दूसरी बार पकड़ा गया है। डिपार्टमेंट ने इसके लिए एक खास प्रकार का साफ्टवेयर तैयार किया है। 

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अंगूठा ही देगा गवाही
मंत्रिमंडल सचिवालय के अनुसार शराब पीते हुए पकड़े जाने के बाद सभी आरोपियों का पूरा रिकॉर्ड रखा जायेगा। इसके लिए एक खास तरह का सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। जो व्यक्ति शराब पीकर पकड़ा जाएगा, पुलिस और मद्य निषेध विभाग की टीम उसका आधार रजिट्रेशन नंबर और थंब इंप्रेशन अपने सॉफ्टवेयर में दर्ज कर लेगी। इसके बाद जब भी उसके अंगूठा का निशान लिया जायेगा। सॉफ्टवेयर यह बता देगा कि इसे कब कहां और कितनी बार शराब के नशे में पकड़ा जा चुका है।
 क्रिमिनलों का पूरा डिटेल में रहता है पुलिस स्टेशन
सॉफ्टवेयर में दर्ज आंकड़ों के आधार पर पकड़े गये लोगों का मिलान कराया जायेगा। अगर वह निशान पहले से दर्ज होगा, तभी पता चल जायेगा कि वह इससे पहले भी शराब पीने के आरोप में पकड़ा जा चुका है। पकड़े गये व्यक्ति ने शराब पहली बार पी है या दूसरी बार इसके लिए उसके अस्थाई पते का पुलिस स्टेशन से भी वेरिफिकेशन किया जायेगा। पुलिस अपने क्षेत्र में रहने वाले आरोपियों का डिटेल तैयार रखती है। एक्युज्ड चाहे किसी भी इलाके में क्राइम करते हुए पकड़े जाएं, वहां की पुलिस उसके स्थाई पते के पुलिस स्टेशन से खुद संपर्क करती है।
पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर छुटने की गारंटी नहीं 
लोकल पुलिस स्टेशन में अगर उसका सीडी क्लिप बन गया होता है, तो इसकी जानकारी सम्बंधित पुलिस स्टेशन को दे दी जाती है जहां वह पकड़ा गया है। ऐसे में शराब पीकर अगर पहली बार ही पकड़े जाने पर आगे के लिए संबंधित व्यक्ति सारी मुश्किलें पैदा हो जायेंगी। हालांकि पहली बार शराब पीने पर आप जेल जाना होदा या नहीं यह एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट और पुलिस के रवैये पर निर्भर करता है। केवल पाइन के आधार पर धौंस नहीं चलेगा।अगर मजिस्ट्रेट चाहे तो वो आपको जेल भी भेज सकते हैं।
बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन किया है। कानून में संशोधन के बाद अब पहली बार शराब पीकर पकड़े गये शराबी को फाइन लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है। आखिर पुलिस यह कैसे तय करेगी कि पकड़ा गया शराबी पहली बार शराब के नशे में पुलिस की गिरफ्त में आया है। मद्य निषेध विभाग ने एक खास प्रकार का साफ्टवेयर तैयार किया है। साफ्टवेयर व्यक्ति के अंगुठे से बता देगा कि उसने पहली बार शराब पी है या दूसरी बार।