जम्मू-कश्मीर में बंधक शेखपुरा के 11 बच्चे, बिहार गवनर्मेंट की मदद से छुड़वाये गये, घर पहुंचे सभी

बिहार गवर्नमेंट ने जम्मू-कश्मीर में बंधक शेखपुरा के 11 नाबालिगों को छुड़वा लिया है। ये सभी बच्चे अपने घर शेखपुरा पहुंच चुके हैं। कंट्रेक्टर इन बच्चों को मजदूरी के लिए जम्मू-कश्मीर ले गया था। उनसे बंधुआ मजदूरी करवा रहा था।

जम्मू-कश्मीर में बंधक शेखपुरा के 11 बच्चे, बिहार गवनर्मेंट की मदद से छुड़वाये गये, घर पहुंचे सभी
  • छोड़ने के लिए कंट्रेक्टर ने मांगे थे सवा लाख रुपये

पटना। बिहार गवर्नमेंट ने जम्मू-कश्मीर में बंधक शेखपुरा के 11 नाबालिगों को छुड़वा लिया है। ये सभी बच्चे अपने घर शेखपुरा पहुंच चुके हैं। कंट्रेक्टर इन बच्चों को मजदूरी के लिए जम्मू-कश्मीर ले गया था। उनसे बंधुआ मजदूरी करवा रहा था।

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बच्चों को छोड़ने के एवज में कंट्रेक्टर ने एक-एक बच्चे के परिवार से सवा लाख रुपये मांगे थे। इसके बाद बच्चों के परिवार ने पुलिस में कंपलेन की। बिहार सरकार ने भी मामले में संज्ञान लिया। जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से बच्चों को छुड़वाया गया। बिहार सरकार की पहल से सभी बच्चे अब अपने घर सकुशल लौट गये हैं। ये सभी बच्चे बिहार के शेखपुरा के रहने वाले है। श्रम विभाग की तरफ से कश्मीर में बंधक शेखपुरा जिले के अरियारी प्रखंड स्थित पानापुर ग्राम के गरीब परिवार के कुल 11 नाबालिग को मुक्त कराने के लिए आदेश दिए थे।

शेखपुरा जिले के सभी 11 बच्चों को काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के रास्ते कश्मीर ले जाया गया था। वहां उन्हें बंधक बना कर छोड़ने के लिए एवज में परिजनों से एक लाख 20 हजार मांगे गये थे। लोकल प्रशासन और श्रम विभाग हरकत में आया। शेखपुरा डीएम ने एक पुलिस टीम का गठन किया था, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से सभी 11 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराने गये थे। सभी को सकुशल मुक्त करा लिया गया है।इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी सघनता से शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड, स्थित पानापुर के 11 किशोरों के रेस्क्यू के बारे में उनके परिजनों और संबंधितों से संपर्क स्थापित कर पल-पल की जानकारी प्राप्त की। गठित जांच दल द्वारा पूरी घटना के बारे में उनके माता- पिता का बयान संबंधित पुलिस स्टेशन, कोरमा में भी दर्ज कराया गया था। जम्मू में बच्चों को मुक्त कराने के बाद आज उन्हें दिल्ली उनके घर लाया गया।

बिहार के श्रम मंत्री सुरेंद्र राम ने बताया कि बच्चों को रिकवर करना और उन्हें सुरक्षित घर लाना हमारी प्राथमिकता थी। जांच टीम ने बेहतर काम करते हुए त्वरित कार्रवाई की है। 11 किशोरों जिसमें प्रह्लाद कुमार (पिता- शंभू पासवान), पारस कुमार (पिता- रघुवंश राम), श्याम कुमार (पिता -रूदल पासवान), सदाशिव कुमार (पिता - प्रभु पासवान), बीरबल कुमार (पिता- गुड्डू पासवान), राज कुमार (पिता- उमा शंकर पासवान), सोहित कुमार (पिता- बंगाली पासवान), संदीप कुमार (पिता-राजेश पासवान), उजाला कुमार (पिता- बंगाली पासवान), राहुल कुमार ( पिता- सरोगर राम) और सौरभ कुमार (पिता- विनोद पासवान), को रिकवर कर लिया गया है।