नई दिल्ली:यंग इंडियन मामले में सोनिया-राहुल के खिलाफ 100 करोड़ टैक्स की फाइल फिर खुलेगी

  • कांग्रेस पार्टी ने यंग इंडियन को दिया था लोन
  • यंग इंडियन ने लोन की राशि से असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के साथ किया खा बिजनस
  •  कांग्रेस को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट  हो सकती समाप्त
  • सोनिया गांधी व राहुल गांधी यंग इंडियन के डायरेक्टर हैं
नई दिल्ली: टैक्स ड्राइब्यूनल ने यंग इंडियन को नॉन-प्रॉफिट संस्था बताने के गांधी फैमिली के दावे को रिजेक्ट कर दिया है.गांधी परिवार ने दावा किया था कि यंग इंडियन चैरिटेबल संस्था है और उसे टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. ट्राइब्यूनल में सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि कांग्रेस पार्टी ने यंग इंडियन को लोन दिया था. यंग इंडियन ने लोन की राशि से असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के साथ मिलकर बिजनस किया था. कहा जा रहा है कि अब कांग्रेस को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट खत्म हो सकती है. कांग्रेस ने इन कंपनियों को मदद करके नियमों का उल्लंघन किया है. अब गांधी फैमिली के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के टैक्स की फाइल फिर से खुल सकती है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी यंग इंडियन के डायरेक्टर हैं. सोनिया व राहुल के पास कंपनी की 36 परसेंट हिस्सेदारी है. मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिज के पास 600 शेयर हैं.कांग्रेस ने वर्ष 2017 में दिल्ली हाई कोर्ट में बताया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नॉन प्रॉफिट कंपनी है.इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जनवरी में ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस भेजकर 100 करोड़ रुपये टैक्स पेमेंट करने को कहा था. इनकम टैक्स के अनुसार गांधी फैमिली ने जो रिटर्न फाइल किया था उसमें 300 करोड़ रुपये के इनकम की घोषणा नहीं की थी. इस इनकम पर लगभग 100 करोड़ रुपये की टैक्स बनती है.