पाकिस्तान में हिंसा, इस्लाहमिक संगठन ने DSP को दीं यातनाएं, चार पुलिसकर्मी अगवा, फायरिंग

पाकिस्तान में कई दिन से जमकर हिंसा हो रही है।प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने एक DSP को बंधक बनाकर यातनाएं दी हैं। संगठन ने रविवार को चार और अधिकारियों को बंधक बनाया है।

पाकिस्तान में हिंसा, इस्लाहमिक संगठन ने DSP को दीं यातनाएं, चार पुलिसकर्मी अगवा, फायरिंग

लाहौर। पाकिस्तान में कई दिन से जमकर हिंसा हो रही है।प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने एक DSP को बंधक बनाकर यातनाएं दी हैं। संगठन ने रविवार को चार और अधिकारियों को बंधक बनाया है।

लाहौर की यतीम खाना चौक के आसपास का इलाका खाली कराने पहुंची पुलिस के साथ संगठन ने ऐसा गैरकानूनी व्यवहार किया है। इस संगठन के कार्यकर्ता पिछले वीक से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।कैपिटकल सिटी पुलिस ऑफिस के प्रवक्ता राणा आरिफ ने डॉन अखबार को बताया है कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल बम से पुलिस पर हमला किया। उन्होंने बताया कि यातनाएं झेलने वाले 11 पुलिस अफसर हॉस्पीटल में हैं। पुलिस के ऑपरेशन के बाद तीन लोगों की मौत हो चुकी है। कई घायल हो गये हैं। तहरीक-ए-लब्बैक ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें अगवा अफसर दिख रहे थे।
न्यूज एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्ताएन में रविवार को भी हिंसा का दौर जारी रहा। लाहौर में हुई पुलिस से झड़प में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गये। पाकिस्ता नी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-i-Labaik Pakistan, TLP) के प्रवक्ता  शफीक अमीनी ने आरोप लगाया कि शहर में पुलिस ने लाहौर मरकज पर हमला बोल दिया जिससे लोग भड़क गये। 
उल्ले्खनीय है कि पिछले दिनों पाकिस्ता।न की इमरान खान ने कट्टर इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान को 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम (Terrorism Act) के नियम 11-बी के तहत बैन कर दिया था। पाकिस्तान ने यह कदम कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों की लगातार कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ झड़प के बाद उठाया था। अब तक इन झड़पों में कई लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
टीएलपी के समर्थक पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के मामले में फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग कर रहे हैं। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-i-Labaik Pakistan, TLP) के नेताओं ने फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने के लिए इमरान खान सरकार को 20 अप्रैल तक की मोहलत दी थी लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद टीएलपी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। संगठन के प्रवक्ता का कहना है कि मरने वालों के शव तब दफन किये जायेंगे जब फ्रांस के राजदूत को बाहर निकाल दिया जायेगा।
मौलाना खादिम हुसैन रिजवी की पिछले दिनों रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। रिजवी ने पाकिस्तांन के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैाक पाकिस्ता न (TLP) की स्थांपना की थी। पिछले दिनों ही उसके संगठन ने रावलपिंडी और इस्ला माबाद को घेर लिया था। इससे लाखों लोग जहां इन दोनों ही शहरों में कैद होकर रह गये थे। इससे पाकिस्ता नी सेना और इमरान खान भी दबाव में आ गए थे। रिजवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उसकी ISI की ओर से मर्डर की आशंका जताई जा रही है।
फ्रांस ने अपने नागरिकों को पाकिस्ता न छोड़ने की दी सलाह

फ्रांस के दूतावास ने अपने नागरिकों को तुरंत ही पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि धार्मिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक फ्रांस विरोधी हिंसा को लगातार भड़काने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। हिंसा के बाद ही पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया और मैसेजिंग एप्स पर कई घंटे तक रोक लगा दी थी। यह पाबंदी गृह मंत्री शेख राशिद अहमद के टीएलपी पर देश के आतंकरोधी कानून के तहत कार्रवाई के बाद की गई।