लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने Jharkhand के सीनीयर अफसरों को किया तलब,निशिकांत दुबे के कंपलेन पर एक्शन

लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने झारखंड के चीफ सेकरटेरी एल खियांग्ते,होम सेकरटेरी अविनाश कुमार, डीजीपी अजय कुमार सिंह, देवघर के डीसी विशाल सागर और देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को तलब किया है। गोड्डा के बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे की कंपलेन के आलोक में इन अफसरों को लोकसभा की विशेष समिति के समक्ष 12 जनवरी को उपस्थित होने को कहा गया है।

लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने Jharkhand के सीनीयर अफसरों को किया तलब,निशिकांत दुबे के कंपलेन पर एक्शन
  • चीफ सेकरटेरी, होम सेकरटेरी, डीजीपी, देवघर डीसी व एसपी को  12 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया
  • अफसरों पर प्रोटोकाल का अनुपालन नहीं करने का आरोप
  • बीजेपी एमपी व एमएलए के विरुद्ध आचरण

रांची। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने झारखंड के चीफ सेकरटेरी एल खियांग्ते,होम सेकरटेरी अविनाश कुमार, डीजीपी अजय कुमार सिंह, देवघर के डीसी विशाल सागर और देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को तलब किया है। गोड्डा के बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे की कंपलेन के आलोक में इन अफसरों को लोकसभा की विशेष समिति के समक्ष 12 जनवरी को उपस्थित होने को कहा गया है।

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लोकसभा के उप सचिव बाला गुरु जी. ने इससे संबंधित ऑफिस ऑर्डर जारी किया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष को गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे ने पत्र लिखकर स्टेट गवर्नमेंट के अफसरों के आचरण की कंपलेन की थी। उन्होंने लिखा था कि अफसर प्रोटोकाल का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने पद के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया था।

बीजेपी एमपी-एमएलए को काम करने से रोक रहे 
गोड्डा के बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को की गई कंपलेन में कहा है कि दिसंबर 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जब सरकार बनी तो राजनीतिक कारणों से बीजेपी एमपी व एमएलए को टारगेट किया गया। सीएम ने नीचे से लेकर ऊपर तक के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि बीजेपी एमपी व एमएलए अपने क्षेत्र में किसी भी कीमत पर काम नहीं कर पाएं। अगर आवश्यकता पड़े तो उनके विरुद्ध पुलिस स्टेशन में FIR तक दर्ज कराई जाए।


MP के आरोप के अनुसार सीएम के आदेश के बाद सारे अफसर इस दिशा में कार्य करने लगे। उन्हें सबसे ज्यादा टारगेट अफसरों ने किया। पुलिस विभाग, राजस्व विभाग और उद्योग विभाग तक के अधिकारियों की इसमें संलिप्तता रही। ऐसा कर ये अफसर सीएम के करीबी और विश्वासपात्र बन गये। 
एमपी का कहना है कि उनके विरुद्ध सर्वाधिक एफआइआर दर्ज कराये गये। एमपी का आरोप है कि क्षेत्र में जाने के दौरान जान से मारने तक की धमकी दी गई। अधिकांश अफसरों ने मेरे विरुद्ध कार्य किए। कई बार इसकी शिकायतें लोकसभा अध्यक्ष को की गई। इस सिलसिले में जितने अफसर पूर्व में लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष आए उन्होंने क्षमा मांगी। देवघर के जरमुंडी में हाल ही में गौ तस्करों को पकड़कर सौंपने के कारण मुकदमा कर दिया गया। देवघर में ट्रैफिक पुलिस के गलत रवैये का विरोध करने का मेरे साथ-साथ आरएसएस के पदाधिकारयों पर एफआइआर दर्ज कराया गया।