Jharkhand: वाईफ की मौत मामले में हजारीबाग के एक्स SDO अशोक कुमार को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने रद्द की आपराधिक कार्रवाई

झारखंड में हजारीबाग के एसडीओ आवास में वाईफ अनिता देवी की जलकर हुई मौत मामले में आरोपी एक्स एसडीओ अशोक कुमार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को निरस्त कर दिया है।

Jharkhand: वाईफ की मौत मामले में हजारीबाग के एक्स SDO अशोक कुमार को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने रद्द की आपराधिक कार्रवाई
वाइफ के साथ अशोक कुमार(फाइल फोटो)।

रांची। झारखंड में हजारीबाग के एसडीओ आवास में वाईफ अनिता देवी की जलकर हुई मौत मामले में आरोपी एक्स एसडीओ अशोक कुमार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को निरस्त कर दिया है।

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जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई हुई। अशोक कुमार की ओर से अधिवक्ता कृष्ण कुमार और राम कुमार ने पक्ष रखा। अशोक कुमार ने हाईकोर्ट में आपराधिक कार्रवाई निरस्त करने की याचिका दायर की थी। इस मामले में अशोक कुमार के साले राजू गुप्ता ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

एसडीओ आवास में झुलस गयी थी पत्नी अनिता देवी

हजारीबाग में झील रोड स्थित एसडीओ आवास में वर्ष 2024 की 26 दिसंबर को एसडीओ अशोक कुमार की वाइफ अनिता देवी गंभीर रूप से झुलस गयी थी। गंभीर हालत में उनको पहले इलाज के लिए बोकारो जनरल हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ने पर उन्हें रांची के मेडिका हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। इसी बीच एसडीओ की वाइफ के मायकेवालों ने लोहसिंघना पुलिस स्टेशन में एक आवेदन देकर एसडीओ पर अपनी वाइफ को जान से मारने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में इलाज के दौरान एसडीओ की वाइफ की मौत हो गयी। मामले में सरकार ने एसडीओ को सस्पेंड कर हटा दिया था।

एफआइआर दर्ज होने के बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर थाना का घेराव और धरना प्रदर्शन भी हुआ था। बाद में फरार पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की गिरफ्तारी रांची से हुई थी। एफआइआर के कंपलेनेंट राजकुमार गुप्ता ने एक शपथ पत्र के माध्यम से लोअर कोर्ट को जानकारी दी थी कि घटना के बाबत जब उन्होंने जांच पड़ताल और पूछताछ अपने स्तर से की तो सच्चाई सामने आ गयी। उन्हें यह जानकारी मिली कि उनकी बहन की हत्या किसी ने नहीं की थी। बल्कि वह एक दुर्घटना में जली थी। और पूर्व एसडीओ अशोक कुमार पूरी तरह से निर्दोष हैं। वे अपनी पत्नी व उनकी बहन को किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया करते थे। उन्होंने कोर्ट को यह भी जानकारी दी थी कि गलतफहमी के कारण यह मामला दर्ज हो गया था। वे नहीं चाहते हैं कि बेवजह किसी पर कोई मुकदमा चले। सूचक ने पुलिस के सीनीयर अफसरों को भी इस बाबत एक आवेदन के माध्यम से जानकारी दी थी