इंडिया ने किया अग्नि-5 मिसाइल का आठवां सफल परीक्षण, पांच हजार किमी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम

देश की सबसे ताकतवर मिसाइल कही जाने वाली अग्नि-5 का बुधवार को सफल परीक्षण किया गया। यह मिसाइल पांच हजार किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। मिसाइल के परीक्षण के साथ ही दुनिया के कई देश इसके लक्ष्य की जद में आ गये हैं।

इंडिया ने किया अग्नि-5 मिसाइल का आठवां सफल परीक्षण, पांच हजार किमी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम

बालेश्वर। देश की सबसे ताकतवर मिसाइल कही जाने वाली अग्नि-5 का बुधवार को सफल परीक्षण किया गया। यह मिसाइल पांच हजार किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। मिसाइल के परीक्षण के साथ ही दुनिया के कई देश इसके लक्ष्य की जद में आ गये हैं।

धनबाद जेल में रेड, अमन सिंह गैंग का नेटवर्क ध्वस्त की ठोस पहल, वार्डों से मिले खैनी, बीड़ी और गुटखा 
डीआरडीओ ने पहली बार ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से रात में इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। अग्नि-5 का यह आठवां सफल परीक्षण है। इसके साथ ही भारत इस तरह की मिसाइल विकसित करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है। अभी सिर्फ अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी मिसाइलें थीं।
मील का पत्थर साबित हुआ परीक्षण
इस परीक्षण के बाद भारत अमेरिका रूस चीन और फ्रांस के साथ इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल क्लब में शामिल हो गया है। भारत इस तरह की मिसाइल को विकसित करने वाला दुनिया का पांचवा देश बन गया है। अभी सिर्फ अमेरिका रूस फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी मिसाइलें थी। रक्षा सूत्रों की माने तो आज का यह अभियान पूरी तरह सफल रहा तथा इस मिसाइल ने हिंद महासागर में अचूक निशाना लगाया। रात्रि कालीन किया गया यह परीक्षण भारतीय मिसाइल कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित हुआ है।
पहले इस्तेमाल नहीं करने की प्रतिबद्धता जताई
डिफेंस मिनिस्टरी ने अपने बयान में कहा है कि अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की इस प्रामाणिक न्यूनतम प्रतिरोध वाली नीति के अनुरूप है। यह मिसाइल के पहले इस्तेामाल नहीं करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब भारत की पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध बरकरार है।
स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड में शामिल होने का रास्ता साफ
अग्नि-5 मिसाइल परियोजना पर काम एक दशक से अधिक समय पहले शुरू हुआ था। बताया गया है कि यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का पहला यूजर ट्रायल है। अफसरों का कहना है कि मिसाइल के सफल परीक्षण से स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड में इसके शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड भारत की सामरिक परिसंपत्तियों की देखभाल करती है।

विशेषता

अग्नि-5 17.5 मीटर लंबी है जिसका व्यास दो मीटर यानी 6.7 फीट है।
यह मिसाइल एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
यह एक साथ डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है।
यह मिसाल महज 20 मिनट में पांच हजार किलोमीटर की दूरी तय करके दुश्मन को तबाह कर सकती है।
पूरा एशिया और अफ्रीका महाद्वीप तथा यूरोप के अधिकांश हिस्से इसकी जद में होंगे।
यह मिसाइल एक बार छोड़ दी गई तो रोकी नहीं जा सकती है।
यह भारत के मिसाइल तरकस का सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
इसे सड़क के रास्ते कहीं भी पहुंचाया जा सकता है।
इस खूबी के कारण इसे दुश्मन की उपग्रह निगाहों से भी बचाया जा सकता है।
इस मिसाइल के तकनीक का इस्तेमाल भारत दुश्मन के उपग्रहों को नष्ट कर सकेगा।
यह मिसाइल तीन स्टेज में मार करेगी।
कई और मिसाइलों का परीक्षण करेगा भारत

भारत की इस शक्तिशाली मिसाइल का निर्माण DRDO और BDL ने मिलकर किया है। सूत्रों की मानें तो भारत आने वाले दिनों में और कई बैलेस्टिक और क्रूज रेंज की मिसाइलों का परीक्षण करने वाला है। इस मिसाइल के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और आईटीआर से जुड़े सीनयर साइंटिस्ट और अफसरों का दल मौके पर मौजूद था।